स्वाद के संग सेहत के लिए बेजोड़ है रसीली लीची, पत्ते भी गुणकारी, जानें इसके 10 लाभ व कैसे करें सेवन
रसीली लीची स्वाद ही सेहत से भी भरपूर होती है। इसके पत्ते भी बहुत गुणकारी और स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं। यह कई रोगाें में राहत देता है। डाक्टरों का कहना है कि लीची के सही तरीके से सेवन से डायबिटीज सहित कई बीमारियाें में लाभ होता है।
पानीपत, [रवि धवन]। रसीला लीची स्वाद ही सेहत मे भी बेजोड़ है। इसके सही तरीके से सेवन से कई रोगों में राहत मिलती है। इसके पत्ते भी बहुत गुणकारी और कई रोगाें में फायदेमंद हैं। डाक्टरों का कहना है कि लीची को सही तरीके और मात्रा में खाने से डायबिटीज सहित कई रोगाें में राहत मिलती है। हरियाणा के यमुनानगर सहित कई क्षेत्रों में भी इस फल की खूब खेती होती है।
पेड़ का रसगुल्ला लीची, पत्ते भी बड़े काम के, गले का दर्द होता है ठी
इन दिनों लीची खूब बिक रही है। लीची को पसंद करने वाले इसे 'पेड़ का रसगुल्ला' भी कहते हैं। गर्मी के मौसम में लीची खाने के बहुत फायदे हैं। डाक्टरों व डायटिशियन के अनुसार, गठिया के दर्द, वात और पित्त दोष को लीची कम करती है। इसका वानस्पतिक नाम चाइनेन्सिस है। उर्दू में इसे लीचूर, उडि़या में लीसी, तमिल में इलाइची कहा जाता है। डाक्टरों के अनुसार, मधुमेह को नियंत्रण करने में ये फल सहायक है। इसके पत्ते भी काम हैं। इसके तने की छाल का काढ़ा बनाकर कुल्ला करने पर मुंह के रोग में राहत मिलती है।
डाइटिशियन श्रेया मिड्ढा ने बताया कि कई बार गले में दर्द होने के बाद बुखार हो जाता है। लीची खाने से राहत मिलती है। वैसे इसके पेड़ की छाल, फूल के काढ़े से गरारा करने पर गले दर्द में आराम मिलता है। लीची के पौधे घरों और बाग में लगाए जाते हैं।
आयुर्वेदिक व प्राकृतिक चिकित्सकों व डायटिशियन के अनुसार लीची के दस फायदे-
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पानीपत के सनौली का एक लीची फार्म।
इस बार रेट ज्यादा मिला
सनौली में 15 एकड़ में बागवानी करने वाले सुधीर ने बताया कि इस बार लीची फल का ज्यादा रेट मिला है। पिछली बार रेट 80 रुपये प्रति किलो था, इस बार 90 से 100 तक पहुंचा है। फल भी अच्छा आया है। वैसे देहरादून से ज्यादा बेहतर लीची यमुना किनारे की होती है। यहां का वातावरण बेहतर है। एक पेड़ पर करीब दो क्विंटल फल हो जाता है।
( डिसक्लेमर: इस आलेख में दिए तथ्यों की जागरण.कॉम पुष्टि नहीं करता है। किसी बीमारी के इलाज के लिए लीची का उपयोग करने से पहले अपने डाक्टर, आयुर्वेदिक चिकित्सकों और डाइटिशियन से जरूर सलाह लें।)