नशा छोड़ने वाले युवाओं के साथ प्रशासन, यमुनानगर में शुरू की ये मुहिम
नशा छोड़ने की राह पर चल रहे युवाओं के लिए यमुनानगर सिविल अस्पताल में बनेगा 12 बेड का अलग वार्ड। एसपी कमलदीप गोयल व सिविल सर्जन डा. विजय दहिया ने तैयारियों का लिया जायजा दो दिन में होगा तैयार।
यमुनानगर, जागरण संवाददाता। सिविल अस्पताल में चल रहे नशा मुक्ति केंद्र में मरीजों के लिए 12 बेड का अलग से वार्ड बनेगा। यहां पर स्वास्थ्य विभाग का स्टाफ तैनात रहेगा। इसके साथ ही निगरानी के लिए पुलिस कर्मियों की भी ड्यूटी लगाई जाएगी। पुलिस विभाग की ओर से शुरू की गई नशा मुक्ति मुहिम के तहत यह व्यवस्था की गई है। बुधवार को एसपी कमलदीप गोयल व सिविल सर्जन डा. विजय दहिया ने वार्ड की तैयारियों का जायजा लिया।
जिले में नशा मुक्ति मुहिम के तहत नशे के आदी युवाओं को नशा छोड़ने के प्रति जागरूक किया जा रहा है। पुलिस के साथ ही इस मुहिम में 22 समाजसेवी संगठन भी कार्य कर रहे हैं। अब तक 175 युवा ऐसे सामने आ चुके हैं, जो नशा छोड़ना चाहता है। इन युवाओं के लिए सिविल अस्पताल में मंगलवार व शुक्रवार को अलग से ओपीडी की व्यवस्था की गई है।
एसपी कमलदीप गोयल भी समाजसेवी संगठनों व नशा छोड़ने की राह पर चल रहे इन युवाओं के साथ बैठक करते हैं। जिसमें फीडबैक लिया जाता है। इस दौरान सामने आया था कि नशे की लत के शिकार कुछ युवा ऐसे हैं। जिन्हें अस्पताल में दाखिल कराने की जरूरत है, लेकिन उन्हें अन्य मरीजों के साथ नहीं रखा जा सकता। यदि अलग से उनका वार्ड हो। जिसमें उन्हें रखा जाए और वहां पर नियमित जांच की जाए, तो बेहतर रहेगा। इसके लिए ही एसपी ने प्रयास किए। यहां तक कि मंगलवार को गृह मंत्री अनिल विज के पास भी एसपी व समाजसेवी संगठनों के पदाधिकारी पहुंचे थे। उन्होंने भी मुहिम की सराहना की। साथ ही अस्पताल में चल रहे नशा मुक्ति केंद्र में सभी व्यवस्थाएं कराने के निर्देश दिए।
12 बेड का बनेगा अलग से वार्ड
सिविल सर्जन डा. विजय दहिया ने बताया कि पुलिस की इस मुहिम में स्वास्थ्य विभाग साथ है। यहां पर अलग से 12 बेड का वार्ड बनाया जा रहा है। दो दिन में यह पूरी तरह से तैयार हो जाएगा। यहां पर दाखिल होने वाले मरीज विभाग के स्टाफ की निगरानी में रहेंगे। मनोचिकित्सक इन मरीजों का इलाज करेंगे। वहीं एसपी कमलदीप गोयल ने बताया कि अलग से वार्ड बनने के बाद निगरानी हो सकेगी। अक्सर यह सामने आता है कि मरीज इलाज बीच छोड़कर अस्पताल से चला जाता है या फिर उसके पास ही नशा करने वाले उसके दोस्त पहुंच जाते हैं। जिससे वह नशा नहीं छोड़ पाता। इसलिए ही यह अलग से वार्ड बनाया गया है। यहां पर पुलिसकर्मी भी तैनात रहेंगे। जो मरीज यहां पर दाखिल होगा। उसके परिवार के लोग या फिर समाजसेवी संगठनों के वालंटियर एक निश्चित समय में उससे मिल सकेंगे। साथ ही यहां पर आर्ट आफ लिविंग के सदस्यों के माध्यम से भी इन मरीजों को मोटिवेट किया जाएगा।