बढ़ेगी चीनी मिलों की क्षमता, राज्य सरकार ने ये उठाया कदम

सहकारी चीनी मिलों की क्षमता को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने सौगात दी है। चीनी मिलों के घाटे को पूरा करने के लिए राज्य सरकार ने कुछ इस तरह का उठाया है कदम।

By Ravi DhawanEdited By: Publish:Wed, 21 Nov 2018 05:24 PM (IST) Updated:Wed, 21 Nov 2018 08:08 PM (IST)
बढ़ेगी चीनी मिलों की क्षमता, राज्य सरकार ने ये उठाया कदम
बढ़ेगी चीनी मिलों की क्षमता, राज्य सरकार ने ये उठाया कदम

पानीपत/कुरुक्षेत्र, जेएनएन। प्रदेश के सहकारिता राज्यमंत्री मनीष ग्रोवर ने कहा कि प्रदेश की सभी सहकारी चीनी मिलों की क्षमता को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार की तरफ से एक हजार करोड़ रुपये खर्च किया जाएगा।

 सहकारी चीनी मिलों के 10 प्रतिशत घाटे को इस साल पूरा करने के लिए चीनी मिलों के खर्चों में 10 प्रतिशत की कटौती करने का प्रयास किया जाएगा। सहकारिता राज्य मंत्री मनीष ग्रोवर ने शाहाबाद सहकारी चीनी मिल के पिराई सत्र का शुभारंभ किया। उनके साथ राज्यमंत्री कृष्ण कुमार बेदी भी थे।  इस सीजन में किसानों को गन्ने की फसल की डिलीवरी के लिए 3 से 4 घंटे का ही इंतजार करना पड़ेगा।

त्योहार की वजह से पिराई सत्र देर से शुरू
वर्ष 2018-19 में 90 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई, 11 प्रतिश्त शुगर रिकवरी, 10.89 लाख ङ्क्षक्वटल चीनी व लगभग 26 करोड़ रुपये मूल्य की बिजली निर्यात का लक्ष्य रखा गया है। पिछले वर्ष 30 अक्टूबर से शुरू किए गए पिराई सत्र में चीनी मिलों की क्षमता कम होने के बावजूद 500 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई की गई, लेकिन इस बार त्यौहारों के कारण पिराई सत्र में कुछ देरी हुई है, लेकिन किसानों का सारा गन्ना लिया जाएगा और समय से पहले किसानों के खेत खाली कर दिए जाएंगे। इस अवसर पर उन्होंने गन्ना किसानों को सम्मानित किया। राज्यमंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने कहा कि सरकार ने किसानों की गन्ने की फसल का भुगतान करने के लिए 155 करोड़ रुपये का ऋण लिया और इसमें से 33 करोड़ रुपये फसल के भुगतान के लिए शाहाबाद शुगर मिल को भी मुहैया करवाए।

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