प्रदेश में सरसों बिजाई का लक्ष्य 6.50 लाख हेक्टेयर, ढाई गुना तक गुना तक बढ़ेगी खेती

रबी के सीजन की फसलों की बिजाई शुरू हो चुकी है। इसमें सरसों भी एक है। अबकी बार भी प्रदेश में सरसों बिजाई का लक्ष्य 6.50 लाख हेक्टेयर में रखा गया है। पिछले साल सरसों को एमएसपी से भी ज्यादा भाव मिलने से किसानों में सरसों बिजाई को लेकर उत्साह है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 08:28 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 08:28 PM (IST)
प्रदेश में सरसों बिजाई का लक्ष्य 6.50 लाख हेक्टेयर, ढाई गुना तक गुना तक बढ़ेगी खेती
प्रदेश में सरसों बिजाई का लक्ष्य 6.50 लाख हेक्टेयर, ढाई गुना तक गुना तक बढ़ेगी खेती

रामकुमार कौशिक, पानीपत

रबी के सीजन की फसलों की बिजाई शुरू हो चुकी है। इसमें सरसों भी एक है। अबकी बार भी प्रदेश में सरसों बिजाई का लक्ष्य 6.50 लाख हेक्टेयर में रखा गया है। पिछले साल सरसों को एमएसपी से भी ज्यादा भाव मिलने से किसानों में सरसों बिजाई को लेकर उत्साह है। ऐसे में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारियों की मानें तो लक्ष्य से दो से ढ़ाई गुणा ज्यादा बिजाई की उम्मीद है। बिजाई का सबसे ज्यादा लक्ष्य भिवानी, महेंद्रगढ़ व हिसार में रखा गया है। हालांकि पिछले दिनों हुई बारिश ने बिजाई के काम में खलल डालने का काम जरूर किया है। 13.65 लाख मीट्रिक टन पैदावार की संभावना

पिछले साल भी प्रदेश में सरसों बिजाई का लक्ष्य 6.50 लाख हेक्टेयर में ही रखा गया था। जिसमें 11.99 लाख मीट्रिक टन सरसों की पैदावार होने की संभावना जताई गई थी। इस बार भी सरसों बिजाई का लक्ष्य उतना ही रखा गया है। लेकिन इस बार पैदावार 13.65 लाख मीट्रिक टन की संभावना जताई गई है। यानि पिछले साल से करीब 1.66 लाख मीट्रिक टन ज्यादा। भिवानी में सबसे ज्यादा बिजाई

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा सरसों बिजाई लक्ष्य से संबंधित आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल की तरह इस बार भी सरसों बिजाई का सबसे ज्यादा लक्ष्य भिवानी में 1.31 लाख व महेंद्रगढ़ में 1.05 लाख हेक्टेयर में रखा गया है। इसके बाद हिसार में 78, रेवाड़ी में 75, सिरसा व रेवाड़ी में 62-62 हजार हेक्टेयर में सरसों बिजाई का लक्ष्य रखा गया है। हालांकि जीटी रोड बेल्ट से लगते सोनीपत, फरीदाबाद, कुरुक्षेत्र, पानीपत, कैथल, अंबाला, पंचकूला, यमुनानगर, पलवल व जींद में लक्ष्य बहुत कम है। इस साल सरसों ने खाया भाव

इस साल किसानों की सरसों ने जमकर भाव खाया। एमएसपी 4650 रुपये प्रति क्विटल था, लेकिन किसानों को राज्य की मंडियों में खुले बाजार में 8000 से 8300 रुपये प्रति क्विटल तक दाम मिले। सरसों का खुले बाजार में औसत मूल्य 7275 रुपये क्विटल आंका गया। वहीं सरसों के तेल के दाम भी हाल में आसमान छू रहे हैं। ढ़ाई गुणा तक बढ़ेगा बिजाई का रकबा

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग पानीपत के उपनिदेशक डा. वीरेंद्र देव आर्य ने बताया कि पिछले साल सरसों को एमएसपी से ज्यादा का भाव मिला था। ऐसे में इस बार लक्ष्य से दो से ढ़ाई गुणा ज्यादा रकबे में बिजाई होने की उम्मीद है। पानीपत जिले में भी एक हजार हेक्टेयर में होती थी, अबकी बार ढ़ाई हजार हेक्टेयर के करीब में होगी। उन्होंने बताया कि अच्छे दाम मिलने के साथ सरसों की फसल में सिचाई से लेकर अन्य खर्च भी बहुत कम होते हैं। साथ ही खेत की उर्वरक शक्ति भी बढ़ती है। उपनिदेशक ने बताया कि अगेती बिजाई के दौरान प्रति एकड़ दो किलोग्राम व पछेती में प्रति एकड़ ढ़ाई किलोग्राम बीज डाला जाता है।

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