कैथल के इस गांव के स्कूल में अध्यापकों की कमी हुई तो ग्रामीणों ने खोला मोर्चा, दी चेतावनी
सीएम के गोद लिए गांव क्योड़क के स्कूल में अध्यापकों की कमी होने पर ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया। ग्रामीणों ने पंचायत की और शिक्षा विभाग को चेतावनी दी। स्कूल में विज्ञान और गणित विषय का कोई शिक्षक नहीं है।
कैथल, जेएनएन। मुख्यमंत्री के गोद लिए गांव क्योड़क के राजकीय संस्कृति मॉडल वरिष्ठ माध्यिक विद्यालय में शिक्षा बचाने के लिए ग्रामीण आगे आए। स्कूल में पिछले लंबे समय से शिक्षकों के पद खाली है। स्कूल में शिक्षक न होने पर यहां के ग्रामीणों ने स्कूल में ही पंचायत की। स्कूल में गणित और विज्ञान विषय का कोई प्राध्यापक नहीं है। ऐसे में पंचायत में स्कूल में शिक्षकों को तैनात करने की मांग पर विधायक, शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री को मांग पत्र देने पर फैसला लिया गया।
इसके साथ ही ग्रामीणों ने शिक्षा विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। इस दौरान पंचायत ने जिला शिक्षा अधिकारी को मौके पर ही पंचायत में बुलाया और मौके पर समस्या का समाधान करने की मांग की। इस पर डीईओ ने ग्रामीणों को आश्वासन देते हुए कहा कि निदेशक से मांग की जाएगी। इस पंचायत में विकास तंवर, रामलाल, कुलदीप, सचिन सहित अन्य शामिल रहे। पंचायत में फैसला लिया गया कि यदि 20 दिन के अंदर स्कूल में अध्यापकों के विभिन्न पदों को नहीं भरा गया तो वह सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे।
विद्यार्थियों के भविष्य से हो रहा खिलवाड़, इसलिए की पंचायत
पंचायत में मौजूद विकास तंवर और कुलदीप ने कहा कि पिछले लंबे समय से स्कूल में अध्यापकों के पद खाली पड़े हैं। सरकार ने इस स्कूल को अंग्रेजी माध्यम तो बना दिया, लेकिन यहां पर शिक्षकों को नियुक्त किया नहीं, जिस कारण गांव के विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। ऐसे में सभी ग्रामीणों को पंचायत करने का फैसला लिया। इस पंचायत में सरकार को अल्टीमेटम दिया गया है। यदि जल्द ही इस समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ तो वह बड़ा आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।
स्कूल में यह इन विषयों के नहीं है शिक्षक
क्योड़क के राजकीय संस्कृति मॉडल वरिष्ठ माध्ण्यमिक विद्यालय में टीजीटी हिंदी एक, पीजीटी फिजिक्स एक, पीजीटी राजनीतिक शास्त्र एक, गणित और विज्ञान विषय में दो की जरूरत है, परंतु यहां पर एक भी प्राध्यापक नहीं है।
दिया आश्वासन
जिला शिक्षा अधिकारी अनिल शर्मा ने बताया कि गांव क्योड़क में ग्रामीणों द्वारा शिक्षकाें की कमी को लेकर पंचायत की जानकारी मिली थी। इस पर वह पंचायत में मौके पर पहुंचे। इस ग्रामीणों को निदेशक को पत्र लिखकर शिक्षकों के पद भरने का आश्वासन दिया है।
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