Rule 134A: जिस कक्षा में पढ़ रहे हैं, उसी में मिलेगा दाखिला, स्कूल बदला तो होगी परेशानी

शिक्षा नियमावली 134ए के तहत आप जिस कक्षा में पढ़ रहे हैं आपको उसी कक्षा में दाखिला मिलेगा। लेकिन स्कूल बदलने से एसएलसी मुसीबत बन सकती है। इसके अलावा जिस स्कूल में बच्चा पढ़ा रहा वहां सीट खाली मिली तो ही दाखिला होगा।

By Rajesh KumarEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 03:19 PM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 03:19 PM (IST)
Rule 134A: जिस कक्षा में पढ़ रहे हैं, उसी में मिलेगा दाखिला, स्कूल बदला तो होगी परेशानी
शिक्षा नियमावली 134ए के तहत एसएलसी बन सकता है मुसीबत।

अंबाला, जागरण संवाददाता। शिक्षा नियमावली 134ए के तहत यदि बच्चा स्कूल बदलना चाहता है, तो उसके लिए स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट (एसएलसी) मुसीबत बन सकता है। इस बार नियम ही ऐसा है कि इस में बच्चों के लिए दिक्कतें खड़ी हो सकती हैं। ऐसा पहली बार हुआ है कि जिस कक्षा में बच्चा पढ़ रहा है, उसी कक्षा में उक्त नियमावली के तहत एडमिशन के लिए परीक्षा दे रहा है। आनलाइन आवेदन करते समय स्कूलाें की, पसंद के अनुसार, वरीयता भी दी गई है। यहीं पर एडमिशन के वक्त पेंच फंस सकता है। हालांकि अभी स्थिति साफ नहीं है, लेकिन माना जा रहा है कि एसएलसी परेशानी खड़ी करेगा। 

परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद आवेदन शुरू

उक्त नियमावली के तहत परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद आवेदन शुरू हो जाते थे। इसी के आधार पर परीक्षा और बाद में रिजल्ट घोषित होता। वरीयता के आधार पर भरे गए स्कूल में नाम आने पर उस स्कूल में दाखिला ले लिया जाता। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ है। शिक्षा सत्र के अंतिम चरण में उक्त नियमावली के तहत अब परीक्षाएं हुई हैं। अंबाला की बात करें, तो 6888 सीटों के स्थान पर महज 2837 ने ही आवेन किया है, जबकि रविवार को 2656 ने परीक्षा दी है। परिणाम घोषित होने के बाद यदि बच्चा किसी दूसरे स्कूल में एडमिशन चाहता है, तो उसे मौजूदा स्कूल से एसएलसी लेनी होगी। यदि वह पुरानी एसएलसी दिखाता है, तो वह मान्य नहीं होगी।

अभिभावकों में असमंजस की स्थिति

दूसरी ओर अभिभावक भी इस कारण से कदम पीछे खींच सकते हैं कि शिक्षा सत्र खत्म होने में महज तीन माह ही बचे हैं। अब तक स्कूल में फीस लगातार दे रहे हैं, जबकि उक्त नियमावली में एडमिशन लेने के बाद इस सत्र में अब तक दी गई फीस रिफंड होगी या फिर आगे के जो महीने बचे हैं, उसकी फीस माफ हाेगी। इसी कारण से एडमिशन को लेकर अभी भी अभिभावकों में असमंजस की स्थिति है। यही कारण है कि आनलाइन आवेदन में अभिभावकों ने भी कोई रुचि नहीं दिखाई, जिसके कारण आवेदन की तिथि को भी आगे बढ़ाना पड़ा है।

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