अल्जाइमर और डिमेंशिया में अंतर को समझना होगा: डा. मोना

विश्व अल्जाइमर दिवस दिवस पर सिविल अस्पताल के ओपीडी ब्लाक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 05:50 AM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 05:50 AM (IST)
अल्जाइमर और डिमेंशिया में अंतर को समझना होगा: डा. मोना
अल्जाइमर और डिमेंशिया में अंतर को समझना होगा: डा. मोना

जागरण संवाददाता, पानीपत : विश्व अल्जाइमर दिवस दिवस पर सिविल अस्पताल के ओपीडी ब्लाक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान मानसिक रोग विशेषज्ञ डा. मोना नागपाल ने लोगों को बताया कि अल्जाइमर और डिमेंशिया, दोनों भूलने की बीमारी हैं। इन दोनों के बीच के अंतर को समझने की जरूरत है।

डा. नागपाल ने बताया कि अल्जाइमर का खतरा मस्तिष्क में प्रोटीन की संरचना में गड़बड़ी होने के कारण बढ़ता है। यह एक मस्तिष्क से जुड़ी बीमारी है, जिसमें व्यक्ति धीरे-धीरे अपनी याददाश्त खोने लगता है। अल्जाइमर और डिमेंशिया में दिमाग सिकुड़ जाता है, सक्रियता कम होने लगती है। डिमेंशिया 70-75 वर्ष आयु के बाद होता है, जबकि अल्जाइमर ऐसी बीमारी है, जिसे होने के लिए किसी उम्र की कोई सीमा ही नहीं है। यह बीमारी जेनेटिक भी हो सकती है। सामाजिक समस्या से भी हो सकती है। पारिवारिक तनाव या प्रदूषण से भी हो सकती है।

महिलाओं को अल्जाइमर का खतरा अधिक रहता है। इस मौके पर डा. ललित वर्मा सहित जिला मानसिक स्वास्थ्य की टीम मौजूद रही। इसके अलावा सनौली रोड स्थित ओल्ड एज होम में रह रहे बुजुर्गों को भी काउंसलर रवि ने जागरूक किया। अल्जाइमर के लक्षण

- परिवार के सदस्यों को न पहचाना।

- नींद पूरी नहीं आना।

- रखी हुई वस्तुओं को जल्दी भूल जाना।

- आंखों की रोशनी कम होने लगना।

- छोटे-छोटे कामों को करने में भी परेशानी होना।

- निर्णय लेने की क्षमता पर प्रभाव पड़ना।

- तनाव में रहना, डर जाना। अल्जाइमर से बचाव

- रक्तचाप व शुगर नियंत्रित रखें।

- मोटापा पर नियंत्रण जरूरी।

- नियमित रूप से व्यायाम करें।

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