पानीपत नगर निगम की अजब-गजब राजनीति, चीफ इंजीनियर खुद ही तबादले की मिठाई बांट रहे, पार्षद भी खुश

पानीपत नगर निगम इन दिनों चर्चा में है। यहां चीफ इंजीनियर महिपाल का अंबाला तबादला होने से पार्षदों के चेहरे खिल उठे हैं। पार्षद उनके खिलाफ मोर्चा खोले बैठे थे। खुद चीफ इंजीनियर भी अपने तबादले की मिठाई बांट रहे हैं।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 01:41 PM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 01:41 PM (IST)
पानीपत नगर निगम की अजब-गजब राजनीति, चीफ इंजीनियर खुद ही तबादले की मिठाई बांट रहे, पार्षद भी खुश
तबादला रुकवाने या पोस्टिंग के लिए तो दांव-पेंच खेले जाते हैं, तबादला होने पर खुशी पहली बार दिखी।

पानीपत, जेएनएन। शहर की सियासत और प्रशासनिक हलचल अजब-गजब ही रहती है। नगर निगम के चीफ इंजीनियर महिपाल के खिलाफ मोर्चा खोले बैठे पार्षदों के चेहरे उस समय खिल उठे, जब खबर आई कि महिपाल का तबादला अंबाला हो गया है। इधर, खुद महिपाल इतने खुश हुए कि विधायक प्रमोद विज के कार्यालय में मिठाई खिलाने पहुंच गए। तबादला रुकवाने या पोस्टिंग के लिए तो दांव-पेंच खेले जाते हैं, तबादला होने पर हर तरफ खुशी पहली बार दिखी। दिलचस्प ये भी है कि तबादला कराने का क्रेडिट मेयर और पार्षद खेमा ले रहा है। दूसरी तरफ राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि विधायक प्रमोद विज ने सिफारिश की थी, ताकि महिपाल निगम की सियासत से बच सकें।

पिछले दिनों पार्षदों ने शिवाजी स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में कमिश्नर व अन्य अधिकारियों को घेराव कर चीफ इंजीनियर पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। इससे पहले भी पार्षदों का चीफ इंजीनियर के साथ छत्तीस का आंकड़ा रहा है। एक बार तो महिपाल सिंह हाउस की बैठक में भी नहीं आए। बाद में कारण बताया गया कि वह बीमार थे। कुछ पार्षदों के अनुसार सीएम घोषणा की फाइलें तक चीफ इंजीनियर ने गुम कर दी। फिर वार्डों के काम अधर में लटक गए। इससे ढाई साल में किसी भी वार्ड में न तो स्ट्रीट लाइट लग सकी और न ही नालों की सफाई हो सकी। इससे पार्षद काफी परेशानी में थे। अब पार्षद अपने-अपने वार्डों की फिर से विकास कार्य की फाइलें तैयार करने में लग गए हैं।

दो साल से नहीं बिछ सकी थी पेयजल लाइन

वार्ड 21 के पार्षद संजीव दहिया ने बताया कि चीफ इंजीनियर ने कई बार विकास कार्यों की फाइलें गुम की हैं। इससे वार्ड के विकास कार्य रूके हुए हैं। वार्ड के ग्रामीण क्षेत्र फेज तीन में दो साल पहले ट्यूबवेल तो लग गया, लेकिन पांच किलोमीटर की पाइप लाइन दबानी जरूरी थी। दो बार सीएम से अप्रूवल करवाकर फाइल चीफ इंजीनियर को दी, फिर भी कोई काम नहीं हुआ और फाइलें गुम कर दी। इससे लोगों को आज भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अब पाइप लाइन के लिए विधायक को पत्र लिखा गया है।

छह टेंडर का आज तक नहीं पता क्या हुआ

वार्ड आठ की पार्षद चंचल सहगल ने बताया कि शहर के अधिकतर वीआइपी क्षेत्र वार्ड 8 में आता है। इसमें औद्योगिक इकाई, मेन बाजार, हैंडलूम बाजार, सनौली रोड आदि क्षेत्र आते हैं। इन क्षेत्रों में पिछले ढाई साल से विकास कार्य रूके हुए है। सड़कें व नाले बनाने के लिए छह बार टेंडर लग चुके हैं। लेकिन अभी तक यह पता नहीं चल सका कि टेंडर लगे थे। उनका क्या हुआ। इसमें सबसे मेन टेंडर सड़कें, नाले व हैंडलूम बाजार का मेन गेट बनाने का था। लेकिन चीफ इंजीनियर ने अपनी चलाई और काम नहीं होने दिए। अब तबादला हो गया। इससे बहुत खुशी है। अब उम्मीद है कि जल्द ही रूके हुए कामकाज शुरू हो पाएंगे।

मैंने गलत काम नहीं करने दिया : महिपाल

महिपाल सिंह ने जागरण से बातचीत में कहा, मैंने निगम में कभी गलत काम नहीं करने दिया। मुझ पर हस्ताक्षर करने का दबाव बनाया जाता था। शहर के विकास के लिए काफी काम किया है। उम्मीद है कि नगर निगम के माध्यम से और भी विकास होंगे।

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