बैंक में चोरी करने वाले चोर सब जानते थे, सीधे लॉकर रूम तक पहुंचेे Panipat News

पंजाब एंड सिंध बैंक में चोरी की वारदात बैंक की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ी कर रही है। चोरों ने उसका फायदा बड़ी आसानी से वारदात को अंजाम दिया।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Tue, 13 Aug 2019 04:01 PM (IST) Updated:Tue, 13 Aug 2019 04:01 PM (IST)
बैंक में चोरी करने वाले चोर सब जानते थे, सीधे लॉकर रूम तक पहुंचेे Panipat News
बैंक में चोरी करने वाले चोर सब जानते थे, सीधे लॉकर रूम तक पहुंचेे Panipat News

पानीपत, जेएनएन।  पंजाब एंड सिंध बैंक में चोरी करने वाले चोरों को हर एक चीज बखूबी पता थी। लॉकर रूम की छत से लेकर किस लॉकर में क्या रखा है। तभी तो उन्होंने न सिर्फ उसी लॉकर रूम की छत को तोड़ा बल्कि चुनिंदा लॉकर को तोड़कर चोरी की। उन्हें ये भी पता था कि बैंक के सीसीटीवी कैमरे भी काम नहीं कर रहे, तभी तो उन्होंने उन्हें भी नुकसान नहीं पहुंचाया। 

अमरभवन चौक के पास गुरुद्वारा संत नरैण भाई सिंह के परिसर स्थित गुरु नानक पब्लिक वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के 45 साल पुराने भवन में चल रहे पंजाब एंड सिंध बैंक से 1.37 करोड़ रुपये के जेवर और 8.50 लाख रुपये चोरी कर लिए गए। वजह रही बैंक की सुरक्षा रामभरोसे होना है। इसके स्ट्रांग रूम की दीवारे कमजोर थी और छत भी कंडम हालात में थी। बदमाश सनौली रोड की तरफ के मेन के पास खड़ी स्कूटी पर खड़े होकर पाइप से एसी तक पहुंचे और वहां से खिड़की ग्रिल काटकर कमरे में पहुंचे। फर्श का कंडम लेंटर, कटर, छेनी व हथौड़े से तोड़ डाला। आसानी से वारदात करके सीसीटीवी कैमरे तोड़कर चले गए।  वारदात की गुरुद्वारे में रहने वाले कलाम व चौकीदार कृष्ण और आने-जाने वाले सैकड़ों लोगों को भनक तक नहीं लगी। यह  जिले में पहली वारदात है कि जब छत तोड़कर बदमाशों ने बैंक से चोरी की है।  

हार्ड डिस्क नहीं थी, सिर्फ दिखावे के लिए सीसीटीवी कैमरे 
बैंक के अंदर और गेट के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। इनकी रिकार्डिंग के लिए हार्ड डिस्क नहीं थी। कैमरे सिर्फ दिखावे  के लिए लगे थे। बैंक में कौन आ रहा है और कौन जा रहा है यह सिर्फ बैंक की वर्किंग के दौरान ही पता चलता है। पहले व बाद की रिकार्डिंग की व्यवस्था नहीं थी। 

चोरी से बचने के लिए लिखा पत्र, फिर भी नहीं ली सुध
पंजाब एंड सिंध बैंक पंचकूला मुख्यालय के सीनियर मैनेजर प्रदीप ने बताया कि उसने शुक्रवार को ही प्रदेश की सभी ब्रांच  मैनेजर को पत्र लिखकर आगाह किया था कि शनिवार से सोमवार तक की छुट्टी है। सोमवार को ईद का पर्व है। चोरी न हो जाए इसके लिए वे सुरक्षा का पुखता प्रबंध कर लें। इसमें लापरवाही न बरतें। इसके बावजूद बैंक में चोरी हो गई। यह जांच की जाएगी कि किस स्तर पर लापरवाही हुई है। सीसीटीवी कैमरों की रिकार्डिंग न होने की उसे जानकारी नहीं है। अगर ऐसा है तो रिकार्डिंग की व्यवस्था कराकर सुरक्षा के भी प्रबंध किए जाएंगे। 

बैंक की सुरक्षा में खामी थी, इसी का बदमाशों ने फायदा उठाया
एसपी सुमित कुमार ने बताया कि बैंक की सुरक्षा खामी थी। स्ट्रांग रूम की दीवार 18 ईंच मोटी होनी चाहिये और छत भी मजबूत होनी चाहिये थी। छत कमजोर थी। इसी का बदमाशों ने फायदा उठाया। सीसीटीवी कैमरे भी चालू नहीं थे। जिले के सभी बैंक मैनेजरों से पहले भी बैठक लेकर कहा गया है कि बैंक में रात को भी सिक्योरिटी गार्ड होने चाहिए। सीसीटीवी कैमरे चालू हों और रिकार्डिंग की व्यवस्था हो। पुलिस की पांच टीमें बदमाशों का पता लगा रही है। आसपास के सीसीटीवी कैमरे की जांच की जा रही है। 

