अधिकारियों ने प्लाटों की निशानदेही भी कर दी, 12 साल बाद भी नहीं मिल पाया कब्जा

गांव झांबा में सरकार ने 2009 में महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना के तहत 90 लाभार्थियों को 100-100 वर्ग गज के प्लाट अलाट किए थे। अगस्त 2009 में प्लाट धारकों को रजिस्ट्री भी सौंप दी गई थी। वहीं प्लाट धारक पिछले करीब 12 सालों से अलॉट किए गए प्लाटों की निशानदेही करवाने व कब्जा लेने की मांग को लेकर अधिकारियों व नेताओं के चक्कर काट रहे थे।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 04 Jun 2021 09:46 AM (IST) Updated:Fri, 04 Jun 2021 09:46 AM (IST)
अधिकारियों ने प्लाटों की निशानदेही भी कर दी, 12 साल बाद भी नहीं मिल पाया कब्जा
अधिकारियों ने प्लाटों की निशानदेही भी कर दी, 12 साल बाद भी नहीं मिल पाया कब्जा

संवाद सहयोगी, सनौली : खंड के गांव झांबा में सरकार ने 2009 में महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना के तहत 90 लाभार्थियों को 100-100 वर्ग गज के प्लाट अलाट किए थे। अगस्त 2009 में प्लाट धारकों को रजिस्ट्री भी सौंप दी गई थी। वहीं प्लाट धारक पिछले करीब 12 सालों से अलॉट किए गए प्लाटों की निशानदेही करवाने व कब्जा लेने की मांग को लेकर अधिकारियों व नेताओं के चक्कर काट रहे थे। लाभार्थियों को प्रशासन ने प्लाटों की निशानदेही करने को लेकर वीरवार का समय दिया गया था। प्लाट धारक तो वीरवार को सुबह 9 बजे ही प्लाटों वाले स्थान के पास पहुंच गए। उनको उम्मीद दी की प्रशासन द्वारा आज ही सभी प्लाटों की निशानदेही करके उनको कब्जा दे दिया जाएगा।

वहीं प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी प्लाटों की निशानदेही वाले स्थान पर करीब 11 बजे पहुंचे और अधिकारियों व कर्मचारियों ने प्लाटों की निशानदेही भी कर दी, लेकिन प्लाट धारकों को कब्जा नहीं दिया गया है। प्लाटों का कब्जा नहीं मिलने से पिछले करीब 12 सालों से प्लाट मिलने का इंतजार कर रहे लाभार्थी मायूस हो गए।

वहीं दूसरी तरफ गांव झांबा के काफी संख्या में दूसरे पक्ष के ग्रामीण राजेश, सतपाल, श्याम, जगपाल व नरेश भी मौके पर पहुंच गए। प्रशासन द्वारा निशानदेही करने का विरोध किया। उन्हीं ग्रामीणों ने प्रशासनिक अधिकारियों को बताया कि यह जमीन गांव की शामलात देह की जमीन है और इस पर प्लाट नहीं काटे जा सकते। इस जमीन का पट्टा ग्राम पंचायत के पास है पर पंचायत को इस जमीन को किसी को देने का अधिकार ही नहीं है। ग्रामीण बोले : मामला कोर्ट में विचाराधीन

ग्रामीणों ने बताया कि इसी जमीन का केस कोर्ट में विचाराधीन है। पंचायत इसको प्लाटों के लिए नहीं दे सकती। हालांकि प्लाटों की निशानदेही के दौरान कई बार ऐसे हालात बने की प्लाट धारक व अन्य ग्रामीण आमने-सामने हो गए और उनमें आपस में धक्का-मुक्की व जमकर कहासुनी भी हुई, लेकिन मौके पर भारी पुलिस बल ने उनको समझा कर शांत कर दिया।

इस मौके पर प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों में बीडीपीओ सनौली सुरेश कुमार, तहसीलदार बापौली विन्ती, पंचायत अधिकारी एईपीओं नीटू कुमार, समालखा डीएसपी प्रदीप कुमार, सनौली थाना प्रभारी नवीन कुमार, ग्राम सचिव विरेंद्र व पटवारी मुकेश मौजूद रहे।

इस बारे में सनौली व बापौली के बीडीपीओ सुरेश कुमार ने बताया की उच्च अधिकारियों के आदेश पर वीरवार को 90 प्लाटों की करीब 3 एकड़ जमीन की निशानदेही की गई है और किसी भी प्लाट धारक को कोई कब्जा नहीं दिया गया है। उन्होंने बताया की उच्च अधिकारी भविष्य में जो भी आदेश देंगे तो उसी के अनुसार कार्य किया जाएगा।

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