ई-वाउचर के जरिए वैक्सीनेशन में कर सकेंगे जरूरतमंदों की मदद
कोरोना वैक्सीनेशन को बढ़ावा देने के लिए अब भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से अनुमोदित गैर-हस्तांतरणीय इलेक्ट्रानिक वाउचर को इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। वाउचर के जरिए आर्थिक रूप से कमजोर लोग निजी अस्पतालों में टीकाकरण करा सकेंगे।
राज सिंह, पानीपत
कोरोना वैक्सीनेशन को बढ़ावा देने के लिए अब भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से अनुमोदित गैर-हस्तांतरणीय इलेक्ट्रानिक वाउचर को इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। वाउचर के जरिए आर्थिक रूप से कमजोर लोग निजी अस्पतालों में टीकाकरण करा सकेंगे।
कोरोना वैक्सीनेशन के नोडल अधिकारी डा. मनीष पासी ने बताया कि सरकारी चिकित्सीय फैसिलिटी में टीके निशुल्क लगाए जा रहे हैं। वैक्सीन के संकट के कारण काफी भीड़ रहती है। केंद्र सरकार ने निजी अस्पतालों में टीकाकरण के रेट निर्धारित कर दिए हैं। अस्पताल संचालक रुचि भी दिखा रहे हैं। दिक्कत यह कि निजी अस्पतालों में सक्षम समाज के लाभार्थी डोज की कीमत चुकाकर टीका लगवा सकते हैं। आर्थिक रूप से कमजोर लाभार्थियों की पाकेट जवाब दे जाती है। सक्षम समाज, आर्थिक रूप से कमजोर लाभार्थी के नाम गैर-हस्तांतरणीय इलेक्ट्रानिक वाउचर जारी सकता है।
डा. पासी के मुताबिक वाउचर मोबाइल फोन में डाउनलोड किए जा सकेंगे। निजी अस्पताल के वैक्सीनेशन सेंटर पर स्कैन किया जा सकेगा। सरकार की ओर से स्पष्ट गाइडलाइन का इंतजार है। इस बाबत कोविन एप में भी बहुत जल्द बदलाव देखने को मिलेगा। डोज की बर्बादी रुकेगी
डा. पासी ने बताया कि वैक्सीन की वायल 10 या 20 डोज की होती है। सक्षम समाज या कोई ग्रुप ई-वाउचर खरीद कर डोज की बर्बादी कम करने में भी सहायक बन सकते हैं। वे 10 या 20 ई-वाउचर ही खरीदेंगे, निजी अस्पताल पहुंचकर ये लाभार्थी टीका लगवा लेंगे। कंपनियां भी उठा सकेंगी लाभ
डा. पासी ने कहा कि पानीपत औद्योगिक शहर है, 50 से ज्यादा बड़ी कंपनियां हैं। इनके डायरेक्टर अपने श्रमिकों के नाम से गैर-हस्तांतरणीय इलेक्ट्रानिक वाउचर खरीद सकते हैं। इसका लाभ यह कि बहुत जल्द कंपनी का एक-एक वर्कर वैक्सीनेट हो जाएगा। सामाजिक संस्थाएं और 10 या 20 लोगों का ग्रुप भी इस दिशा में आगे बढ़ सकता है।