एसडीएम ने पुराना बस अड्डा और सर्विस लेन पर जलभराव को लेकर किया निरीक्षण

पुराना बस अड्डा सहित दोनों सर्विस लेन पर जलभराव की समस्या को लेकर एसडीएम अश्विनी मलिक ने जैक्सन कंपनी के अधिकारी कमल धवन के साथ मौके का मुआयना किया। सर्विस लेन के पानी को ड्रेन के माध्यम से बिजली दफ्तर के पास सीवर लाइन में जोड़ कर एसटीपी तक ले जाने पर विचार किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 04:42 AM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 04:42 AM (IST)
एसडीएम ने पुराना बस अड्डा और सर्विस लेन पर जलभराव को लेकर किया निरीक्षण
एसडीएम ने पुराना बस अड्डा और सर्विस लेन पर जलभराव को लेकर किया निरीक्षण

जागरण संवाददाता, समालखा : पुराना बस अड्डा सहित दोनों सर्विस लेन पर जलभराव की समस्या को लेकर एसडीएम अश्विनी मलिक ने जैक्सन कंपनी के अधिकारी कमल धवन के साथ मौके का मुआयना किया। सर्विस लेन के पानी को ड्रेन के माध्यम से बिजली दफ्तर के पास सीवर लाइन में जोड़ कर एसटीपी तक ले जाने पर विचार किया गया। कंपनी के अधिकारी ने बारिश के बाद सात अक्टूबर से काम शुरू करने का भरोसा दिया।

सर्विस लेन पर जलभराव की गंभीर समस्या है। निर्माण कंपनी द्वारा कई जगहों से अधिक मिट्टी उठाने के कारण वहां झील बने है। हल्की बारिश में भी दो से ढाई फीट पानी जमा हो जाता है। पुराने नाले टूटे हैं तो नए का निर्माण नहीं हुआ है। रास्ते और नाले के लेवल में भी अंतर है। पूरे कस्बे में है निकासी की समस्या

कस्बे के सभी 17 वार्डों में गंदे व बरसाती पानी की निकासी समस्या हैं। रोड व नाले के लेवल ठीक नहीं हैं। सुनियोजित तरीके से नाले व सड़क नहीं बनाए गए हैं। निकासी का रास्ता भी ठीक नहीं है, जिससे गहरे स्थानों पर जलभराव हो रहा है। निकासी में कई दिन लग जाते हैं। सड़क पर अतिक्रमण

रेलवे रोड सहित सभी मुख्य सड़कों पर अतिक्रमण और कब्जे हैं। गलियों में शौचालय के टैंक और सबमर्सिबल के बोर हैं। दुकानदारों और लोगों ने नालों के ऊपर आरसीसी ढलाई कर रखा है, जिसे नालों की सफाई नहीं हो पाती है। बरसाती पानी नाले में नहीं जा पाता है। रेलवे रोड जैसे ऊंचे रोड पर भी पानी जमा होता है। मास्टर प्लान से चलेगा काम

बगैर तकनीकी टीम के मास्टर प्लान से कस्बे और सर्विस लेन की निकासी मुकम्मल नहीं हो सकती है। एसटीपी से वार्डों के लेवल को मिलान कर ड्रेन बनानी होगी। जगह-जगह जैक्शन बनाने होंगे। सीवर लाइन से उसे जोड़ना होगा। सीवर की सुरक्षा के इंतजाम करने होंगे। कस्बे की अनाज मंडी और औद्योगिक क्षेत्र में भी निकासी का बुरा हाल है।

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