कोरोना काल में पशुधन का भी रखें पूरा ख्याल, जानिए विशेषज्ञों की राय

कोरोना महामारी के दौर में लोग पशुधन का ख्‍याल नहीं रख पा रहे हैं। ऐसे में वरिष्ठ पशु चिकित्सक तरसेम राणा ने सलाह दी है कि ऐसी महामारी में पशु धन का ख्‍याल जरूर रखें। उनका आहार और वर्तमान मौसम में नजर बनाए रखें।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 05:28 PM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 05:28 PM (IST)
कोरोना काल में पशुधन का भी रखें पूरा ख्याल, जानिए विशेषज्ञों की राय
कोरोना संकट के इस काल में पशुओं का जरूर ध्‍यान रखें।

करनाल, जेएनएन। कोरोना संकट के इस काल में पशु पालक अपने पशुधन का भी चौकसी के साथ पूरा ध्यान रखें। उन्हें घर में ही मौजूद पोषक आहार दें और वर्तमान मौसम को ध्यान में रखते हुए ख़ूब पानी पिलाते रहें। 

पशुपालकों को मौजूदा हालात के मद्देनजर यह अहम सलाह वरिष्ठ पशु चिकित्सक और निसिंग पशु चिकित्सालय के प्रभारी डा. तरसेम राणा ने दी है। महामारी के दौर में कोरोना से खुद को बचाने और पशुओं की भी उचित देखभाल के उपायों पर चर्चा करते हुए डा. राणा ने जोर दिया कि ऐसे मौसम में अपनी देखभाल करने के साथ-साथ मवेशियों का भी पूरा ध्यान रखना जरूरी है। इस मौसम में हरे चारे का अभाव हो जाने से पशुओं को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यदि हरा चारा उपलब्ध न हो तो घर और खेत में जो उपलब्ध हो, उसी से काम चलाया जाए। पशुओं को खूब पानी पिलाएं और सूखे चारे के साथ तेल या घी के साथ आटे का पेड़ा बनाकर दो-तीन दिन के अंतराल पर दिया जाए। यह पशुओं का पेट ठीक रखने में मदद करेगा। 

डा. तरसेम ने बताया कि जिस मौसम में हरा चारा अधिक होता है, उसी समय किसानों को उसे कम चारे वाले दिनों के लिए अचार बनाकर रख लेना चाहिए। क्षेत्र में अनेक उन्नतिशील किसान अब अपने स्तर पर अचार तैयार करने लगे हैं। यह अचार बाज़ार में भी आसानी से उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि इसे बनाने की विधि बहुत जटिल नहीं है और अधिक से अधिक किसानों को इसे अवश्य सीखना चाहिए।

अवश्य कराएं मवेशियों का बीमा 

डा. तरसेम ने मवेशियों का बीमा कराने पर जोर देते हुए कहा कि सभी किसानों को अपने पशुधन का बीमा अवश्य करवाना चाहिए। उन्होंने बताया कि पशु बीमा का प्रीमियम मात्र 100 रुपये होता है। दूध की उपलब्धता के अनुसार पशुओं के बीमे की राशि तय की जाती है। उदाहरण के तौर पर यदि 20 लीटर तक दूध देने वाला पशु हो तो 80000 रुपये तक का बीमा हो सकता है। बीमा हो जाने पर इसकी एक प्रति किसानों को भी दे दी जाती है। उन्होंने पशुओं का पेट ठीक रखने के लिए ज्वार का अचार बनाने की सलाह दी।

एनडीआरआइ ने भी जारी की एडवायजरी 

कोरोना काल में कायम संवेदनशील स्थिति को देखते हुए करनाल स्थित राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान की ओर से भी एडवायजरी जारी की जा चुकी है। इसमें पशुओं और विशेष रूप से दुधारू मवेशियों का ध्यान रखने से जुड़ी बहुपयोगी जानकारी दी गई है। इसका विस्तृत ब्यौरा एनडीआरआइ की वेबसाइट पर भी अपलोड किया गया है। जबकि पशुपालकों के सवालों, समस्याओं और शंकाओं का समाधान करने के लिए हैल्पलाइन फोन सेवा भी शुरू की गई है।

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