कोई न सोए भूखे पेट, होम आइसोलेट मरीजों के घरों में भोजन की सेवा में जुटी अंबाला की ये संस्‍था

कोरोना संक्रमण की जद में आए कई मरीज होम आइसोलेट हैं। उनमें से कई की हालत में सुधार है तो कुछ अभी भी पीडि़त हैं। ऐसे में वे भूखे पेट न सोएं। इसके के लिए अंबाला की संस्‍था निशुल्‍क उनके घर भोजन पहुंचा रही है।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 05:31 PM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 05:31 PM (IST)
कोई न सोए भूखे पेट, होम आइसोलेट मरीजों के घरों में भोजन की सेवा में जुटी अंबाला की ये संस्‍था
होम आइसोलेट मरीजों के घर पहुंचा रहे खाना।

अंबाला, जेएनएन। अंबाला में आईकेजी केयर फाउंडेशन की रसोई होम आइसोलेट कोरोना संक्रमित मरीजों को मुफ्त भोजन वितरण करने में जुटी है। इसके लिए एक गाड़ी और चालक की ड्यूटी लगाई है, जो सुबह और शाम में होम आइसोलेट घरों में भोजन लेकर जाती है। इसके लिए संस्था किसी से कोई आर्थिक मदद भी नहीं लेती है, और भोजन भोजन मुफ्त देती है।

बता दें कि शहर में आईकेजी केयर फाउंडेशन काफी समय से लोगों की सेवा में जुटी है। कोरोना काल में लोगों को जागरुक करने के लिए मुख्य चौराहों पर बैनर लगए। इसमें लोगों को दो गजक की दूरी, मास्क और सैनिटाइज करने के प्रति जागरुक किया। साथ ही लोगों को मास्क भी वितरण किए। वहीं अब कोरोना संक्रमित मरीजों का ग्राफ बढ़़ रहा है, तो अधिकांश मरीजों को होम आइसोलेट किया है। इस वजह से काफी घरों में होम आइसोलेट होने से भोजन की परेशानी होती है। ऐसे लोगों के लिए आइकेजी केयर फाउंडेशन ने होम आइसोलेट घरों के लिए फ्री भोजन की शुरुआत की है।

इस संबंध में आइकेजे केयर फाउंडेशन की चेयरपर्सन राधिका चीमा ने बताया कि संस्था की रसोई से होम आइसोलेट मरीजों को फ्री भोजन देने का काम किया जा रहा है। अभी शहर में करीब 40 घरों में भोजन पहुंच रहा है। जहां से भोजन के लिए फोन आता है, तो भोजन की थाली भेज दी जाती है। इसके लिए एक गाड़ी और चालक की ड्यूटी इस कार्य में लगी है। रसोई में हाई प्रोटीन युक्त भोजन तैयार किया जाता है, और सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है।

भोजन के लिए इस नंबर पर फोन करें

अंबाला शहर में होम आइसोलेट मरीजों को भोजन के लिए संस्था ने 8295781111 नंबर जारी किया है। इस नंबर पर फोन कर होम आइसोलेट मरीज भोजन की थाली मांगा सकते हैं। इसके लिए मरीज को कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट और आधार कार्ड देना होता है। इसके बाद संस्था की गाडी से मरीज के घर भोजन भेज दिया जाता है।

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