पानीपत का श्री अवध धाम मंदिर, यहां दक्षिण मुखी हनुमान और पूर्व में श्रीराम की प्रतिमा, जानिए महत्‍व

पानीपत का अवध धाम मंदिर का अपना खास महत्‍व है। यहां पर दक्षिण मुखी हनुमान की प्रतिमा है तो पूर्व में श्रीराम भगवान की प्रतिमा स्‍थापित है। यहां पर सावन में भक्‍तों की भीड़ लगती है। मंदिर की स्‍थापना 2000 में हुई थी।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 01:26 PM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 01:26 PM (IST)
पानीपत का श्री अवध धाम मंदिर, यहां दक्षिण मुखी हनुमान और पूर्व में श्रीराम की प्रतिमा, जानिए  महत्‍व
पानीपत का श्री अवध धाम शिव मंदिर।

पानीपत, जागरण संवाददाता। श्री अवध धाम मंदिर कुटानी रोड पानीपत बस अड्डे से दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मंदिर में आने जाने के लिए बस अड्डे से आटो रिक्शा आसानी से मिल जाती है। रेलवे रोड से मंदिर की दूरी 2.5 किलोमीटर है।

मंदिर का इतिहास

वर्ष 2000 में अवध धाम मंदिर की स्थापना ज्योतिषाचार्य दाऊ जी महाराज ने की। इस क्षेत्र में अनेक मंदिर हैं। इनमें प्राचीन देवी मंदिर भी है। 21 वर्ष पहले कुटानी रोड पर भक्तों के सहयोग से स्थापित इस मंदिर में शिव परिवार के साथ-साथ दुर्गा मां सहित अन्य देवी देवताओं की प्रतिमा स्थापित की गई। इस मंदिर में दूर-दूर से श्रद्धालु शीश नवाने आते हैं। मान्यता है कि इस मंदिर में आने वालों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

रुद्राभिषेक होगा

मंदिर संस्थापक दाऊजी महाराज ने बताया कि मंदिर में सावन पर विशेष आयोजन होते हैं। इस बार पार्थिव शिवलिंग का निर्माण होगा। चमक नमक विधि से रुद्राभिषेक होगा। 2.5 लाख महामृत्युजंय के जाप होंगे। मंदिर में दूर-द्रू से श्रद्धालु आते हैं। सावन माह में विशेष पूजा अर्चना की जाएगी। सुबह रुद्धाभिषेक होगा। शाम को आरती पूजा अर्चना होगी।

15 वर्षों से आते हैं मंदिर

मंदिर में आए श्रद्धालु डा. रमेश चुघ ने बताया कि वे 15 वर्षों से मंदिर में आते हैं। यहां मन्नत तो पूरी होती ही है। साथ ही सामाजिक कार्यों को देखकर यहां आने का अधिक मन करता है। मंदिर सिलाइ केंद्र चला रहा है। जरूरतमंद रोगियों की सहायता के लिए डिस्पेंसरी खोली गई है। कंप्यूटर सेंटर चलाया जा रहा है।

मंदिर की विशेषता

श्री अवध धाम मंदिर में दक्षिण मुखी हनुमान की प्रतिमा स्थापित है। सूर्यवंशी राम की प्रतिमा स्थापित की गई है। पूर्व दिशा में राम विराजमान है। यह पानीपत का पहला मंदिर है जहां भगवान राम पूर्व दिशा मुखी हैं। मंदिर में सुबह शाम आरती होती है। भक्तों का कहना है कि यहां आने से शांति मिलती है। दाऊ जी महाराज का सानिध्य मिलता है।

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