सात करोड़ से अपग्रेड होगा एसटीपी, डेढ़ साल में पूरा होगा काम
कस्बे के इकलौते सीवर ट्रीटमेंट प्लांट यानी एसटीपी को करीब सात करोड़ की लागत से अपग्रेड किया जाएगा। गंदे पानी को तीन बार फिल्टर कर उसे सिचाई फैक्ट्री भवन निर्माण गाड़ी धोने आदि के लिए उपयोगी बनाया जाएगा। कस्बे को पांच एमएलडी पानी की बचत होगी।
जागरण संवाददाता, समालखा : कस्बे के इकलौते सीवर ट्रीटमेंट प्लांट यानी एसटीपी को करीब सात करोड़ की लागत से अपग्रेड किया जाएगा। गंदे पानी को तीन बार फिल्टर कर उसे सिचाई, फैक्ट्री, भवन निर्माण, गाड़ी धोने आदि के लिए उपयोगी बनाया जाएगा। कस्बे को पांच एमएलडी पानी की बचत होगी।
कस्बे के श्मशान घाट के पीछे बने पब्लिक हेल्थ के एसटीपी की क्षमता पांच एमएलडी (मिलियन लीटर प्रतिदिन) यानी पचास लाख लीटर शोधन की है। करीब सात साल पहले सीवर के पानी को साफ करने के लिए इसका निर्माण हुआ था। पहले सिगल ट्रीट के बाद पानी को गंदे ड्रेन में छोड़ दिया जाता था, जिससे इसका उपयोग नहीं हो रहा था। अब पानी को तकनीकी रूप से ट्रिपल फिल्टर कर उपयोगी बनाया जाएगा। लोगों को सप्लाई देने की व्यवस्था की जाएगी। पब्लिक हेल्थ विभाग ने सात करोड़ का एस्टीमेट तैयार किया है। सरकार से मंजूरी ली है। डीएनआईटी तैयार कर अगले महीने इसका टेंडर लगाया जाएगा। संयंत्र को कायाकल्प करने में करीब डेढ़ साल लगेगा। उसके बाद इसके पानी का उपयोग संभव होगा। यहां होगा उपयोग
ट्रिपल फिल्टर के बाद पानी का पीएच और टीडीएस सिचाई के लायक हो जाएगा। किसान सहित लोग इसका फसल, भवन निर्माण, बगान, फैक्ट्री, गाड़ी व फर्श धोने में उपयोग कर सकेंगे। अलग पाइप लाइन से इसकी सप्लाई दी जाएगी। अभी इसका कोई शुल्क नहीं होगा। एसडीओ ने बताया कि तीन बार शोधन के बाद पानी में झाग, बदबू, रंग आदि की समस्या नहीं रहेगी। किसानों को इसके लिए मोटिवेट भी किया जाएगा। पीएच और टीडीएस दोनों नहरी, जलाशय व नदी के पानी जितना हो जाएगा। उपयोग करने में दिक्कत नहीं होगी। जितन अधिक पानी का उपयोग होगा उतने भूजल दोहन में कमी आएगी।