हरियाणा में छठी से आठवीं के विद्यार्थी भी कल से जा सकेंगे स्कूल, आनलाइन पढ़ाई का विकल्प खुला
हरियाणा के स्कूलों के लिए राहत भरी खबर है। लॉकडाउन में रियायत मिलने के बाद स्कूल खुल चुके हैं वहीं अब छठी से आठवीं तक के विद्यार्थी भी अब स्कूल जा सकेंगे। साथ ही विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन का विकल्प भी खुला है।
यमुनानगर, जागरण संवाददाता। कोरोना महामारी का असर कम होने के साथ ही राजकीय व प्राइवेट स्कूलों की रौनक लौटने लगी है। पहले शिक्षा विभाग ने नौवीं से 12वीं कक्षा तक विद्यार्थियों के लिए स्कूल खोले थे। अब 23 जुलाई से स्कूलों में छठी से आठवीं कक्षा के विद्यार्थी भी पढ़ाई करने के लिए आ सकेंगे। स्कूल आने के लिए उन्हें कोरोना महामारी की गाइडलाइन का पालन करना होगा ताकि कोई भी बच्चा संक्रमण की चपेट में न आ सके। बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए पूरी तैयारी की गई है। शिक्षा विभाग अब माध्यमिक स्कूलों को भी सैनिटाइज कराने में जुट गया है।
स्कूली बच्चों को आफलाइन कक्षाओं में शामिल होने का भी लिंक मिलेगा
सुबह पहले 20 मिनट बच्चों की थर्मल स्कैनिंग होगी। मौके पर ही उनकी उपस्थिति और शरीर का तापमान दर्ज किया जाएगा। यह क्रम रोज जारी रहेगा। कक्षा में एक बैंच पर सिर्फ एक बच्चा ही बैठ पाएगा। शिक्षा विभाग ने आदेश दिया है कि एक कक्षा में अधिकतम 30 छात्र ही बैठ पाएं। चार घंटे में कुल छह पीरियड लगेंगे। स्कूल छोड़ते समय भी विद्यार्थियों को एक दूसरे से शारीरिक दूरी बनाकर रखनी होगी।
आनलाइन पढ़ाई का विकल्प खुला
स्कूल में नहीं आने के इच्छुक विद्यार्थी पहले की तरह आनलाइन पढ़ाई जारी रख सकते हैं। प्रदेश में एजुसेट, दूरवर्ती शिक्षा और ई-लर्निंग अवसर एप के जरिये आनलाइन कक्षाएं लगाई जा रही हैं। आफलाइन कक्षाएं ले रहे शिक्षक छात्रों को वाट्सएप और गूगल मीट पर लिंक भी भेजेंगे जिसके जरिये वह कक्षा में पढ़ाए जा रहे विषय का अध्ययन कर सकेंगे। सरकारी स्कूलों में अब ज्यादातर कक्षाएं गूगल मीट पर लगेंगी। इसके लिए बच्चों के अभिभावकों को मैसेज भेज कर उन्हें अपने मोबाइल में गूगल मीट एप डाउनलोड करने को कहा जा रहा है।
सभी तैयारियां पूरी हैं : नमिता कौशिक
डीईओ नमिता कौशिक का कहना है कि अब कोरोना संक्रमण के मामले न के बराबर हैं। हालात लगातार सामान्य हो रहे हैं। इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है। अभिभावक निश्चित होकर बच्चों को स्कूल भेज सकते हैं। फिर भी बच्चों को स्कूल भेजने के लिए अभिभावकों पर कोई दबाव नहीं डालेंगे। यह उनकी मर्जी है। स्कूल नहीं आने वाले बच्चों की कोई गैर-हाजिरी नहीं लगाई जाएगी। बच्चों का स्वास्थ्य हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण है। स्कूलों में शारीरिक दूरी, स्वच्छता, फेस मास्क और तापमान जैसी तमाम बातों का पूरा ख्याल रखा जाएगा।