कुरुक्षेत्र के LNJP अस्पताल में कर्मचारियों को वेतन ना मिलने पर रोष, सफाई व बिजली कर्मचारी हड़ताल पर
कार्यकारी जिला सिविल सर्जन डा. अनुपमा सिंह ने कहा कि ठेकेदार के कुछ कागजात कम थे जिन्हें आनलाइन अपलोड करना था। ठेकेदार ने कागजात पूरे कर दिए हैं। उन्हें आनलाइन अपलोड किया जा रहा है। सायं तक वेतन जारी हो जाएगा।
कुरुक्षेत्र, जागरण संवाददाता। लोकनायक जयप्रकाश नागरिक (एलएनजेपी) अस्पताल में ठेके पर लगे 147 चतुर्थ श्रेणी, सफाई, बिजली और तकनीकी कर्मचारी सोमवार को हड़ताल पर चले गए हैं। कर्मचारियों ने त्योहारों में भी ठेकेदार पर वेतन नहीं देने का विरोध जताया और कोई भी कामकाज नहीं किया। इसकी वजह से अस्पताल में सफाई के साथ हर कदम पर व्यवस्था बिगड़ गई। मरीज जब अस्पताल पहुंचे तो उन्हें पंजीकरण खिड़की तक बंद मिली। मरीजों ने शोर मचाना शुरू किया तो अस्पताल प्रशासन ने यहां पर तीन खिड़कियों पर एक फार्मासिस्ट को बैठा दिया। तीन खिड़कियों पर व्यवस्था नहीं संभल पाई। गति धीमी होने की वजह से मरीजों में रोष रहा।
अस्पताल में नहीं हो सकी सफाई
हड़ताल के कारण अस्पताल के किसी भी वार्ड में सफाई नहीं हो सकी। खासकर आपरेशन थियेटर में आपरेशन होने के बाद गंदगी जमीन पर यूहीं फैली रही। ओपीडी में व्यवस्था बनाने वाले चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी हड़ताल पर होने की वजह से चिकित्सकों की ओपीडी में कोई भी घुसता रहा और पूरा दिन व्यवस्था नहीं बन पाई। वहीं अस्पताल में कई जगहों पर तकनीकी खामी के चलते बिजली व्यवस्था भी ठप पड़ गई, जिसे ठीक करने से ठेके पर कार्यरत बिजली कर्मचारियों ने मना कर दिया।
दोपहर बाद उपायुक्त मुकुल कुमार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यक्रम से जुड़ने के लिए जब जिला सिविल सर्जन कार्यालय पहुंचे तो यहां पर कर्मचारियों के एक प्रतिनिधि मंडल से बात की और उन्हें आश्वासन दिया कि सायं तक उनका दो माह का वेतन आ जाएगा। उन्होंने कार्यकारी डिप्टी सिविल सर्जन डा. अनुपमा सिंह से इसका कारण पूछा। डा. अनुपमा सिंह ने कहा कि ठेकेदार के कुछ कागजात कम थे, जिसे आज आनलाइन अपलोड कर दिया गया है। सायं तक वेतन आ जाएगा। उपायुक्त ने कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि अगर सायं तक वेतन न आए तो मंगलवार को उनके पास कार्यालय में आ जाना वे खुद इस पर एक्शन लेंगे।
तीन से चार माह करना पड़ता है इंतजार
पहले व्यवस्था क्यों नहीं करता अस्पताल प्रशासन व ठेकेदार कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि ठेके पर कार्यरत कर्मचारी कोरोना वायरस के दौरान जान को जोखिम में डालने से भी पीछे नहीं हटे। मगर उन्हें हर बार तीन से चार माह वेतन का इंतजार करना पड़ता है। अब त्योहारी सीजन होने के चलते बार-बार वेतन की मांग की गई, लेकिन जब किसी ने उनकी बात को गंभीरता से नहीं लिया तब जाकर उन्हें हड़ताल करनी पड़ी। कर्मचारियों ने कहा कि अस्पताल प्रशासन हो या ठेकेदार दोनों ही हड़ताल के बाद जागते हैं। जबकि जो व्यवस्था हड़ताल के दौरान एक या दो दिन में हो जाती है वह पहले नहीं की जाती। हर पांच से छह माह में कर्मचारियों को हड़ताल पर बैठकर अपना हक लेना पड़ता है, जिससे मरीजों को भी परेशानी होती है, जो वे कतई करना नहीं चाहते।
वेतन जारी हो जाएगा
कार्यकारी जिला सिविल सर्जन डा. अनुपमा सिंह ने कहा कि ठेकेदार के कुछ कागजात कम थे, जिन्हें आनलाइन अपलोड करना था। ठेकेदार ने कागजात पूरे कर दिए हैं। उन्हें आनलाइन अपलोड किया जा रहा है। सायं तक वेतन जारी हो जाएगा।