Sawan Month 2020: शुरू हुआ सावन का महीना, पांच सोमवार शिवभक्‍तों को होंगे फलदायक, बन रहा ऐसा संयोग

आज से सावन शुरू हो चुक है। सावन का पहला सोमवार भी आज है। इस बार सावन में 5 सोमवार हैं। सावन में भोलनाथ की पूजा से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। पांच सोमवार से दुर्लभ संयोग भी बन रहा।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Mon, 06 Jul 2020 08:42 AM (IST) Updated:Mon, 06 Jul 2020 08:42 AM (IST)
Sawan Month 2020: शुरू हुआ सावन का महीना, पांच सोमवार शिवभक्‍तों को होंगे फलदायक, बन रहा ऐसा संयोग
Sawan Month 2020: शुरू हुआ सावन का महीना, पांच सोमवार शिवभक्‍तों को होंगे फलदायक, बन रहा ऐसा संयोग

पानीपत, जेएनएन। सावन का महीना छह जुलाई यानी आज से शुरू हो गया। छह जुलाई को सावन का पहला सोमवार है। सावन में पांच सोमवार आएंगे। सावन के पहले सोमवार को मंदिरों में शिवभक्त पहुंचे। वहीं प्रशासन ने अपील की है, कोरोनावायरस के कारण इस बार घरों में रहते हुए ही सावन मनाएं। कांवड़ यात्रा भी इस बार नहीं होगी। 

पंडित दाऊजी महाराज ने बताया कि एक जुलाई को देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु क्षीर सागर में निद्रा में चले गए हैं। 25 नवंबर तक वे निंद्रा में रहेंगे। इस दौरान भगवान शिव सृष्टि संभालते हैं। सावन के महीने में शिव की आराधना का विशेष महत्व है। रुद्राभिषेक से भगवान शंकर शीघ्र प्रसन्न होते हैं। 

पंचाग के अनुसार सावन में महत्वपूर्ण तिथियां 

जुलाई 6 सावन का पहला सोमवार

जुलाई 13 सावन का दूसरा सोमवार

जुलाई 20 सावन का तीसरा सोमवार

जुलाई 27 सावन का चौथा सोमवार

अगस्त 03 सावन का पांचवा सोमवार इस दिन रक्षाबंधन भी है। 

पांच सोमवार योग महत्वपूर्ण 

अवध धाम मंदिर के दाऊजी महाराज ने बताया कि पांच सोमवार को योग लाभदायक है। 13 जुलाई को रेवती नक्षत्र है। इस दिन भगवान शिव का गन्ने के रस से अभिषेक करें। 

अनिष्ट विनाशक होगा 

छह जुलाई को उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, वैधृति योग, कौलव कारण, प्रतिपदा तिथि रहेगी। यह अभीष्ट फलदायक रहेगा। मान्यता है कि इस दिन की साधना अनिष्ट विनाशक सिद्ध होती है। 

सावन सोमवार की व्रत पूजा विधि 

इस व्रत में एक समय भोजन किया जाता है। शिव के साथ माता पार्वती की पूजा होती है। शिवलिंग पर जल अर्पित करें। रात का आसन बिछाकर सोना चाहिए। सावन के पहले सोमवार से 9 या फिर 16 सोमवार तक व्रत रख सकते हैं। शिव पूजा के लिए सामग्री में भांग, धतूरा रख सकते हैं। भगवान शिव की पूजा में गंगाजल का प्रयोग करें। जल, दूध, दही, चीनी, घी, शहद, पंचामृत, कलावा, वस्त्र, जनेऊ, चंदन, रोली, चावल, फूल, बिल्वपत्र, दूर्वा, फल, विजिया, आक, धतूरा, कमल गट्टा, पान, सुपारी, लौंग, इलायची, पंचमेवा, धूप, दीप का प्रयोग होता है। शिव परिवार की पूजा करनी चाहिए। 

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