करनाल में जेल की सुरक्षा को चुनौती, नहीं थम रहा मोबाइल मिलने का सिलसिला, ऐसे होगी सख्ती

करनाल जिला जेल में लगातार मोबाइल मिल रहे हैं। वीरवार को भी जेल प्रशासन को चार मोबाइल बरामद हुए हैं। कैदियों व बंदियों के स्वजन जेल के बाहर से मोबाइल फेंकते हैं। अब जेल प्रशासन हरकत में आ गया है। मोबाइल फेंकने वाले लोगों पर सीसीटीवी का पहरा रहेगा।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Fri, 09 Apr 2021 08:02 PM (IST) Updated:Fri, 09 Apr 2021 08:02 PM (IST)
करनाल में जेल की सुरक्षा को चुनौती, नहीं थम रहा मोबाइल मिलने का सिलसिला, ऐसे होगी सख्ती
करनाल जेल में इसी माह सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने व चहारदीवारी निर्माण का कार्य पूरा कर लिया जाएगा।

करनाल, जेएनएन। जिला जेल में माेबाइल मिलने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। लगातार मिल रहे मोबाइल प्रशासन के लिए भी चुनौती बन चुके हैं। कभी जेल परिसर तो कभी बैरक में ही मोबाइल बरामद हो रहे हैं। यहीं नहीं बंदी व कैदियों से भी मोबाइल मिले हैं। वीरवार को भी जेल प्रशासन को चार मोबाइल बरामद हुए हैं। इसके बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया है।

संबंधित पुलिस भी आज तक जेल में मोबाइल मिलने की अधिकतर घटनाओं में आरोपितों तक नहीं पहुंच पाई है, जिसके चलते यहां मोबाइल पहुंचाने वाले लोगों के हौंसले लगातार बुलंद हो रहे हैं। लेकिन अब जेल प्रशासन खुद हरकत में आ गया है। जेल प्रशासन द्वारा की जा रही सख्ती किसी बंदी व कैदी तक आपराधिक व किसी स्वजन द्वारा जिला जेल परिसर में किसी तरह मोबाइल पहुंचाने की मंशा अब पूरी नहीं हो सकेगी। बाहर से जेल में मोबाइल फेंकने वाले ऐसे लोगों पर एचडी क्वालिटी के सीसीटीवी कैमरों का पहरा रहेगा। आरोपित को तत्काल काबू कर लिया जाएगा।

जेल की दीवारें करवाई जा रहीं ऊंची

जेल प्रशासन ने यह कदम लगातार मोबाइल मिलने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए उठाया है। जेल की सुरक्षा और भी चाक चौबंद करने के लिए जहां चारों ओर पहले से अधिक उंचाई की दीवारों का निर्माण किया जा रहा है। वहीं सुरक्षा कर्मियों को भी कड़ी हिदायत दी गई है। यहीं नहीं जेल के चारों ओर एचडी क्वालिटी के सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाने का कार्य शुरू कर दिया गया है, ताकि बाहर से जेल परिसर में कोई भी संंदिग्ध वस्तु व मोबाइल आदि फेंकने वाले लोगों पर निगरानी रखी जा सके। इसी माह सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने व चारदीवारी निर्माण का कार्य पूरा कर लिया जाएगा।

इस वर्ष अब तक सामने आए मामले 7 अप्रैल को बैरक नंबर 14 की छत से टेप से लिपटे पैकेट में चार मोबाइल, डाटा केबल व बैटरी बरामद। 20 मार्च को बैरक नंबर 28 बी में कमरा नंबर सात के सामने बरामदे की दीवार में लगे बिजली के खाली प्वाइंट से एक मोबाइल व कमरा नंबर पांच के सामने से बिजली प्वाइंट से बैटरी व लीड बरामद। 15 मार्च को बैरक नंबर दो के शौचालय की बंद सीवरेज लाइन से मोबाइल बरामद। 5 मार्च को बैरक नंबर 21 बी में बंदी आकाश वासी रोहतक व बलिंद्र वासी माजरा रोडान से एक-एक मोबाइल बरामद। 26 फरवरी को बैरक नंबर चार की छत से पैकेट में दो मोबाइल व चार्जर बरामद। 10 फरवरी को बुर्ज नंबर चार व पांच के बीच एक डिब्बी से दो मोबाइल बरामद।

जेल के बाहर से फेंक देते हैं मोबाइल : अमित

जेल अधीक्षक अमित कुमार भादों का कहना है कि कुछ शरारती लोग बंदी व कैदी तक मोबाइल पहुंचाने की मंशा से जेल के बाहर से ही फेंक देते हैं, लेकिन अधिकारी व कर्मचारी पूरी तरह से मुस्तैद रहते हैं। अधिकतर मोबाइल बंदी व कैदी तक पहुंचने से पहले ही बरामद कर लिए जाते हैं। हर बंदी व कैदी की नियमानुसार गहन तलाशी भी ली जाती है। जेल में मोबाइल फेंकने की घटनाएं रोकने के लिए चारों ओर एचडी क्वालिटी के सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं, जिनसे मोबाइल फेंकने वाले की पहचान की जा सकेगी, ताकि तत्काल कार्रवाई की जा सके। जेल की दीवारें भी उंची करवाई जा रही है तो वहीं सुरक्षा कड़ी करने के लिए अन्य आवश्यक कदम भी उठाए जा रहे हैं।

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