सर अनिरुद्ध जगन्नाथ को खूब भाता था सरसों का साग और केसर के दूध का स्वाद, हरियाणा की धरती से गहरा नाता

सर अनिरुद्ध जगन्नाथ (Anerood Jugnauth) नहीं रहे। उनका भारत से खास नाता था। खासकर हरियाणा की धरती से। भारत से अपना खून का रिश्ता बताते थे। निफा के निमंत्रण पर वे कई बार हरियाणा आए थे। वह सरसों के साग और केसर के दूध का स्वाद जरूर चखते थे।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 03:06 PM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 03:06 PM (IST)
सर अनिरुद्ध जगन्नाथ को खूब भाता था सरसों का साग और केसर के दूध का स्वाद, हरियाणा की धरती से गहरा नाता
प्रधानमंत्री कार्यालय में सर अनिरुद्ध जगन्नाथ के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा करते निफा के चेयरमैन प्रीतपाल पन्नू।

करनाल [पवन शर्मा]। मारीशस के तीन बार प्रधानमंत्री व दो बार राष्ट्रपति रहे सर अनिरुद्ध जगन्नाथ का हाल में निधन हो गया। सामाजिक संस्था नेशनल इंटीग्रेटेड फ़ोरम ऑफ आर्टिस्ट्स एंड एक्टिविस्टस (निफ़ा) के निमंत्रण पर वह कई बार हरियाणा आए। यहां आने पर वह सरसों के साग और केसर के दूध का स्वाद जरूर चखते तो ग्रामीण संस्कृति से भी रूबरू होते।

वह अकसर कहते कि भारत से उनका खून का रिश्ता है क्योंकि उनके पूर्वज यहीं से मारीशस गए थे। निफा के चेयरमैन प्रीतपाल पन्नू बताते हैं कि 2006 में मारीशस में पहली विदेश यात्रा के समय वह वहां के राष्ट्रपति सर अनिरुद्ध जगन्नाथ से मिले। 2007 में भारत यात्रा के दौरान सर अनिरद्ध करनाल आए तो निफा सहित सौ से ज्यादा संस्थाओं ने उनका अभूतपूर्व स्वागत-अभिनंदन किया। हाथों में दोनों देशों के झंडे थामे स्केटर्स बच्चों को देख सर अनिरुद्ध बोले कि भारत से उनका खून का रिश्ता है। तब वह अमृतसर, शिमला सहित कई जगह गए थे।

गुरुग्राम में आयोजित एक शाम भारत मारीशस दोस्ती के नाम कार्यकम में मुख्य अतिथि मारीशस के तत्कालीन प्रधानमंत्री सर अनिरुद्ध जगन्नाथ। 

मारीशस के प्रधानमंत्री रहते आए थे गुरुग्राम

दूसरी यात्रा में रोहतक में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पिता के जयंती समारोह में उन्हें बेस्ट पार्लियामेंटेरियन अवार्ड मिला। इसकी पूरी राशि एक लाख रुपये उन्होंने निफा को भेंट कर दी थी। तब वह योग गुरु स्वामी रामदेव और उत्तराखंड के मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक से भी मिले थे। मारीशस के प्रधानमंत्री रहते हुए वह गुरुग्राम आए थे।

भारतीय परंपरा में अटूट विश्वास

करनाल से कोई मारीशस जाता तो सर अनिरुद्ध उससे बेहद आत्मीयता के साथ मिलते थे। एक बार पन्नू मारीशस गए तो पता चला कि वह राष्ट्रपति भवन सिर्फ कामकाज के लिए जाते थे और अपने घर ही रहते थे। निजी घर जाने पर उनकी पत्नी सरोजिनी जगन्नाथ खुद ही दरवाजा खोलकर स्वागत करतीं और अपने हाथ से बनी चाय पिलातीं। जगन्नाथ दंपती का भारतीय परंपराओं में अटूट विश्वास था।

द्विपक्षीय संबंध बनाए बेहतर

दोनों देशों के बेहतर व्यापारिक संबंधों को लेकर सर जगन्नाथ ने भरसक प्रयास किए। इसके लिए इंडिया मारीशस ट्रेड एंड कल्चरल फ्रेंडशिप फोरम की नींव रखी, जिसके पहले प्रधान पन्नू बन थे। पन्नू ने बताया कि सर अनिरुद्ध उन्हें भारत में आनरेरी कांउसलेट बनाना चाहते थे ताकि दोनों देशों के संबंध मजबूत हों। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री रहते समय मारीशस की कैबिनेट में प्रस्ताव भी पास कराया था।

दिल्ली में वैश्विक शांति व बंधुत्व पर आयोजित निफा के विश्व सम्मेलन में मुख्य अतिथि शिरकत करते सर अनिरुद्ध जगन्नाथ।

गांव का माहौल था पसंद

सर अनिरुद्ध को गांव का माहौल बहुत भाता था। इसीलिए भारत आने पर उन्होंने जस्टिस नवाब सिंह के शाहबाद स्थित फार्म हाउस पर रात्रि प्रवास किया था। वह केरल भी अक्सर जाते थे। खान-पान में सरसों का साग और केसर का दूध पसंद करते थे। भारतीय योग, कला, संस्कृति, गीत संगीत से उनका गहरा नाता था। यहां के कलाकारों से वह बेहद प्रभावित थे।

स्मृति में आज श्रद्धांजलि सभा

रविवार को निफा कर्ण नगरी में सर अनिरुद्ध की स्मृति में श्रद्धांजलि सभा कर रही है। गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद के सान्निध्य में इस दौरान मारीशस के राष्ट्रपति पृथ्वीराजसिंग रूपुन सहित मुख्यमंत्री मनोहर लाल, स्वामी चिदानंद सरस्वती, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और पार्श्व गायक कैलाश खेर वीडियो संदेश से श्रद्धांजलि देंगे। मारीशस की उच्चायुक्त एसबी हनुमंजी वर्चुअल मोड से शिरकत करेंगी। सांसद संजय भाटिया भी मौजूद रहेंगे।

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