सुभाष चंद्र बोस की सेना का सिपाही पंचतत्व में विलीन, विश्व युद्ध में भी लिया था भाग

अंबाला में सुभाष चंद्र बोस की सेना के सिपाही केहर सिंह पंचत्तव में विलीन हो गए। 1941 में आजाद हिंद फौज में ये भर्ती हुए थे। इन्होंने आजाद हिंद फौज में रहते हुए विश्व युद्ध में भी भाग लिया था।

By Rajesh KumarEdited By: Publish:Mon, 29 Nov 2021 07:28 PM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 07:28 PM (IST)
सुभाष चंद्र बोस की सेना का सिपाही पंचतत्व में विलीन, विश्व युद्ध में भी लिया था भाग
आजाद हिंद फौज सेना के सिपाही केहर सिंह।

नारायणगढ़(अंबाला), संवाद सहयोगी। आजाद हिंद फौज के सिपाही केहर सिंह (100) का निधन सोमवार को हो गया। राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान तहसीलदार दिनेश ढिल्लो, डीएसपी अनिल कुमार, एसएचओ विजय कुमार सहित अन्य मौजूद रहे। पुलिस की टुकड़ी ने फायर कर उनको सलामी दी। साल 2017 से उनकी तबीयत ज्यादा खराब रहने लगी थी। प्रशासन की ओर उसे उनको स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर सम्मानित किया जाता रहा है। केहर सिंह के बेटे हरनेक सिंह, दीप सिंह, करनैल सिंह, अमरजीत सिंह, गुरमीत सिंह व दो बेटियां अजैब कौर, दीप कौर अपने पिता की यादें भी बताईं। 

साल 1941 में हुए थे आजाद हिंद फौज में भर्ती 

हरनेक सिंह ने बताया कि उनके पिता साल 1941 में सुभाष चंद्र बोस से प्रभावित होकर आजाद हिंद फौज में भर्ती हुए थे। उस समय वे उन्नीस साल के थे। उन्होंने बताया कि विश्व युद्ध में भी उनके पिता ने भाग लिया और जब तक युद्ध चला वे घर नहीं आए। युद्ध के दौरान भी वे लापता रहे और काफी समय तक उनका कुछ भी पता नहीं चला। बाद में जब युद्ध खत्म हुआ तो वे अपने घर को लौटे। इसके बाद कारपाेरेट बैंक में जाब की और 58 साल की आयु में सेवानिवृत्त हो गए। उन्होंने बताया कि इस दौरान पुश्तैनी जमीन पर खेतीबाड़ी भी करते रहे। उन्होंने बताया कि वे और करनैल सिंह पिता के साथ रहते थे, जबकि अन्य भाई गांव लखनौरा में खेतीबाड़ी करते हैं।

1974 में पिता को लगी थी स्वतंत्रता सेनानी की पेंशन

साल 1974 में उनके पिता की स्वतंत्रता सेनानी की पेंशन लगी थी। साल 2017 में ज्यादा तबीयत खराब रहने लगी। उनके परिवार में पांच बेटे, दो बेटियां, तीन पोते विक्रम सिंह (हरियाणा पुलिस) तथा दो अन्य निजी कंपनी में काम करते हैं।

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