स्वास्थ्य विभाग की स्कूल हेल्थ टीमें विद्यार्थियों की करेंगी स्क्रीनिंग, खांसी-बुखार हुआ तो लेंगे सैंपल
पानीपत में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर के चलते स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। स्वास्थ्य विभाग की स्कूल हेल्थ टीमें विद्यार्थियों की स्क्रीनिंग करेंगी। इस दौरान किसी को खांसी या बुखार होता है तो उसका स्वाब सैंपल भी लिया जाएगा।
पानीपत, जागरण संवाददाता। कोरोना की तीसरी लहर, इसका बच्चों पर अधिक दुष्प्रभाव के डर से स्वास्थ्य विभाग ने स्कूल हेल्थ टीमों को फिर से अलर्ट कर दिया है। वैक्सीनेशन कार्य से हटाकर कुछ कर्मचारियों को स्कूलों में भेजा जाएगा। बच्चों के स्वास्थ्य की स्क्रीनिंग होगी। किसी बच्चे को खांसी-बुखार दिखा तो स्वाब सैंपल लेकर उसे तुरंत होम आइसोलेट किया जाएगा।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम एवं मोबाइल हेल्थ टीमों के जिला नोडल अधिकारी डा. ललित वर्मा ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि जिला में नौ स्कूल हेल्थ टीमें हैं। विद्यालय बंद चल रहे थे, इसलिए टीम सदस्यों की ड्यूटी सैंपलिंग, वैक्सीनेशन में लगाई हुई थी। अब विद्यालय खुलने लगे हैं, इस कारण विशेष अभियान चलाकर बच्चों के स्वास्थ्य की जांच होगी, ताकि संक्रमण का पता चल सके।
डा. वर्मा के मुताबिक सीएचसी-पीएचसी स्तर पर भी टीमें बनाई गई हैं। स्कूल से सूचना मिलने पर ये टीमें स्कूलों में जाकर विद्यार्थियों, शिक्षकों और नान टीचिंग स्टाफ के सैंपल लेंगी। जरूरत पड़ी तो बच्चों के स्वाब सैंपल भी लिए जाएंगे।
स्कूल प्रबंधन को दिए जा चुके यह आदेश :
-हर विद्यार्थी, शिक्षक, स्टाफ, नान स्टाफ मास्क पहनेंगे।
-प्रत्येक क्लास रूम में हैंड सैनिटाइजर होना चाहिए।
-स्टाफ और विद्यार्थी दो गज की शारीरिक दूरी का पालन करेंगे।
-प्रतिदिन थर्मल स्कैनर से स्टाफ-विद्यार्थियों की जांच के बाद प्रवेश मिलेगा।
-मध्यान्तर के बाद टच वाले स्थान का सैनिटाइजेशन जरूरी।
-हैंड वाशिंग का स्कूल में इंतजाम होना चाहिए।
शिक्षकों-स्टाफ को निर्देश :
स्कूल के किसी भी विद्यार्थी, शिक्षक, स्टाफ को कोविड-19 जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत होम आइसोलेट करना है। नजदीकी सीएचसी-पीएचसी या हेल्थ सेंटर के चिकित्सक को सूचना देनी होगी।
वैक्सीनेशन के साथ सैंपलिंग भी :
डा. वर्मा ने 18 साल या इससे अधिक आयु के लोगों के नाम अपील में कहा कि कोरोना रोधी टीका लगवाने के साथ कोरोना जांच भी कराएं। टीका लगने का अर्थ, संक्रमण से शत-प्रतिशत सुरक्षा नहीं है। अक्सर देखा गया है कि बड़ों से ही कोरोना संक्रमण बच्चों तक पहुंचा है।