पच्चीस लाख दिए बिना ठेकेदार उठा रहा था मलबा, डिप्टी सिविल सर्जन ने रोका

नागरिक अस्पताल में पुरानी बिल्डिंग का मलबा ठेकेदार बिना पैसे दिए उठा रहा था। सिविल सर्जन ने मौके पर पहुंचकर उसे रोका।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 08:51 PM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 08:51 PM (IST)
पच्चीस लाख दिए बिना ठेकेदार उठा रहा था मलबा, डिप्टी सिविल सर्जन ने रोका
पच्चीस लाख दिए बिना ठेकेदार उठा रहा था मलबा, डिप्टी सिविल सर्जन ने रोका

30 जुलाई को हुई थी पुरानी बिल्डिंग की नीलामी, चार अगस्त तक करानी है रकम जमा

जागरण संवाददाता, पानीपत : सिविल अस्पताल की पुरानी बिल्डिग के मलबे की नीलामी जिस ठेकेदार के नाम छूटी थी, वह रकम जमा किए बिना ही सामान ट्रैक्टर-ट्राली में ले जाने लगा है। सूचना मिलने पर डिप्टी सिविल सर्जन (कंस्ट्रक्शन कार्य) डा. कर्मवीर चोपड़ा ने मौके पर ठेकेदार को रोका।

अस्पताल की पुरानी बिल्डिग के मलबे की नीलामी की बोली 30 जुलाई को संपन्न हुई थी। नीलामी कमेटी में सिविल सर्जन डा. जितेंद्र कादियान, एसडीएम धीरज चहल, पीडब्ल्यूडी एक्सईएन अजीत सिंह, जिला परिषद के अकाउंट अफसर संजीव दहिया, डीसी आफिस के अकाउंट आफिसर दलपत सिंह और कृषि विभाग ने एक अधिकारी शामिल थे।आदित्य इंटरप्राइजेज, सोनीपत ने उच्चतम बोली 25 लाख रुपये बोलकर नीलामी अपने नाम की थी। पांच लाख रुपये फर्म ने जमा करा दिए थे, बाकी रकम चार अगस्त तक जमा करानी थी। इसके बाद तोड़फोड़ व माल उठाना शुरू करना था। ठेकेदार ने नीलामी की शर्तों का उल्लंघन करते हुए मंगलवार को माल निकालना शुरू कर दिया। मौके पर पहुंचे डा. कर्मवीर चोपड़ा, स्वास्थ्य निरीक्षक सतीश मौके पर पहुंचे।

ठेकेदार को कड़े निर्देश दिए कि पहले रकम जमा कराएं, तब तोड़फोड़ और माल बाहर निकालना शुरू करें। ठेकेदार ने तर्क दिया तक कुछ नशेड़ी लोहे की विडो चुराकर ले जाने लगे थे, इसलिए माल बाहर निकालना शुरू किया है।

किशोर से कराया जा था कठिन परिश्रम

ठेकेदार ने एक किशोर को पुरानी ईंटों से सीमेंट छुड़ाने के काम में लगाया हुआ था। उससे पूछा तो बताया की दादी भी यहीं मजदूरी कर रही है। पांचवी कक्षा के इम्तिहान दिए हैं। हालांकि, वही अपनी सही उम्र नहीं बता सका। डा. चोपड़ा ने ठेकेदार को स्पष्ट निर्देश दिए कि बच्चों से काम नहीं कराया जाए।

क्या कहता है बाल श्रम कानून

14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से श्रम कराना गैर-कानूनी घोषित किया गया है। 14 साल का किशोर यदि पढ़ाई कर रहा है तो वह अपने अभिभावकों के सहयोग के लिए उनके साथ हल्का कार्य कर सकता है। उद्योग-कारखानों सहित उनसे कठिन काम नहीं लिया जा सकता।

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