Kisan Andolan: तो क्‍या टूट रहा है किसान आंदोलन, योगेंद्र यादव के खिलाफ चढ़ूनी ने भी खोला मोर्चा

तीन कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन में विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में भाजपा कार्यकर्ता के घर जाने से योगेंद्र यादव के खिलाफ अब चढ़ूनी ने मोर्चा खोल दिया है। चढ़ूनी ने उनको बर्खास्‍त करने तक की मांग कर दी है।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 02:45 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 08:29 AM (IST)
Kisan Andolan: तो क्‍या टूट रहा है किसान आंदोलन, योगेंद्र यादव के खिलाफ चढ़ूनी ने भी खोला मोर्चा
योगेंद्र यादव की बर्खास्‍ती के बाद आंदोलन चर्चा में है।

कुरुक्षेत्र, जागरण संवाददाता। तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन को करीब 11 महीने हो गए हैं। शुरुआत के बाद आंदोलन कई विवादों की वजह से चर्चा में है। किसान नेता राकेश टिकैत और गुरनाम सिंह चढ़ूनी के बीच दूरियों के बाद अब किसान मोर्चे के प्रमुख रणनीतिकार योगेंद्र यादव के खिलाफ ही किसान नेताओं ने मोर्चा खोल दिया है। अब तो वरिष्‍ठ किसान नेताओं ने योगेंद्र यादव के बर्खास्‍ती की भी मांग उठानी शुरू कर दी है।

दरअसल, संयुक्त किसान मोर्चे के प्रमुख रणनीतिकार एवं जय किसान आंदोलन के नेता योगेंद्र यादव लखीमपुर खीरी हिंसा में जान गंवाने वाले भाजपा कार्यकर्ता शुभम मिश्र के घर गए थे। शोक संवेदना जताना किसान मोर्चा को नागवार गुजरा। किसान नेताओं ने एक सुर में योगेंद्र यादव के खिलाफ मोर्चा छेड़ दिया। उन्‍हें हमेशा के लिए बर्खास्‍त किए जाने तक की मांग शुरू हो गई है।

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नहीं हुई सुनवाई

योगेंद्र यादव ने इस मामले में अपनी बात भी रखी बावजूद उन्‍हें मोर्चे से एक माह के लिए निंलबित कर दिया। जबकि योगेंद्र यादव आंदोलन के प्रमुख रणनीतिकार हैं। करनाल किसान महापंचायत में भी लघु सचिवालय घेराव के दौरान योगेंद्र यादव ने अहम भूमिका निभाई थी।

अब चढ़ूनी ने उठाई बर्खास्‍त करने की मांग

भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढूनी और योगेंद्र यादव के बीच तल्खी एक बार फिर सामने आ गई है। चढ़ूनी ने शुक्रवार को कहा कि लखीमपुर घटना के आरोपित के घर जाने वाले योगेंद्र यादव संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की बैठक में माफी मांगने की बात कह रहे हैं। लेकिन किसान यूनियन की अभी तक की सूचना के अनुसार उन्होंने माफी नहीं मांगी है। अगर योगेंद्र यादव माफी नहीं मांगते हैं तो उन्हें एसकेएम से हमेशा के लिए बर्खास्त किया जाना चाहिए। चढूनी ने एक बार फिर किसान यूनियन के बीच में विश्वास होने की बात की है। इससे पहले योगेंद्र यादव ने गुरनाम चढ़ूनी पर मोर्चा विरोधी गतिविधियों का आरोप लगा उनका निलंबन कराया था।

निहंगों के खिलाफ योगेंद्र ने दी थी कड़ी प्रतिक्रिया

सिंघु बार्डर पर 15 अक्‍टूबर को निहंगों की ओर से हत्‍या मामले में योगेंद्र यादव ने कड़ी निंदा की थी। साथ ही सख्‍त कार्रवाई की भी मांग की थी। बता दें कि किसान मोर्चा इस बयान से भी योगेंद्र से खफा थे।

इन्‍हें भी किया जा चुका है निलंबित

कमेटी पर आंदोलनों में चंदे की हेराफेरी का आरोप लगाने पर टीकरी बार्डर पर सक्रिय रहे भाकियू घासीराम के अध्यक्ष जोगेंद्र नैन को भी एक माह के लिए निलंबित कर दिया गया था।

करनाल किसान महापंचायत में दिखी थीं दूरियां

करनाल में बसताड़ा टोल प्‍लाजा के खिलाफ भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्‍यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने महापंचायत का आह्वान किया था। इस महापंचायत में राकेश टिकैत और योगेंद्र यादव को नहीं आना था। हालांकि बाद में राकेश टिकैत और योगेंद्र यादव महापंचायत में पहुंच गए थे। इस दौरान भी चढ़ूनी और टिकैत के बीच दूरियां देखने को मिली थीं। दोनों किसान नेता अलग-अलग नेतृत्‍व करते दिखे थे।

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