बारिश से उड़े स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के होश, अलर्ट, डेंगू और मलेरिया ने उड़ाई नींद

बारिश का सीजन शुरू हो चुका है। ऐसे में डेंगू और मलेरिया का खतरा भी बढ़ने की संभावना है। स्‍वास्‍थ्‍य विभाग भी अलर्ट हो गया है। स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के अधिकारियों ने अपील करते हुए जलभराव से बचने को कहा है।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 09:22 AM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 09:22 AM (IST)
बारिश से उड़े स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के होश, अलर्ट, डेंगू और मलेरिया ने उड़ाई नींद
बारिश की वजह से डेंगू और मलेरिया का खतरा।

यमुनानगर, जागरण संवाददाता। बरसात का सीजन शुरू होते ही अब स्वास्थ्य विभाग मलेरिया व डेंगू को लेकर अलर्ट हो गया है। इसके तहत उन क्षेत्रों में जागरूकता अभियान शुरू किए गए हैं। जहां पर जलभराव की अधिक संभावना रहती है। जलभराव वाले स्थानों पर दवाईयां डलवाई जा रही है। जिससे डेंगू व मलेरिया का मच्छर पैदा करने वाले लारवा को खत्म किया जा सके। इसके साथ ही हाउस होल्ड सर्वे शुरू किया गया है। जिन घरों में मलेरिया का लारवा मिला है। उन्हें नोटिस दिए गए हैं। साथ ही बचाव के लिए जागरूक किया जा रहा है।

बरसात के सीजन में स्वास्थ्य विभाग की ओर से हर वर्ष लोगों को मलेरिया व डेंगू से बचाव के लिए अभियान चलाया जाता है। इसके तहत स्वास्थ्य विभाग की टीमें लोगों के घरों में भी चेकिंग करती है। यदि कही पर जमा पानी में डेंगू या मलेरिया का लारवा मिलता है, तो उन्हें नोटिस भी दिए जाते हैं। अब तक स्वास्थ्य विभाग ने 45 हजार 731 घरों की जांच की है। इसमें से 3963 घरों में लारवा मिला। जिन्हें नोटिस जारी किए गए। अधिकतर घरों में कूलर व छतों पर पड़े टायरों और गमलों में जमा पानी में लारवा मिला है। लोग भी कूलर को सप्ताह में साफ नहीं करते। जिस वजह से उसमें पानी जमा रहता है। साफ पानी में ही यह मच्छर पनपता है। यदि सात दिन से अधिक साफ पानी कही पर जमा रहता है, तो उसमें मच्छर का लारवा पनपता है। जो कुछ कुछ ही दिनों में पूर्ण रूप से मच्छर बन जाता है। इसकी वजह से ही मलेरिया व डेंगू का खतरा रहता है।

यह स्थिति मलेरिया के केसों को

वर्ष - केस

2015 - 603

2016 -508

2017 -266

2018 -97

2019 - 21

2020 - 03

2021 - 01

गत वर्षों के मुकाबले स्थिति काबू में

इसे कोरोना का असर कहे या फिर स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता। गत वर्षों के मुकाबले स्थिति काफी ठीक है। इस बार केवल एक ही मरीज मलेरिया का मिला है। वहीं गत वर्ष डेंगू के छह मरीज मिले थे। इस बार अब तक एक ही संदिग्ध मरीज मिला है। जिले की बात करें, तो यहां पर खनन क्षेत्र व यमुना नदी के आसपास वाले क्षेत्र में जलभराव अधिक होता है। वहां पर मलेरिया व डेंगू का खतरा अधिक रहता है। ऐसे स्थानों पर ही स्वास्थ्य विभाग विशेष ध्यान दे रहा है।

'जिला मलेरिया अधिकारी डा. वागीश गुटैन ने बताया कि लगातार टीमें कार्य कर रही हैं। इस बार स्थिति काफी हद तक कंट्रोल में है। लोगों को भी बचाव के बारे में जागरूक किया जा रहा है। यदि किसी को सर्दी के साथ बुखार आए तो नजदीकी अस्पताल से खून की मुफ्त जांच करवाएं। इसके साथ ही मच्छरदानी का अनिवार्य रूप से प्रयोग करें, तभी मलेरिया व डेंगू से बचा जा सकेगा।'

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