जहां जहर उगल रही पराली, फि‍र वहीं खतरनाक हालात, सरकार को उठाना पड़ा ये कदम

प्रदेश सरकार के लिए पराली पर पहरा लगाना चुनौती बनता जा रहा है। नौबत ये आ गई है कि अब सैटेलाइट से निगेहबानी के बावजूद लोग मानने को तैयार नहीं। जानिए आखिर ऐसा क्या हुआ।

By Ravi DhawanEdited By: Publish:Thu, 25 Oct 2018 05:36 PM (IST) Updated:Thu, 25 Oct 2018 05:38 PM (IST)
जहां जहर उगल रही पराली, फि‍र वहीं खतरनाक हालात, सरकार को उठाना पड़ा ये कदम
जहां जहर उगल रही पराली, फि‍र वहीं खतरनाक हालात, सरकार को उठाना पड़ा ये कदम

अंबाला [दीपक बहल]: प्रदेश सरकार के लिए पराली अब साख का सवाल बन चुकी है। किसानों को जागरूक करने के साथ पराली जलाने वालों पर भी नजर रखना सरकार के लिए चुनौती साबित हो रही है। वहीं प्रदेश सरकार और प्रशासन द्वारा किसानों को पराली न जलाने को लेकर लगातार जागरूक करने के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। जानने के लिए पढिय़े दैनिक जागरण की ये विशेष खबर।

प्रदेश में पिछले साल जहां 3579 जगहों पर पराली जलाई गई। वहीं, इस बार यह आंकड़ा घटकर 2283 रह गया है। चिंताजनक बात यह है कि पिछले साल जिन गांवों में पराली को जलाया गया, इस बार भी अधिकतर उन्हीं गांवों में इसे दोहराया गया।

राज्य सरकार ने स्थिति से कराया अवगत
सेटेलाइट से प्राप्त आंकड़ों को राज्य सरकार ने सभी जिलों के डीसी से पत्राचार कर स्थिति से अवगत कराया है। प्रदेश के मुख्य सचिव डीएस ढेसी ने सभी डीसी को आदेश जारी कर कहा है कि अगले दो सप्ताह तक जिन गांवों में पराली जलाना चिह्नित हो चुका है वहां क्लास टू अधिकारी के साथ एक कर्मचारी निगाह रखने को नियुक्त किया जाए। प्रयास ऐसे हों कि अब इन गांवों में अगले दो सप्ताह तक कोई नया मामला न आ पाए।

पराली जलाने की जगह और गांव चिह्नित
सूत्रों के मुताबिक मुख्य सचिव ने बताया कि 20 अक्टूबर 2018 तक प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश के 13 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की रोपाई हुई थी। जिसमें 8.88 लाख हेक्टेयर फसल की कटाई हो चुकी है। शेष क्षेत्र में पराली न जलाई जाए इसको लेकर किसानों को विशेष रूप से जागरूक करना होगा। 27 अगस्त को सभी डीसी को सर्कुलर जारी लिखित आदेश दिए गए कि कम से कम 30 गांव चिह्नित किए जाएं जहां पराली जलाने के ज्यादा मामले आते हैं। 95 फीसद गांवों ऐसे चिह्नित हुए हैं, जहां अवशेष जलाने के मामले अधिक थे। इन सभी गांवों की सूची तैयार कर कृषि विभाग के अधिकारियों से सांझा कर लिखित आदेश दें कि कर्मचारी यहां जाकर ड्यूटी करें। साथ ही चेताया कि इस मामले को हलके में लेने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

कर्मियों की लगाई ड्यूटी
डीसी शरणदीप कौर बराड़ ने बताया कि कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी गई है। केवल 10.09 हेक्टेयर क्षेत्र में ही अब तक पराली जलाई गई है। पराली के वैज्ञानिक प्रबंधन के लिए जिले में 45 कस्टम हायरिंग सेंटरों में उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं। किसानों को अनुदान के लिए 3.10 करोड़ की राशि भी दी जा चुकी है।

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