केजरीवाल को देख सिविल अस्पताल की घेराबंदी, मरीज बोले- इतना ख्याल हमारा भी रखो

मुख्यमंत्री केजरीवाल के करनाल के बाल पबाना गांव में न पहुंच पाने के बाद उनके सिविल अस्पताल के निरीक्षण की सुगबुगाहट उठते ही भाजपा ने इसकी घेराबंदी कर ली।

By Edited By: Publish:Sun, 18 Nov 2018 10:00 AM (IST) Updated:Mon, 19 Nov 2018 11:18 AM (IST)
केजरीवाल को देख सिविल अस्पताल की घेराबंदी, मरीज बोले- इतना ख्याल हमारा भी रखो
केजरीवाल को देख सिविल अस्पताल की घेराबंदी, मरीज बोले- इतना ख्याल हमारा भी रखो

पानीपत, जेएनएन। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करनाल के बाल पबाना गांव में न पहुंच पाने के बाद उनके सिविल अस्पताल के निरीक्षण की सुगबुगाहट उठते ही भाजपा ने इसकी घेराबंदी कर ली। खुद भाजपा जिलाध्यक्ष प्रमोद विज, महिला मोर्चा की अध्यक्ष डॉ. अर्चना गुप्ता और शहरी विधायक के पति सुरेंद्र रेवड़ी समेत सैकड़ों कार्यकर्ता गेट पर जमा हो गए।

हंगामे के बीच अस्पताल के इलाज से नाखुश मरीज सामने आ गए। उन्होंने जिलाध्यक्ष के सामने अस्पताल में दवाई तक न मिलने की बात उठाई। विज ने एमएस और डिप्टी सीएमओ को आदेश दिए, लेकिन इसके बाद भी मरीजों को दवाई नहीं मिली।

करनाल जाना था निरीक्षण के लिए
दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल शनिवार को करनाल के गांव बाल पबाना में डिस्पेंसरी का निरीक्षण करने जा रहे थे। उनको स्थानीय प्रशासन ने गांव में आने की अनुमति नहीं दी। पानीपत में पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में मीडिया से रूबरू होते वक्त सिविल अस्पताल का निरीक्षण करने की बात उठी। इसकी जानकारी लगते ही भाजपा के पदाधिकारी सहित सैकड़ों कार्यकर्ता वहां पहुंच गए और नई बिल्डिंग के ओपीडी गेट को घेर लिया। इस दौरान पिछले दरवाजों को भी बंद करा दिया गया।

गाडि़यों पर थी बीजेपी की नजर
भाजपा कार्यकर्ताओं ने अस्पताल में आने वाली हर गाड़ी पर नजर रखी। उनका मानना था कि केजरीवाल किसी दूसरी गाड़ी में भी आ सकते हैं।  भाजपाई बाहर केजरीवाल को रोकने के लिए डटे रहे और अधिकारी अंदर कार्यालय में बैठे रहे। मरीजों की तरफ किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया। मरीजों को सामान्य दिनों से पहले ही बाहर भेज दिया गया। कुछ महिलाएं दवाई लेने के लिए इधर-उधर घूमती रही। वे सब भाजपा जिलाध्यक्ष प्रमोद विज के पास पहुंच गई।

दवा दिलवाने का दिया भरोसा
इसी बीच एडीसी सुजान सिंह यादव डिप्टी सीएमओ डॉ. सुधीर बतरा और डॉ. शशि गर्ग से बातचीत करते हुए बाहर निकले। जिलाध्यक्ष ने दोनों डिप्टी सीएमओ से मरीजों को दवाई न मिलने की बात कही। डिप्टी सीएमओ उनको लेकर अस्पताल के स्टोर पर पहुंचे, लेकिन वह बंद मिला। डिप्टी सीएमओ ने मरीजों को दवाई दिलवाने का भरोसा दिया। महिलाओं को इसके बाद भी दवाई नहीं मिल पाई। एमएस डॉ. आलोक जैन दोनों महिला मरीजों को दवाई दिलवाने का भरोसा देते हुए एक तरफ ले गए। भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष डॉ. अर्चना गुप्ता ने खुद मरीजों को दवाई समझाई।

जिलाध्यक्ष को सच्चाई दिखानी चाही तो एक मंजिल से ही वापस लौटे
मीडिया कर्मियों ने भाजपा जिलाध्यक्ष प्रमोद विज के सामने सिविल अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन के साढ़े तीन महीने से खराब और पानी की टंकियों के खुले रहने की बात सामने रखी। उन्होंने कहा कि अस्पताल में मशीनों की कमी है। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने अनुमति दे रखी है। जल्द ही सभी मशीनें उपलब्ध करा दी जाएंगी। वे पानी की टंकियों की स्थिति जांचने के लिए मीडियाकर्मियों के साथ चले, लेकिन प्रथम मंजिल की एक टंकी को देखकर ही वापस लौट आए।

मरीजों ने भाजपा नेताओं को दिखाई तस्वीर
दवाई लेने को भटक रही झांबा गांव की मामो ने बताया कि उसको खांसी और बुखार है। वह शनिवार सुबह 8 बजे अस्पताल में दवा लेने आई थी। डॉक्टर ने उसकी टेस्ट रिपोर्ट पर दवाई लिख दी। अस्पताल के स्टोर पर आधी दवाई देकर उसको टाल दिया। वह अब दवाई लेने के लिए भटक रही है।

अस्पताल में कोई नहीं सुनता
झांबा की संतोष ने बताया कि वह दो महीने से बीमार है। सिविल अस्पताल में लगातार दवाई लेने आ रही है। शनिवार को उसके टेस्ट की रिपोर्ट तो दे दी, लेकिन डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवाई नहीं दी। अस्पताल में डॉक्टर व अधिकारी कोई सुनवाई नहीं कर रहे।

शौचालय भी बंद कर दिए
खलीला माजरा के आजाद ने बताया कि वह अपने एक जानकार के साथ सिविल अस्पताल में आया था। स्वीपर ने दोपहर के वक्त टॉयलेट बंद कर दिया। उसने टॉयलेट का दरवाजा खोलने की कही तो उसको अनदेखा कर दिया। वह काफी देर तक इधर-उधर घूमता रहा।

डॉक्टर रिपोर्ट तक नहीं देखते
नूरवाला निवासी सविना ने बताया कि उसको टायफाइड है। डॉक्टर ब्लड रिपोर्ट तक ठीक से नहीं देख रहे। दोपहर के दो बजते ही डॉक्टर व स्टाफ उठकर चले जाते हैं। अस्पताल में दवाई तक नहीं दे रहे।

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