ब्लड सेंटरों में एसडीपी किट की किल्लत, जुटाने पड़ रहे हैं अधिक रक्तवीर

कोरोना का संकट झेल चुके जिलावासियों को अब डेंगू का डंक सता रहा है। एसडीपी (सिगल डोनर प्लेटलेट्स) किट की किल्लत के कारण ब्लड सेंटरों में मरीजों को प्लेटलेट्स नहीं मिल रही हैं। छोटा पैक के (आठ से बारह हजार प्लेटलेट्स) के लिए भी मरीज को चार-से आठ रक्तवीरों का इंतजाम करना पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 07:01 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 07:01 PM (IST)
ब्लड सेंटरों में एसडीपी किट की किल्लत, जुटाने पड़ रहे हैं अधिक रक्तवीर
ब्लड सेंटरों में एसडीपी किट की किल्लत, जुटाने पड़ रहे हैं अधिक रक्तवीर

जागरण संवाददाता, पानीपत : कोरोना का संकट झेल चुके जिलावासियों को अब डेंगू का डंक सता रहा है। एसडीपी (सिगल डोनर प्लेटलेट्स) किट की किल्लत के कारण ब्लड सेंटरों में मरीजों को प्लेटलेट्स नहीं मिल रही हैं। छोटा पैक के (आठ से बारह हजार प्लेटलेट्स) के लिए भी मरीज को चार-से आठ रक्तवीरों का इंतजाम करना पड़ रहा है।

मरीज की प्लेटलेट्स अधिक कम होने पर रक्तवीर जुटाने मुश्किल हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक अगस्त से अब तक (इस सीजन में) डेंगू के 65 मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। यह सरकारी आंकड़े हैं, निजी अस्पतालों में बेड फुल हैं। स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में डेढ़ से चार लाख तक प्लेटलेट्स होती हैं।मरीज की प्लेटलेट्स कम होने पर 10 हजार भी रह जाएं तो इलाज से बढ़ सकती है। अधिकांश निजी अस्पतालों में मरीज की मौत का डर बताकर डाक्टर प्लेटलेट्स चढ़वाने की सलाह तीमारदार को देते हैं। मरीज डाक्टर की स्लिप, एक डोनर लेकर ब्लड बैंक पहुंचता है तो पता चलता है कि एसडीपी किट खत्म हैं, जंबो पैक नहीं मिलेगा।

तीमारदार को चार से आठ रक्तवीरों का इंतजाम करने को कहा जाता है।रक्त से प्लेटलेट्स, प्लाजमा (एफएफपी), लाल रक्त कणिकाएं (आरबीसी), श्वेत रक्त कणिकाएं (डब्ल्यूबीसी) अलग किया जाता है। डेंगू के मरीज को रैंडम डोनर प्लेटलेट्स (आरडीपी) यानि छोटा पैक दिया जा रहा है। सिविल अस्पताल में नहीं ब्लड सेंटर

तकरीबन 42 करोड़ की लागत से बने 200 बेड के सिविल अस्पताल में ब्लड सेंटर नहीं है। रेडक्रास सोसाइटी के ब्लड सेंटर में कंपोनेंट की सुविधा फिलहाल नहीं है। यही कारण है कि प्लेटलेट्स कम होने पर मरीजों को निजी अस्पताल और ब्लड सेंटरों की दौड़ लगाना पड़ती है। यह है एसडीपी

सिगल डोनर प्लेटलेट्स (एसडीपी) तकनीक से एक यूनिट रक्त में 30-35 हजार प्लेटलेट्स मिलती हैं, इसे जंबो पैक कहते हैं। रक्तदाता के रक्त से मशीन के जरिए प्लेटलेट्स निकाली जाती हैं, ब्लड वापस चढ़ा दिया जाता है। एक जंबो यूनिट प्लेटलेट्स से मरीज में तेजी से सुधार होता है। किट नहीं मिल रही है

संजीवनी ब्लड बैंक के प्रभारी राजकुमार सैनी ने बताया कि जिस कंपनी की सेपरेटर मशीन है, उसी कंपनी की किट इस्तेमाल होती है। यह किट मलेशिया से आती है। कोरोना काल में प्लाजमा में किट का इस्तेमाल अधिक हुआ, इसलिए अब किल्लत है। तीमारदार करते हैं डोनर का इंतजाम

प्रेम अस्पताल स्थित ब्लड सेंटर के प्रभारी रामफल मलिक ने बताया कि एसडीपी किट की किल्लत होने के कारण छोटे पैक दिए जा रहे हैं। आठ से बारह हजार के प्लेटलेट्स के लिए एक से अधिक डोनर का इंतजाम तीमारदार कर रहे हैं।

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