गांव कुटानी और खलीला प्रह्लादपुर में उप स्वास्थ्य केंद्रों की बनेंगी बिल्डिग

ग्रामीण क्षेत्र में प्राथमिक चिकित्सा मुहैया कराने के 90 उप स्वास्थ्य केंद्र बने हुए हुए हैं। इनमें से कुछ स्वास्थ्य विभाग की भूमि पर तो कुछ की भूमि का मालिकाना हक अन्य के नाम है। स्वास्थ्य विभाग ने अपनी भूमि में बने जर्जर भवनों को तोड़कर नए भवन बनाने की तैयारी कर ली है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 08:00 PM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 08:00 PM (IST)
गांव कुटानी और खलीला प्रह्लादपुर में उप स्वास्थ्य केंद्रों की बनेंगी बिल्डिग
गांव कुटानी और खलीला प्रह्लादपुर में उप स्वास्थ्य केंद्रों की बनेंगी बिल्डिग

जागरण संवाददाता, पानीपत : ग्रामीण क्षेत्र में प्राथमिक चिकित्सा मुहैया कराने के 90 उप स्वास्थ्य केंद्र बने हुए हुए हैं। इनमें से कुछ स्वास्थ्य विभाग की भूमि पर तो कुछ की भूमि का मालिकाना हक अन्य के नाम है। स्वास्थ्य विभाग ने अपनी भूमि में बने जर्जर भवनों को तोड़कर, नए भवन बनाने की तैयारी कर ली है। इसी कड़ी में गांव कुटानी, गांव खलीला प्रह्लादपुर में नए भवन बनाए जाएंगे।

डिप्टी सिविल सर्जन डा. कर्मवीर चोपड़ा ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि दोनों उप स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण में करीब 56 लाख रुपये की लागत आएगी। पीडब्ल्यूडी को निर्माण कार्य करना है,रकम विभाग के खाते में पहुंच चुकी है। दोनों केंद्रों के जर्जर भवनों के मलबे की खुली बोली दिसंबर के प्रथम सप्ताह में कराई जाएगी। मलबे की रिजर्व कीमत करीब 75-75 हजार रुपये आंकी गई है। बोली इससे आगे शुरू होगी।

इस संबंध में सिविल सर्जन डा. जितेंद्र कादियान, तहसीलदार डा. कुलदीप सिंह व पीडब्ल्यूडी के एसडीओ रामपाल जागलान के साथ मीटिग हो चुकी है। एसडीओ रामपाल जागलान ने बताया कि नीलामी स्वास्थ्य विभाग को करानी है। हमें भूमि खाली और समतल चाहिए। मलबा उठते ही निर्माण कार्य शुरू करा दिया जाएगा। विभाग की सबसे छोटी इकाई

उप स्वास्थ्य केंद्र को विभाग की सबसे छोटी इकाई कहा जाता है। सेंटर के अंतर्गत मातृ और बाल स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, पोषण, टीकाकरण, दस्त नियंत्रण, स्वास्थ्य जागरूकता जैसी सेवाएं प्रदान करने से जुड़े काम सौंपे जाते हैं। यहां दो एएनएम व आशा वर्कर्स की ड्यूटी रहती है। करीब 15 हजार की जनसंख्या होगी कवर

कुटानी गांव की आबादी करीब 2600 है। इसी सेंटर से गांव उग्राखेड़ी की आबादी (लगभग पांच हजार) भी कवर होती है। ऐसी ही स्थिति गांव खलीला प्रह्लादपुर में बनने वाले उप स्वास्थ्य केंद्र की है। 280 होने चाहिए सब सेंटर

भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य मानक और विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों की बात करें तो तीन से पांच हजार की आबादी पर एक उप स्वास्थ्य केंद्र होना चाहिए। जिला की आबादी करीब 14 लाख है। इस हिसाब से जिला में 280 केंद्र होने चाहिए, जबकि 90 हैं।

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