मौसम ने ली करवट, आंधी से कहीं पेड़ उखड़े, कहीं पोल गिरे, रात भर गुल रही बिजली, हुआ जलभराव
वीरवार रात अचानक मौसम ने करवट ली। तेज अंधड़ के साथ झमाझम बारिश हुई। कई जगह पेड़ उखड़ गए। बिजली के कई पोल गिर गए। इससे यातायात प्रभावित रहा। जलभराव ने भी परेशानी खड़ी की। 15 जून तक प्री मानसून की गतिविधियां जारी रहेंगी।
करनाल, जेएनएन। वीरवार की रात मौसम ने करवट बदली। अचानक हुई बरसात से जहां लोगों को गर्मी से राहत मिली। वहीं अंधड़ के कारण कई जगह पेड़ व बिजली के पोल गिर गए। इससे यातायात बाधित हुआ तो कई इलाकों में बिजली गुल रही। शहर में कई जगह जलभराव से लोगों को परेशानी हुई।
वीरवार रात करीब दस बजे मौसम के रुख में अचानक बदलाव आया। पहले तेज आंधी चली और इसके फौरन बाद झमाझम बरसात शुरू हो गई। इसी के साथ शहर के कई इलाकों में बिजली आपूर्ति ठप हो गई। जिले में कई जगह पेड़ और बिजली के पोल गिरने की भी खबर है। वहीं सड़कों और गलियों में जल भराव के कारण लोगों को आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ा। वहीं, मौसम में बदलाव के कारण तापमान में गिरावट दर्ज की गई, जिससे लोगों को राहत मिली। शुक्रवार सुबह अधिकतम तापमान में करीब दो डिग्री और न्यूनतम तापमान में पांच डिग्री गिरावट दर्ज की गई। वीरवार को अधिकतम तापमान 36 डिग्री था जबकि न्यूनतम तापमान का स्तर 27 डिग्री सेल्सियस रहा।
बढ़ेगा बरसात का आंकड़ा
मौसम के जानकारों की मानें इस माह प्री मानसून की गतिविधियां 15 जून तक देखने को मिल सकती हैं। इससे बरसात के आंकड़े में इजाफे की प्रबल संभावना है। मौसम विभाग का मानना है कि प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में तेज हवा के साथ बरसात का सिलसिला जारी रह सकता है। मौसम विभाग के अनुसार शुक्रवार के बाद एक बार फिर अगले कुछ दिन तक हल्की या तेज बरसात का सिलसिला जारी रह सकता है। इसे प्री मानसून की गतिवधियों का असर माना जा रहा है।
टीमें करेंगी नालों की सफाई
इस बीच बरसात का सिलसिला शुरू होने के चलते नगर निगम प्रशासन ने भी कमर कस ली है। निगम आयुक्त मनोज कुमार ने 25 जून तक हर हाल में नालों की सफाई करने की ताकीद की है। उन्होंने बरसाती मौसम के मद्देनजर सभी छोटे-बड़े नालों की सफाई के लिए निगम के सफाई निरीक्षकों को 25 जून तक लक्ष्य दिया। उन्होंने स्वच्छता अधिकारी से कहा कि इसके लिए सभी क्षेत्रों में अलग-अलग टीमें लगाई जाएं ताकि समय रहते सफाई संभव हो सके।
करनाल में बारिश के बाद सड़कों पर भरा पानी।
किसानों के लिए फायदेमंद
बरसात का सिलसिला अगर इसी प्रकार जारी रहा तो इसका किसानों को फायदा मिल सकता है। खासकर, जीरी की रोपाई करने वाले किसानों के लिए यह बेहतर स्थिति मानी जा रही है क्योंकि उन्हें बरसात के चलते अपेक्षाकृत कम पानी लगाना पड़ेगा। तापमान में गिरावट से उन्हें फसल के उत्पादन में भी लाभ मिलेगा। उल्लेखनीय है कि निर्धारित शेड्यूल के तहत 15 जून से जीरी की रोपाई शुरू होनी है।
कैथल में तूफान के बाद बारिश, गर्मी से मिली राहत
कैथल में भी वीरवार रात को अचानक मौसम बदल गया। रात को दस बजे के करीब तेज तूफान आया। उसके बाद बरसात होना शुरू हो गई। जहां तेज तूफान से पेड़ पौधे गिरे हुए दिखाई दिए। वहीं लोगों को बरसात के बाद गर्मी से राहत मिली। बता दें कि पिछले दो दिनों से तापमान 42 डिग्री सेल्सियस को पार कर चुका था। गर्मी ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया था। दोपहर के समय सड़कें सुनसान दिखाई दे रही थी। मौसम विभाग के विज्ञानी रमेश चंद्र के अनुसार अगले दो दिनों तक इसी तरह से मौसम रहने की संभावना है। वहीं बरसात से किसानों को भी फायदा होगा, क्योंकि धान की रोपाई के लिए जो पनीरी लगाई हुई थी वह भीषण गर्मी के कारण प्रभावित हो रही थी, इस बरसात से फायदा मिलेगा। शुक्रवार को सुबह मौसम साफ रहा और तेज धूप निकली।
तेज तूफान से गिरे पेड़
रात को साढ़े दस बजे तूफान आने से कई जगहों पर पेड़ गिर गए। हालांकि ज्यादातर खेतों की तरफ पेड़ गिरने से वाहन चालकों को कोई परेशानी नहीं आई। वहीं गांव में तेज तूफान के कारण बिजली सप्लाई ठप रही। तूफान के कारण कई घरों की छतों पर रखी पानी की टंकियों के ढक्कन उड़ गए। कमेटी चौक पर पेड़ गिरने से काफी समय तक रास्ता बाधित रहा।
किसानों के लिए राहत भरी बरसात
बरसात के बाद किसानों के चेहरे खिल गए है। जहां कई दिनों से पड़ रही गर्मी से फसलों को सिंचाई की आवश्यकता हो गई थी। नरमा कपास की फसल पर पीलापन दिखाई दे रहा था। धान की पनीरी किसान तैयार कर रहे है, उसके भी पौधे तापमान ज्यादा होने के कारण सूखना शुरू हो गए थे। किसानों को बरसात के बाद राहत मिली है। 15 जून से धान रोपाई का सीजन शुरू है। किसानों ने खेतों में पानी छोड़ना शुरू कर दिया है। आगामी दिनों में भी किसानों को बरसात की जरूरत है।
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