कोटा में लॉकडाउन के दौरान फंसे छात्र पहुंचे होम डिस्ट्रिक्‍ट, सैंपल लेकर किए गए क्‍वारंटाइन

कोटा में आइआइटी और पीएमटी की कोचिंग ले रहे छात्र लॉकडाउन की वजह से फंस गए थे। हरियाणा सरकार ने रोडवेज बसों को भेजकर उन्‍हें ले आई।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Sat, 25 Apr 2020 05:57 PM (IST) Updated:Sat, 25 Apr 2020 05:57 PM (IST)
कोटा में लॉकडाउन के दौरान फंसे छात्र पहुंचे होम डिस्ट्रिक्‍ट, सैंपल लेकर किए गए क्‍वारंटाइन
कोटा में लॉकडाउन के दौरान फंसे छात्र पहुंचे होम डिस्ट्रिक्‍ट, सैंपल लेकर किए गए क्‍वारंटाइन

पानीपत, जेएनएन। कोरोना वायरस के चलते पूरे देश में लागू हुए लॉकडाउन के कारण राजस्थान के कोटा में कई छात्र फंसे थे। इसमें पानीपत के अलावा, जींद, अंबाला, यमुनानगर, करनाल, कैथल, कुरुक्षेत्र के भी छात्र थे। हरियाणा सरकार ने रोडवेज बसों को भेजकर इन्‍हें बुला लिया है। सभी के सैंपल लेकर क्‍वारंटाइन किया गया है।

सुबह पानीपत के 31 छात्रों को लेकर हरियाणा रोडवेज की बस पहुंची। सभी की जांच की गई। उनके सैंपल ि‍लिए गए। इसके बाद लड़कों को एनसी कॉलेज और छात्रों को एनएफएल में क्‍वारंटाइन के लिए भेज दिया गया। 

जींद के 44 छात्र-छात्राओं को रोडवेज बस में बैठाकर शनिवार को जींद लाया गया। यह बच्चे कोटा में आइआइटी और पीएमटी की तैयारी कर रहे थे और लॉकडाउन के कारण घर नहीं लौट पाए थे। ऐसे में सरकार के आदेशों के बाद प्रशासन की मदद से 29 छात्र और 15 छात्राओं को वापस जींद लाकर इनके सैंपल लिए गए और क्वारंटाइन कर दिया गया। 

यहां भी पहुंचे छात्र-छात्राएं

कैथल में 18 बच्चों को क्वारंटाइन किया गया। इन्हें कौल कृषि विज्ञान केंद्र में बनाए गए क्वारंटाइन वार्ड में रखा गया है। इनमें 13 लड़के, 2 लड़कियों और तीन बच्चों की माताएं हैं। 14 दिनों के बाद इन बच्चों को अपने-अपने घर भेजा जाएगा। इसके अलावा करनाल पहुंचे बच्चों को जाट धर्मशाला में 14 दिन के लिए क्वारंटाइन किया गया है। यमुनानगर में दोपहर करीब डेढ़ बजे छात्र रोडवेज की बस से पहले सिविल अस्पताल पहुंचे। इन्हें डीएवी डेंटल कॉलेज में क्वारंटाइन किया गया।

इस तरह से फंस गए थे छात्र

राजस्थान के कोटा शहर को नीट, आइआइटी और पीएमटी की तैयारी के लिए सबसे बैस्ट क्षेत्र माना जाता है। ऐसे में जिले से भी काफी संख्या में छात्र-छात्राएं कोटा में तैयारी करने के लिए जाते हैं। लॉकडाउन के शुरू में 21 दिन बाद सब ठीक होने की उम्मीद थी, लेकिन इसके तीन मई तक बढ़ जाने के बाद परेशानी महसूस होने लगी। कुछ छात्र लॉकडाउन के शुरूआती दिनों में ही अपने घरों में लौट आए थे तो कई छात्र-छात्राएं वहां पर फंस गए थे। कोटा प्रशासन ने संस्थानों कोङ्क्षचग लेने वाले हरियाणा के छात्रों की जानकारी मांगी थी। इसमें पूरे प्रदेश के 858 तो जींद जिले के 44 बच्चे शामिल थे। इसके बाद सरकार ने कहा था कि जो बच्चे अपने घर लौटना चाहते हैं, वह लौट सकते हैं, उनके लिए रोडवेज बसें उपलब्ध करवा दी गई हैं, जो उन्हें गृह जिले में छोड़कर आएंगी। 

हॉस्टल में रह रहे थे, लगने लगा था डर 

कोटा से जींद पहुंची जानवी, कॉफी, आरती, प्रीति ने बताया कि वह पीएमटी की तैयारी कर रही हैं। शुरू में उन्हें किसी प्रकार की दिक्कत नहीं थी लेकिन जब उनके साथ पढऩे वाले सभी बच्चे घर चले गए तो उन्हें भी ङ्क्षचता सताने लगी। उसके बाद उत्तर प्रदेश के वहां रहने वाले विद्यार्थी भी वापस घरों में लौट गए तो उन्हें थोड़ा डर लगने लगा। परिजनों से लगातार संपर्क करते रहे और घर आने की इच्छा जाहिर की। उसके बाद प्रशासन ने उन्हें वापस लाने की प्रक्रिया शुरू की और शुक्रवार को जींद लाया गया। 

सैंपल लेकर किया क्वारंटाइन : सिविल सर्जन 

कोटा से जींद पहुंचे 29 छात्रों को किनाना के इंडस डिग्री कॉलेज और 15 छात्राओं को अर्बन एस्टेट की अग्रवाल धर्मशाला में क्वारंटाइन किया गया है। सभी के सैंपल लिए गए हैं। रिपोर्ट आने तक यह बच्चे यहीं पर रहेंगे। उसके बाद अगर सभी बच्चों की रिपोर्ट नेगेटिव आती है तो उन्हें उनके घर भेजकर घर में ही क्वारंटाइन कर दिया गया जाएगा। 

--डॉ. जयभगवान जाटाना, सिविल सर्जन, जींद।

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