पाकिस्तान पर पाबंदी से टेक्सटाइल नगरी को झटका, कारोबारी बोले-वतन पर सब न्यौछावर

पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान से रग्ज आना बंद हो गया है। इससे टेक्सटाइल उद्योग को झटका लगा है। व्यापारियों का जम्मू-कश्मीर में करोड़ों रुपये का भुगतान फंसा है।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Fri, 22 Feb 2019 05:45 PM (IST) Updated:Sat, 23 Feb 2019 09:46 AM (IST)
पाकिस्तान पर पाबंदी से टेक्सटाइल नगरी को झटका, कारोबारी बोले-वतन पर सब न्यौछावर
पाकिस्तान पर पाबंदी से टेक्सटाइल नगरी को झटका, कारोबारी बोले-वतन पर सब न्यौछावर

पानीपत [महावीर गोयल]। पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत ने पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से रिश्ते खत्म कर लिए है। इससे पानीपत के कारोबारियों को बड़ा झटका लगा है। पानीपत में कंबल के लिए आने वाले रग्ज की आपूर्ति रुक गई है। बावजूद नुकसान की परवाह न करते हुए कंबल कारोबारियों ने सिर गर्व से ऊंचा करने वाली बात कह दी।

पुलवामा में आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान से सबसे तरजीही राष्ट्र (एमएफएन) का दर्जा छीने जाने का असर पानीपत के कारोबार पर भी पड़ा है। इससे पाकिस्तान से होकर पानीपत में आने वाले रग्ज की आपूर्ति ठप पड़ गई है। वहीं, कंबल और कारपेट उद्यमियों का भुगतान भी फंस गया है।

पाकिस्तान से होकर सैकड़ों कंटेनर आते थे
मालूम हो कि रग्ज (कटे फटे वूलन कपड़े) से धागा बनाया जाता है। पानीपत के स्पिङ्क्षनग मिलों में इसे कच्चे माल के रूप में प्रयोग किया जाता है। इससे यहां के सैकड़ों ओपन-एंड और शौड़ी यार्न के उद्योग चलते हैं। शौड़ी धागे के साथ-साथ कॉटन मिक्स धागा बनता है। पाकिस्तान व यूरोपीय देशों से यहां आयात होता है। पाकिस्तान से होकर रग्ज के सैकड़ों कंटेनर पानीपत आते हैं, जो मौजूदा हालात में बंद हो चुके हैं। 

क‌र्फ्यू से कामकाज प्रभावित
हैंडलूम एसोसिएशन के प्रधान जोगेंद्र नरूला ने बताया कि हैंडलूम बाजार से कंबल के साथ-साथ कारपेट, बेडशीट जम्मू कश्मीर में निर्यात होता है। पुलवामा में आतंकी घटना के बाद से भुगतान की समस्या बनी हुई है। भुगतान आना बंद हो गया है। जम्मू कश्मीर के व्यापारी हालत सामान्य होने के इंतजार में हैं। क‌र्फ्यू लगने के कारण कामकाज प्रभावित हुआ है।  

नुकसान की चिंता नहीं
पाकिस्तान से रग्ज न आने के कारण इसके दाम में तीन रुपये प्रति किलो का उछाल आया है। हरियाणा चैंबर आफ कामर्स पूर्व कोषाध्यक्ष धनराज बंसल का कहना है कि पुलवामा में आतंकी घटना का बदला लिया जाना चाहिए। माल न आने के कारण हमारे व्यापार को यदि नुकसान भी होता है तो हमें चिता नहीं है। 

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