कैथल रोडवेज डिपाे में बसों का टोटा, 130 से घटकर संख्या हुई 85, यात्री होते हैं परेशान

कैथल रोडवेज डिपो में बसों का टोटा है। दिल्ली करनाल कुरुक्षेत्र और जींद जाने के लिए शाम के समय नहीं मिलती बसें। बसों की कमी में लंबे रूटों पर भी संख्या को किया कम लोकल रूटों पर रात्रि सर्विस हुई बंद।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 05:58 PM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 05:58 PM (IST)
कैथल रोडवेज डिपाे में बसों का टोटा, 130 से घटकर संख्या हुई 85, यात्री होते हैं परेशान
कैथल से देर शाम लंबी दूरी की बसें काफी कम।

कैथल, जागरण संवाददाता। रोडवेज डिपो में लगातार बसों की कमी हो रही है। बसों की कमी के कारण कई लंबे रूट और लोकल रूटों की बसें बंद हो चुकी है। काेरोना महामारी से पहले डिपो में बसों की संख्या 130 थी, जो घटकर मात्र 85 हो गई हैं। पिछले छह महीने में करीब 35 बसें कंडम घोषित की जा चुकी हैं। जिन रूटों पर बसें बंद हैं, वहां के यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ रही है। पिछले करीब डेढ़ साल से भी ज्यादा समय से जींद-कुरुक्षेत्र रेलवे लाइन पर रेलगाड़ियों का आगमन बंद है। इससे यात्रियों की परेशानी ओर बढ़ रही है। दिल्ली, जींद व कुरुक्षेत्र के लिए भी बसों की संख्या कम होने के कारण काफी परेशानी लोगों को आ रही है।

रोडवेज द्वारा कोरोना महामारी के पहले दिल्ली जाने के लिए कुल 28 बसों का संचालन किया जाता था। परंतु अब 16 बसें ही चलाई जा रही हैं। चीका, असंध, करनाल व खनौरी जाने वाली बसों की संख्या को भी घटाया गया है। जिसमें लोकल रूट के यात्रियों को भी अधिक परेशानी होती है।बता दें कि जिले में प्रतिदिन 15 से 20 हजार यात्री रोजाना अपने गंतव्यों पर जाने के लिए यात्रा करते हैं।

लोकल रूटों पर रात्रि सर्विस हुई बंद 

बसों की कमी के बीच रोडवेज को मुनाफा देने वाले लोकल रूटों पर रात्रि सर्विस को बिल्कुल ही बंद कर दिया गया है। जिसमें करनाल, चीका और असंध रूट शामिल है। कोरोना महामारी से पहले इस तीनों ही रूटों पर रात आठ और नौ बजे के बीच अंतिम बस को भेजा जाता था। परंतु अब ऐसा नहीं है। बसों के बंद करने से इन रूटों पर हर रोज यात्रा करने वाले यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ती है। उन्हें बसों से अधिक किराया देकर यात्रा करनी पड़ती है।

दोपहर बाद नहीं मिलती बस

आरकेएसडी कालेज में पढ़ाई कर रहे राजौंद निवासी छात्र अभिषेक ने बताया कि वह बीकाम द्वितीय वर्ष का छात्र है। विद्यार्थियों को घर से कालेज और कालेज से घर पहुंचने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। यहां पर लोकल बस सेवा नहीं है। सुबह के समय तो भीड़ में सफर तय कर कैथल में पहुंच जाते हैं। परंतु दोपहर के समय बस न हाेने की स्थिति में काफी परेशानी होती है।

जाट कालेज के छात्र कसान निवासी कुश ने बताया कि निजी बस में किराया देना पड़ता है। जबकि सरकारी बस का पास बना है। दोपहर को छुट्टी के समय बस नहीं मिलती है। जिससे उन्हें अधिकतर समय किराया अदा करके ही घर पहुंचना पड़ता है। जिला प्रशासन को विद्यार्थियों की समस्या को देखते हुए दोपहर के समय बसों की संख्या बढ़ानी चाहिए।

गांवों में जाने के लिए नहीं है बस की सुविधा 

गांव राजौंद निवासी बुजुर्ग छोटी देवी ने कहा कि उसे गांव प्रभोत में एक विवाह में जाना था। सुबह 11 बजे ही कैथल के बस स्टैंड पर पहुंच गई थी। यहां पर गांव प्रभोत के लिए केवल दो समय ही बस चलती है। बस का समय दोपहर दो बजे था। ऐसे में उसे तीन घंटे तक बस स्टैंड पर ही बैठना पड़ा। गांवों में भी बस की सुविधा देनी चाहिए।

वहीं गांव मंडवाल निवासी युवती मीनू ने कहा कि वह भी गांव सिरटा जाने के लिए मंडवाल से कैथल पहुंची। परंतु यहां पर लोकल बस का समय नहीं है। दोपहर के समय बस काउंटर पर लगी। काफी इंतजार करने के बाद बस मिली। काफी परेशानी हुई।

यमुनानगर जाने के लिए नहीं मिली बस 

यमुनानगर निवासी इकबाल ने बताया कि वह लकड़ी का कारीगर है। गांव बुढ़ाखेड़ा में काम करने गया था। सुबह के समय उसे यमुनानगर जाने के लिए बस नहीं मिली। बाद में उसे कुरुक्षेत्र की बस में जाना पड़ा। काफी कठिनाई का सामना करना पड़ा।

बसों की कमी को देखते हुए यात्रियों की मांग के अनुसार बसों का संचालन किया जा रहा है। रोडवेज बेड़े में बसों की संख्या बढ़ाने को लेकर आला अधिकारियों को लिखा गया था। जनवरी महीने में 35 नई बसें डिपों में आएंगी। यह बसें मिलने के बाद यात्रियों की परेशानी कम होगी।

अजय गर्ग, महाप्रबंधक, हरियाणा रोडवेज, कैथल।

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