स्‍वाद के संग सेहत के लिए बेजोड़ है रसीली लीची, पत्‍ते भी गुणकारी, जानें इसके 10 लाभ व कैसे करें सेवन

रसीली लीची स्‍वाद ही सेहत से भी भरपूर होती है। इसके पत्‍ते भी बहुत गुणकारी और स्‍वास्‍थ्‍य के लिए फायदेमंद हैं। यह कई रोगाें में रा‍हत देता है। डाक्‍टरों का कहना है कि लीची के सही तरीके से सेवन से डायबिटीज सहित कई बीमारियाें में लाभ होता है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Fri, 02 Jul 2021 02:33 PM (IST) Updated:Sat, 03 Jul 2021 07:53 AM (IST)
स्‍वाद के संग सेहत के लिए बेजोड़ है रसीली लीची, पत्‍ते भी गुणकारी, जानें इसके 10 लाभ व कैसे करें सेवन
रसीली लीची स्‍वाद के संग सेहत के लिए भी बेजोड़ है। (सांकेतिक फोटो।)

पानीपत, [रवि धवन]। रसीला लीची स्‍वाद ही सेहत मे भी बेजोड़ है। इसके सही तरीके से सेवन से कई रोगों में राहत मिलती है। इसके पत्‍ते भी बहुत गुणकारी और कई रोगाें में फायदेमंद हैं। डाक्‍टरों का कहना है कि लीची को सही तरीके और मात्रा में खाने से डायबिटीज सहित कई रोगाें में राहत मिलती है। हरियाणा के यमुनानगर सहित कई क्षेत्रों में भी इस फल की खूब खेती होती है। 

पेड़ का रसगुल्ला लीची, पत्ते भी बड़े काम के, गले का दर्द होता है ठी

इन दिनों लीची खूब बिक रही है। लीची को पसंद करने वाले इसे 'पेड़ का रसगुल्ला' भी कहते हैं। गर्मी के मौसम में लीची खाने के बहुत फायदे हैं। डाक्‍टरों व डा‍यटिशियन के अनुसार, गठिया के दर्द, वात और पित्त दोष को लीची कम करती है। इसका वानस्पतिक नाम चाइनेन्सिस है। उर्दू में इसे लीचूर, उडि़या में लीसी, तमिल में इलाइची कहा जाता है। डाक्‍टरों के अनुसार, मधुमेह को नियंत्रण करने में ये फल सहायक है। इसके पत्ते भी काम हैं। इसके तने की छाल का काढ़ा बनाकर कुल्ला करने पर मुंह के रोग में राहत मिलती है।

डाइटिशियन श्रेया मिड्ढा ने बताया कि कई बार गले में दर्द होने के बाद बुखार हो जाता है। लीची खाने से राहत मिलती है। वैसे इसके पेड़ की छाल, फूल के काढ़े से गरारा करने पर गले दर्द में आराम मिलता है। लीची के पौधे घरों और बाग में लगाए जाते हैं।

आयुर्वेदिक व प्राकृतिक चिकित्‍सकों व डायटिशियन के अनुसार लीची के दस फायदे-

1- बदहजमी, दस्त जैसी शिकायत पर लीची का सेवन करें। वैसे इसके फल या गूदे को पीसकर लें तो पेट संबंधी समस्या दूर होती है। 2- कई बार आपने देखा होगा कि हाथ, पैर बिना कारण हरकत करने लगते हैं। लीची का सेवन करने से इस तरह की समस्या से राहत पा सकते है। इसके बीज में है तंत्रिका तंत्र विकार का उपचार। 3- कोरोना संक्रमण के पोस्ट कोविड मरीज आ रहे हैं। उन्हें तनाव ने घेर लिया है, नींद कम आ रही है। ऐसे लोग लीची का सेवन करें। मधुमेह दूर होने के साथ सकारात्मक ऊर्जा आएगी। 4- इन दिनों स्वास्थ्य की बात होती है तो रोग प्रतिरोधक क्षमता की चर्चा जरूर होती है। यह मीठा फल हमारे इम्युन सिस्टम को भी मजबूत करता है। 5- रिसर्च कहती हैं कि फल और पत्तियों के सेवन से कैंसर से भी लड़ा जा सकता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने से रोग दूर रहते हैं। 6- डाइटिशियन तो वजन कम करने के लिए लीची का सेवन करने की सलाह देते हैं। जल, आलिगनाल तत्त्व होने के कारण ये शरीर से टाक्सीन को बाहर निकालते हैं। इससे वजह नियंत्रित होता है। लैक्सटिव गुण के कारण भी वजन कम होता है। 7- त्वचा में नमी बनी रहती है। बालों का रुखापन कम हो सकता है। बालों के झड़ने पर रोक लगती है। 8- कब्ज जैसी समस्या दूर होती है। पाचन क्रिया मजबूत होती है। 9- हार्ट अटैक से बचाने में भी लीची काम की है। चूंकि इसमें एंटी आक्सीडेंट और विटामिन सी होता है। रक्त वाहिनियों को संकुचित होने से रोकती है। रक्त संचार सामान्य बना रहता है। हृदय को मजबूत बनाने में सहयोगी है। 10- कीड़ों के काटने पर दर्द से निजात दिलाने में लीची काम आती है। इसके पत्तों को पीसकर कीड़े काटने की जगह पर लगाएं। जलन, दर्द और सूजन से छुटकारा मिलता है।

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पानीपत के सनौली का एक लीची फार्म।

 इस बार रेट ज्यादा मिला

सनौली में 15 एकड़ में बागवानी करने वाले सुधीर ने बताया कि इस बार लीची फल का ज्यादा रेट मिला है। पिछली बार रेट 80 रुपये प्रति किलो था, इस बार 90 से 100 तक पहुंचा है। फल भी अच्छा आया है। वैसे देहरादून से ज्यादा बेहतर लीची यमुना किनारे की होती है। यहां का वातावरण बेहतर है। एक पेड़ पर करीब दो क्विंटल फल हो जाता है।

 ( डिसक्‍लेमर: इस आलेख में दिए तथ्‍यों की जागरण.कॉम पुष्टि नहीं करता है। किसी बीमारी के इलाज के लिए लीची का उपयोग करने से पहले अपने डाक्‍टर, आयुर्वेदिक चिकित्सकों और डाइ‍टिशियन से जरूर सलाह लें।)

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