कैथल में गजब मामला, बेटे को हत्या की सजा से बचाने के लिए पिता ने बनवाया फर्जी जन्म प्रमाणपत्र, खुद फंसा
2016 में आरोपित ने साढ़े 14 साल की बेटी की हत्या की थी। उसे उम्र कैद हुई थी। पिता ने अदालत में जन्म प्रमाण पत्र पेश किया। इसमें हत्या के समय उसकी आयु 16 साल दिखाई। अन्य कागजातों में उसकी आयु 17 साल मिली। पिता पर भी केस दर्ज हुआ।
जागरण संवाददाता, कैथल। एक लड़की के कत्ल में सजा से बचने के लिए फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवाने का मामला सामने आया है। इस मामले में गांव निगदू जिला करनाल निवासी गुरनाम सिंह ने 21 जुलाई को एसपी को शिकायत दी थी। शिकायत के बाद सिटी थाने में केस दर्ज कर लिया गया है।
शिकायत में बताया कि गांव कच्ची पिसौल गुहला निवासी मलविंद्र के बेटे सहबाज ने 2016 में कुरुक्षेत्र में उसकी बेटी का कत्ल कर दिया था। गुरनाम उस वक्त कुरुक्षेत्र में रहता था और सहबाज ने वहीं उसकी बेटी की हत्या की थी। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश लाल चंद की अदालत ने कत्ल के मामले में आरोपित सहबाज को दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई थी। आरोपित मलविंद्र ने अपने बेटे को सजा से बचाने के लिए अदालत में जन्म प्रमाण पत्र दिया था। इस पर जन्मतिथि पांच जनवरी 2000 दर्ज है। जबकि आरोपित के अन्य कागजातों में जन्मतिथि 16 फरवरी 1999 है। हत्या के समय आरोपित की आयु 17 साल थी, जबकि आरोपित सजा से बचने के लिए अपने बेटे की आयु 16 साल दिखाना चाहता था ताकि मामला जुवेनाइल का बने और उसका बेटा अपराध की सजा से बच जाए।
कैथल में बने हैं दोनों प्रमाण पत्र
दोनों जन्म प्रमाणपत्र कैथल के पुराने नागरिक अस्पताल से बनाए गए हैं। जांच अधिकारी सिटी थाना प्रभारी शिव कुमार ने बताया कि शिकायत के आधार पर मलविंद्र के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस अब इस मामले में नागरिक अस्पताल का वर्ष 2016 का रिकॉर्ड खंगालेगी और मलविंद्र पर लगे आरोपों की पड़ताल की जाएगी।
ऐसे की थी हत्या
शिकायतकर्ता गुरनाम सिंह ने बताया कि सहबाज उनकी सगी साली का लड़का है। कुरुक्षेत्र में दोनों परिवार आसपास रहते थे। साल 2016 में एक दिन उनकी पत्नी और सहबाज की मां रिश्तेदारी में किसी मौत पर शोक व्यक्त करने गए थे। उनकी साढ़े 14 साल की बेटी घर में अकेली थी। तब सहबाज उनके घर आया और बच्ची के साथ बदनीयती से छेड़खानी करने लगा। विरोध करने पर सहबाज ने बच्ची पर चाकू से 23 वार कर उसे मौत के घाट उतार दिया था।
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