ठंडी हवा के कारोबार पर भारी लॉकडाउन की गर्मी

कोरोना महामारी के कारण पंखे कूलर व एसी की बिक्री पर लॉकडाउन लगा हुआ है। गर्मी में लोगों का पसीना निकल रहा है। कूलर एसी पंखे गोदामों की शोभा बढ़ा रहे हैं। लॉकडाउन में बाजार बंद होने कारण भरपूर सीजन में भी दुकानदार माल नहीं बेच पा रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 10 May 2021 09:43 AM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 09:43 AM (IST)
ठंडी हवा के कारोबार पर भारी लॉकडाउन की गर्मी
ठंडी हवा के कारोबार पर भारी लॉकडाउन की गर्मी

जागरण संवाददाता, पानीपत : कोरोना महामारी के कारण पंखे, कूलर व एसी की बिक्री पर लॉकडाउन लगा हुआ है। गर्मी में लोगों का पसीना निकल रहा है। कूलर, एसी, पंखे गोदामों की शोभा बढ़ा रहे हैं। लॉकडाउन में बाजार बंद होने कारण भरपूर सीजन में भी दुकानदार माल नहीं बेच पा रहे हैं। गोदाम भरे हैं। यदि यही हालत रही तो कूलर, पंखे व एसी बेचने वाले इलेक्ट्रानिक्स दुकानदारों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। एक अप्रैल से लेकर 30 जुलाई तक पंखे कूलर का सीजन होता है।

पानीपत में 70-80 हजार पंखे हर वर्ष सीजन में बिकते हैं। कूलर की डिमांड 15-20 हजार तक रहती है। 15 हजार यूनिट एसी सीजन में बिक जाते हैं। एसी का सीजन एक मई से 30 मई तक पीक पर होता है। मई माह में शुरुआत से लॉकडाउन लग गया है। कोरोना महामारी के कारण लोग एसी की सर्विस तक नहीं करवा पा रहा है। शोरूम, दुकानें बंद है। दुकानदारों का कहना है कि इन हालतों में ब्याज, किराया नहीं निकाल पाएंगे। वारंटी पीरियड खत्म हो जाएगा। मिठाई की दुकान की तरह होता है हमारा काम

इलेक्ट्रिकल ट्रेडर्स एसोसिएशन के सचिव योगेश गोयल का कहना है कि हमारा कार्य हलवाई की तरह होता। मिठाई तैयार होने पर नहीं बिके तो नुकसान ही नुकसान। दुकानदार सीजन के तैयारी में वित्त जुटाकर, बैंक से लोन लेकर पंखे, कूलर से गोदाम बरता है। सीजन पर ही पूरी दुकानदारी निर्भर करती है। पानीपत में करीब 525 दुकानें हैं। सभी दुकानदारों के गोदाम फुल हैं। पंखों, कूलरों की मांग घरों के अपेक्षा फैक्ट्रियों में अधिक होती है। लेबर चली जाने के कारण उद्योगों में कम लेबर है। इस कारण उद्योगों की पंखे, कूलर की डिमांड नहीं निकल रही है। लॉकडाउन के कारण दुकानें बंद हैं। पिछले वर्ष लाक डाउन में दुकानदारों ने चोरी छिपे पंखे, कूलर बेच लिए थे। इस बार दुकानदार भी कोरोना की दूसरी लहर से दहशत में चोरी छिपे पंखे, कूलर नहीं बचे रहे। लॉकडाउन में पिटा एसी का सीजन

कूलर, पंखे, एसी के प्रमुख कारोबारी सागर गोयल ने बताया कि कोरोना बीमारी का एसी की डिमांड पर असर नहीं है। 25-30 हजार रुपये तक एसी आ जाता है। इसीलिए लोग कूलर के स्थान पर एसी को प्राथमिकता दे रहे हैं। पिछले वर्ष लॉकडाउन के बाद एसी की डिमांड कई वर्षों का रिकार्ड तोड़ गई। एक मई से 30 मई तक एसी का पीक सीजन होता है। इस बार मई की शुरुआत से लॉकडाउन लग गया है।

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