शुक्रवार रात से ही कर ली थी चोरी प्लानिंग, तैयारी के साथ आए थे बदमाश
बदमाश बैंक के चप्पे-चप्पे से वाकिफ थे। उन्होंने शुक्रवार रात से ही चोरी की वारदात की प्लानिंग शुरू कर दी थी। उन्हें पता था कि लॉकर व स्ट्रांग रूम तक कैसे पहुंचाना है। वहीं से फर्श का लेंटर काटा जहां पर स्ट्रांग रूम था। वे पूरी तैयारी के साथ फर्श काटने के औजार से लेकर रस्सी तक लेकर लाए थे। एक व्यक्ति ने पुलिस को बताया कि पड़ोस में पहले एक मकान पर सीसीटीवी कैमरा था। उसे 20 दिन पहले हटा दिया गया था। शनिवार को पड़ोसी ने बैंक के बाहर खड़ी स्कूटी की सीट पर पैर के निशान थे। आशंका है कि बदमाश स्कूटी पर खड़े होकर स्कूल के क्लास रूम की खिड़की तक पहुंचे थे। 

 

पहले वाहे गुरुजी का खालसा के नारे लगे, चोरी का पता लगते ही बेहोश हो महिलाएं 
बैंक में 200 में से 180 लॉकर महिला व पुरुषों के हैं। सोमवार सुबह बैंक के लॉकरों से चोरी की सूचना मिलते ही महिला व पुरुष बैंक चेकबुक व लॉकर की चबी लेकर बैंक पहुंचे। लोगों का आक्रोश देख पुलिसकर्मी ने बैंक से बाहर आकर बताया कि लॉकर सुरक्षित हैं। चोरी नहीं हुई है। इससे लोगों ने खुशी में वाहे गुरुजी का खालसा वाहे की गुरुजी की फतेह के नारे लगाएं। इसके एक घंटे बाद बैंक अधिकारी ने बताया कि छह लॉकरों में चोरी हुई है। ये सुनते ही महिलाएं रोने लगीं और बैंक अधिकारियों के प्रति रोष जताया। कई महिलाएं बेहोश हो गईं। कई लोग पुलिसकर्मियों से उलझ गए। उन्हें शांत कराया गया। 

बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत से हुई चोरी 
भाजपा के पूर्व मनोनीत पार्षद तरुण छोक्करा का कहना है कि 15 साल से लॉकर में मां, बहनों व अन्य परिजनों के जेवर व नकदी रखी थी। सोचा था कि लॉकर से सुरक्षित जगह नहीं है। उसका भ्रम टूट गया। चोरी बैंक के किसी कर्मचारी की वजह से हुई हैं। क्योंकि बदमाशों ने छह में से पांच उन लॉकरों को तोड़कर चोरी की है जिनमें ज्यादा जेवर व नकदी थी। 

लुट गई जमा पूंजी
वार्ड के हैंडलूम व्यवसायी अजय लखीना की पत्नी ने कहा कि लॉकर में 15 साल से मायके से शादी में मिले जेवर रखे थे। ताकि जेवर सुरक्षित रह सके। लेकिन बदमाशों ने जमा पूंजी लूट ली है। बैंक उन्हें जेवर दिलवाए। नहीं तो वे बर्बाद हो जाएंगे। 

लेंटर कमजोर था, बदमाश लूट ले गए खून-पसीने की कमाई
गैस एजेंसी मालिक रमन पुहाल ने बताया कि उसने 1997-98 में बैंक में खाता खुलवाया था। तभी से मां सुमित्रा, उनकी पत्नी, उनके बड़े भाई एडवोकेट प्रवेश पुहाल व छोटे भाई प्रशांत की पत्नी के जेवर लॉकर में रखे थे। इसमें असरफी भी थी। बैंक का लेंटर कमजोर था। इसी को तोड़ बदमाश खून-पसीने की कमाई को लूट ले गए। बैंक भी सुरक्षित नहीं तो घर पर कैसे सुरक्षा रहेगी। 

सारे जेवर ले गए 
सेक्टर-12 के हैंडलूम व्यवसायी जोगेंद्र सिंह की पत्नी रविंद्र कौर ने बताया कि बैंक के लॉकर में उसके संयुक्त परिवार की महिलाओं के जेवर रखे थे। बदमाशे उनके जेवर लूट ले गए। 

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