देव सेना के सदस्यों के कृपाण पहनने पर भड़की सिख संगत, अध्यक्ष ने मांगी माफी
कृष्णा धाम में देव सेना का हिंदू बचाओ राष्ट्रीय अधिवेशन चल रहा था। इस अधिवेशन में राजस्थान व वल्लभगढ़ के कार्यकर्ता शामिल हुए थे। कुछ कार्यकर्ताओं ने कृपाण पहन रखी थी। सिख संगत की नजर पड़ी तो विवाद हो गया। बाद में विवाद शांत हो गया।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र। गुरुद्वारा छठी पातशाही में सिखों की पहली महापंचायत के दौरान गुरुद्वारा साहिब के बाहर देव सेना के कार्यकर्ता कृपाण पहने नजर आए। इससे सिख संगत भड़क उठी। सिख संगत ने देव सेना के कार्यकर्ताओं को काबू कर लिया। इसी दौरान देव सेना के अध्यक्ष ने सिख संगत से माफी मांगी कि उन्हें नहीं पता था कि वे इसे धारण नहीं कर सकते। हालांकि उन्होंने अपने धर्म की रक्षा के लिए इसे पहना हुआ है। सिख संगत ने भी उन्हें माफ कर दिया।
बताया जा रहा है कि कृष्णा धाम में देव सेना का हिंदू बचाओ राष्ट्रीय अधिवेशन चल रहा था। इस अधिवेशन में राजस्थान व वल्लभगढ़ के कार्यकर्ता शामिल हुए थे। दोपहर को जब गुरुद्वारा छठी पातशाही में सिखों की पहली महापंचायत चल रही थी तो देव सेना के कार्यकर्ता गुरुद्वारा साहिब के बाहर से गुजरने लगे। इन पर सिख संगत की नजर उन पर पड़ी। इन कार्यकर्ताओं ने कृपाण पहन रखी थी। जिसे लेकर सिखों का गुस्सा भड़क उठा। उन्होंने देव सेना के कार्यकर्ताओं को पकड़ लिया।
बृज भूषण बोले, धर्म रक्षा के लिए पहना कृपाण
देव सेना के अध्यक्ष बृज भूषण सैनी ने सिख संगत को बताया कि उन्होंने धर्म रक्षा के लिए इसे पहना हुआ है। इसके बारे में उन्होंने एसडीएम बल्लभगढ़ से अनुमति ली हुई है। उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं थी कि वे लोग कृपाण नहीं पहन सकते हैं। उन्होंने सिख संगत से माफी मांगी।
सिख करते हैं सभी धर्मों का आदर : अजराना
सिख परिवार हरियाणा के अध्यक्ष कवलजीत सिंह अजराना ने कहा कि सिख सभी धर्मों का आदर करते हैं। कृपाण को पहनने का हक सिर्फ सिखों को है। यह हक उन्हें संविधान में भी मिला हुआ है। ऐसा करने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। देव सेना के अध्यक्ष ने माफी मांगी, जिस पर उन्हें सिख संगत ने माफ कर दिया है।
गुणी प्रकाश ने लगाए बंधक बनाने के आरोप
वहीं भाकियू मान गुट के प्रदेशाध्यक्ष गुण प्रकाश ने सिख संगत पर देव सेना के कार्यकर्ताओं को बंधन बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यात्रियों के साथ ऐसा व्यवहार करने के मामले में वे मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेंगे।
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