दिल्ली कोर्ट भर्ती पेपर लीकः सात पेपर लीक कर चुका है जींद का सॉल्वर गैंग, आठवें प्रयास में फंसा
पेपर लीक करने वाले गिरोह का मुख्य सरगना गांव काकड़ौद का अशोक है। वह पेपर लीक के धंधे से कई वर्ष से जुड़ा है। जिस समय पुलिस की छापेमारी हुई उस समय फोन के माध्यम से परीक्षार्थियों के पेपर को सॉल्व करवाया जा रहा था।
जींद [जोगेंद्र दूहन]। दिल्ली कोर्ट की ग्रुप डी की भर्ती के पेपर को सॉल्व करते हुए काकड़ौद गांव के पोल्ट्री फार्म में पकड़ा गया सॉल्वर गैंग पहले भी सात भर्ती परीक्षाओं का पेपर को लीक कर चुका है। गिरोह का मुख्य सरगना गांव काकड़ौद निवासी अशोक पेपर लीक के धंधे से कई वर्ष से जुड़ा हुआ है। पकड़े गए आरोपित गांव दनौदा कलां निवासी सुरेंद्र व गांव दनौदा खुर्द निवासी हरदीप को पुलिस ने अदालत में पेश करके पांच दिन के रिमांड पर लिया है। आरोपितों ने बताया कि आरोपित अशोक इससे पहले दिल्ली व केंद्र सरकार द्वारा निकाली गई सात भर्तियों के पेपर को भी लीक कर चुका है। दिल्ली कोर्ट की भर्ती का यह आठवां प्रयास था। रविवार को भी आरोपित अशोक ने पेपर आउट करके उसे सॉल्व करवा दिया था। जिस समय पुलिस की छापेमारी हुई, उस समय फोन के माध्यम से परीक्षार्थियों के पेपर को सॉल्व करवाया जा रहा था।
20 से 25 हजार रुपये देता था अशोक
आरोपित सुरेंद्र व हरदीप ने बताया कि वह अशोक के साथ शुरुआत से ही जुड़े हुए है। अशोक उनको पोल्ट्री फार्म पर पेपर सॉल्व करवाकर उनको दे देता और आरोपित अशोक की जिन परीक्षार्थियों के साथ रुपये में डील हुई होती उनको फोन से पेपर सॉल्व करवाना उनका काम था। इसके बदले में अशोक प्रत्येक पेपर को सॉल्व करवाने की एवज में 20 से 25 हजार रुपये देता था। अधिकतर भर्ती परीक्षाएं शनिवार व रविवार को होती हैं, इसलिए कैग में नौकरी लगे होने के बावजूद वह सॉल्वर गैंग से जुड़े रहते थे। डीएसपी जितेंद्र खटकड़ ने बताया कि मुख्य आरोपित अशोक सहित दूसरे आरोपितों को गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। आरोपित अशोक की गिरफ्तारी के बाद ही पूरे मामले का पटाक्षेप हो पाएगा।
तीसरे आरोपित की भूमिका की हो रही जांच
पोल्ट्री फार्म पर छापेमारी के दौरान हिरासत में लिए गए तीसरे आरोपित गांव काकड़ौद निवासी मनदीप की भूमिक की पुलिस जांच कर रही है। मनदीप की भूमिका पर पुलिस को संदेह होने के चलते पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी नहीं दिखाई। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मनदीप पर छापेमारी से पहले पुलिस के आने की सूचना देने का आरोप है। जांच में अगर आरोप सही मिलते हैं तो उसकी गिरफ्तारी दिखाई जाएगी।