ई-वॉलेट यूज करते समय बरतें सावधानी, नहीं तो हो सकता है खाता खाली

साइबर क्राइम के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ई वॉलेट यूज करते समय जरा सी लापरवाही भारी पड़ सकती है। ठग आपका बैंक खाता तक खाली कर सकते हैं। ऐसे में रुपये लेते या देते समय सावधानी बरतें।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Wed, 20 Jan 2021 05:45 PM (IST) Updated:Wed, 20 Jan 2021 05:45 PM (IST)
ई-वॉलेट यूज करते समय बरतें सावधानी, नहीं तो हो सकता है खाता खाली
यमुनानगर में साइबर ठग ई वॉलेट के जरिए ठगी कर रहे।

पानीपत/यमुनानगर, जेएनएन। डिजिटल माध्यम से लेन देन करते समय सावधानी बरतने की जरूरत है। यहां पर पैसा मंगवाने के लालच में खाता खाली हो सकता है। ऐसा ही अलाहर निवासी प्रदीप कुमार के साथ हुआ। उनके पास किसी ने कॉल कर गूगल एप से पैसे भेजने की बात कही। विश्वास दिलाने के लिए पहले पांच रुपये भेजे। जैसे ही यह पैसा रिसीव किया, तो थोड़ी देर बाद उनके खाते से तीन बार में 88 हजार रुपये साफ हो गए।

प्रदीप की रिलायंस पेट्रोल पंप के पास कांबोज कार शिंगर के नाम से दुकान है। उनके मोबाइल पर अनजान नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को आर्मी में बताते हुए साहिल नाम से परिचय दिया। आरोपित ने कहा कि उसे अपनी ब्रेजा कार में सीट कवर लगवाने है। इसके लिए वह पैसा गूगल पे से ट्रांसफर करेगा। उसने पहले मोबाइल पर पांच रुपये भेजे। पैसा भेजने के कुछ देर बाद उल्टा उनके खाते से पैसे कट गए। वह तुरंत आइसीआइसीआइ बैंक में गए और खाता ब्लाक कराया। पुलिस ने फिलहाल मामले में केस दर्ज कर लिया।

पहले भी हो चुकी इसी तरह से ठगी

इससे पहले मधु कालोनी की लेक्चरार की बेटी के खाते से 90 हजार रुपये साफ हो गए। जिस आरोपित ने उन्हें कॉल की थी। उसने भी खुद को सेना में बताया और उनका मकान किराए पर लेने की बात कही थी। अारोपित ने बातों में उलझाकर उन्हें दो माह का एडवांस किराया खाते में भेजने के लिए कहा। जिस पर उसे मोबाइल से एसबीआइ का खाता नंबर दिया। आरोपित ने कहा था कि पैसे गूगल पे से ट्रांसफर नहीं हो रहे हैं। इसलिए क्यू आर कोड स्कैन करो। जैसे ही कोड स्कैन किया, तो उनकी बेटी के खाते से अलग-अलग कर 90 हजार रुपये कट गए थे। इस मामले में भी केस दर्ज हुआ था। बैंक से पता लगा था कि यह पैसा मुंबई में एनएसडीएल बैंक के खाते से निकलवाया गया है।

ये सावधानी जरूरी

किसी के कहने पर भेजे गए लिंक से मोबाइल में कोई एप डाउनलोड न करें।

एनी डेस्क और क्विक सपोर्ट की आइडी किसी अनजान व्यक्ति को न बताएं।

किसी के भेजे क्यूआर कोड को स्कैन न करें।

किसी के भेजे अनजान लिंक को न खोलें।

किसी को भी अपने एटीएम कार्ड या ओटीपी की जानकारी न दें।

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