कैथल में राष्ट्रीय विद्या समिति की चौधर मंगल गुट को, साकेत मंगल लगातार दूसरी बार बने प्रधान

कैथल के आरकेएसडी कालेज की संस्था राष्ट्रीय विद्या समिति के चुनाव में इस बार चारों पदों पर वर्ष 2018 में बनी कार्यकारिणी ही दोबारा बनी है। समिति में 21 कॉलेजियम हैं। इस कॉलेजियम में चुने गए सदस्यों ने अपने प्रधान और उपप्रधान चयन किया।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Tue, 02 Mar 2021 03:52 PM (IST) Updated:Tue, 02 Mar 2021 03:52 PM (IST)
कैथल में राष्ट्रीय विद्या समिति की चौधर मंगल गुट को, साकेत मंगल लगातार दूसरी बार बने प्रधान
सुबह 10 बजे मतदान शुरू हुआ था। साढ़े 10 बजे तक ही 21 में 18 वोट पोल हो गए थे।

पानीपत/कैथल, जेएनएन। राधाकृष्ण सनातन धर्म (आरकेएसडी) कालेज की संस्था राष्ट्रीय विद्या समिति के प्रधान व उपप्रधान पद का चुनाव संपन्न हुआ। इस चुनाव में साकेत मंगल के सिर दूसरी बार प्रधानी का ताज सजा है। जबकि उन्हीं के गुट के उप प्रधान पद के उम्मीदवार अश्वनी शोरवाला ने जीत हासिल की। यही नहीं, इस बार चारों पदों पर वर्ष 2018 में बनी कार्यकारिणी ही दोबारा बनी है। जिसमें महासचिव पद पर पंकज बंसल तो कोषाध्यक्ष के पद पर सुनील चौधरी मनोनीत हुए हैं।

बता दें कि समिति में 21 कॉलेजियम हैं। इस कॉलेजियम में चुने गए सदस्यों ने अपने प्रधान और उपप्रधान चयन किया। चुनाव के लिए सुबह 10 बजे मतदान शुरू हुआ था। सुबह साढ़े 10 बजे तक ही 21 में 18 वोट पोल हो गए थे। जबकि अंतिम तीन वोट साढ़े 11 बजे तक पोल हुए थे। इसके बाद दोपहर 12 बजे वोटों की गिनती शुरू हो गई थी। महज सात मिनट में सभी वोटों की गिनती हो गई। इसमें मंगल गुट से प्रधान पद के उम्मीदवार साकेत मंगल को 17 तो मित्तल गुट के राधाकृष्ण को महज चार वोट मिले। इसी प्रकार मंगल गुट के उप प्रधान पद के उम्मीदवार अश्वनी शोरेवाला ने कुल 16 तो मित्तल गुट के मुकेश निरवानी को पांच वोट मिले हैं। अश्वनी शाेरेवाला ने मुकेश निरवानी को 12 वोटों से हराया है। 

मंगल गुट को चौथी बार मिली प्रधानी

बता दें कि मंगल गुट आरवीएस में अहम ओहदा रखता है। इससे पहले भी मंगल गुट से तीन बार प्रधान बन चुके हैं। इससे पहले वर्ष 1982 और 2002 के चुनाव में साकेत मंगल के पिता युधिष्ठर मंगल प्रधान बन चुके हैं। जबकि साकेत मंगल 2018 में तो अब इन चुनावों में दूसरी बार प्रधान बन चुके हैं। इस बार कॉलेजियम के चुनावों के दौरान तो शुरुआत में यह अनुमान था कि साकेत मंगल को सर्वसम्मति से चुन लिया जाएगा। लेकिन मित्तल गुट से प्रधान और उप प्रधान पद के लिए उम्मीदवार मैदान में उतारा गया। हालांकि अंत में उप प्रधान पद के मुकेश निरवानी ने मंगल गुट में जा घर वापसी कर ली। इसके बाद मित्तल गुट से केवल राधा कृष्ण मित्तल ही प्रधान पद के लिए मैदान में अकेले रह गए। जबकि कार्यकारिणी के चुनाव के दौरान महासचिव पद पर पंकज मित्तल व चंद्रप्रकाश मित्तल ने नामांकन दर्ज किया था और कोषाध्यक्ष पद पर सुनील चौधरी ने ही नामांकन भरा था। महासचिव पद पर चंद्रप्रकाश मित्तल के नामांकन वापस लेने के कारण पंकज बंसल को निवर्रोध चुन लिया। कोषाध्यक्ष पर केवल सुनील चौधरी का नामांकन आने के कारण उन्हें कोषाध्यक्ष बनाया गया है। 

शोरेवाला और बंसल गुट ने दे दिया था समर्थन 

उल्लेखनीय है कि इस बार निवर्तमान प्रधान रहे साकेत मंगल को कालेज के अन्य दो गुट शोरेवाला और बंसल गुट ने अपना समर्थन दे दिया था। जिसके बाद 21 में से 19 कॉलेजियम में इन तीनों गुटों के सदस्य सर्वसम्मति से बनाए गए थे। तीन नंबर और 21 नंबर कॉलेजियम में हुए चुनाव में तीन नंबर में मंगल गुट को तो मित्तल गुट को एकमात्र 21 नंबर कॉलेजियम में चंद्रप्रकाश मित्तल को जीत मिली थी।

पंकज बंसल महासचिव तो सुनील चौधरी बने कोषाध्यक्ष 

चुनाव पर्यवेक्षक एवं कालेज प्राचार्य डा. संजय गोयल ने बताया कि चुनाव प्रक्रिया शांतिपूर्वक संपन्न हुई। जिसमें प्रधान पद पर साकेत मंगल ने 21 में 17 वोटे लेकर जीत दर्ज की तो वहीं, अश्वनी शोरेवाला ने 21 में 16 वोटों लेकर जीत हासिल की। इसके अलावा महासचिव पंकज बंसल तो कोषाध्यक्ष सुनील चौधरी बने हैं। इन दोनों पदों में केवल एक-एक उम्मीदवार थे।

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