नेशनल हाईवे पर रफ्तार का कहर, नवंबर में 41 हादसे, 27 की थम गईं सांसें

नेशनल हाईवे पर सड़क हादसों में 30 प्रतिशत वृद्धि हुई है। नवंबर माह में 41 सड़क हादसों में 27 लोगों की गई जान 51 हुए घायल। हर माह रोड शेफ्टी की बैठक में हो रहा मंथन धरातल पर कार्य नहीं होने से हादसों में नहीं आ रही कमी।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 04:53 PM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 04:53 PM (IST)
नेशनल हाईवे पर रफ्तार का कहर, नवंबर में 41 हादसे, 27 की थम गईं सांसें
जींद में एक महीने में 41 हादसे।

जींद, जागरण संवाददाता। जींद जिले के मार्ग स्टेट से नेशनल हाईवे बनने के बाद सड़क हादसों की संख्या बढ़ गई है। नेशनल हाईवे बनने के बाद जिले में सड़क हादसों में 30 प्रतिशत वृद्धि हुई है और सड़क हादसों में मरने वालों का आंकड़ा 29 प्रतिशत बढ़ा है। इसमें हादसों का मुख्य कारण वाहनों की ओवरस्पीड व अवैध कटों के चलते हो रहे हैं। नेशनल हाईवे की सड़क बढ़ने के बाद वाहनों की स्पीड ज्यादा होती है, लेकिन ओवरस्पीड चलने वाले वाहनों पर कार्रवाई के लिए पुलिस द्वारा कोई कदम नहीं उठाए जा रहे है। नेशनल हाईवे पर ओवरस्पीड वाहन चालकों के चालान करने के लिए कहीं पर भी पुलिस दिखाई नहीं देती है।

जींद में सड़क हादसों का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि नवंबर माह में जिले में 41 सड़क हादसे हुए हैं। इसमें 27 लोगों की जान गई, जबकि 51 लोगों को गंभीर चोट आई है। सबसे ज्यादा सड़क हादसा जींद सदर थाना पुलिस क्षेत्र व नरवाना एरिया में हुए हैं। नवंबर माह में ही गांव ईक्कस के निकट तेज स्पीड के चलते बरातियों की गाड़ी ट्रक से टकरा गई थी और इसमें दो लोगों की जान गई थी, जबकि 11 लोग घायल हुए थे। इसी तरह गांव निडानी के निकट ओवरस्पीड कार अनियंत्रित होकर पेड़ से टकरा गई थी। इसमें कार सवार जीजा-साले की मौत हो गई थी, जबकि उनके दो दोस्त घायल हो गए थे। इसी तरह नरवाना के निकट ज्यादा स्पीड के चलते शिमला घूमकर आ रहे पांच युवकों की कार ट्रैक्टर से टकरा गई थी। इसमें तीन युवकों की मौत हो गई थी, जबकि तीन लोग घायल हो गए थे।

बढ़ते सड़क हादसों को लेकर प्रति माह डीसी के नेतृत्व में रोड शेफ्टी की बैठक होती है। हर बैठक में हादसों की संख्या बढ़ने पर चिंता जाहिर की जाती है और इनमें कमी लाने के लिए प्लान तैयार किया जाता है। जहां पर संबंधित विभागों के अधिकारी इस मामलें में उचित समाधान करने का प्लान रख देते हैं, लेकिन उस प्लान को धरातल पर काम नहीं होता है। पिछले छह माह से हाईवे पर बने अवैध कटों का मामला उठ रहा है, लेकिन अब तक किसी भी अवैध कट को बंद नहीं किया गया है। ऐसे में हाईवे पर तेज स्पीड में चल रहे वाहनों के आगे अवैध कटों से वाहन आ जाने के चलते हादसे हो रहे हैं।

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