Coronavirus Update: कोरोना संक्रमण का खतरा, लोग बेखबर, वायरल व डेंगू का कहर जारी
कोरोना संक्रमण का खतरा एक बार फिर बढ़ने का डर सता रहा है। करनाल में स्कूलों सरकारी कार्यालयों अस्पतालों के अलावा शिक्षण संस्थानों में लोग गंभीर नहीं हैं। वहीं वायरल और डेंगू की संख्या लगातार बढ़ती जा रही हैं।
करनाल, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण को लेकर बाजार, सरकारी कार्यालयों, अस्पतालों के अलावा शिक्षण संस्थानों में गंभीरता नहीं बरती जा रही। कागजों में लोगों को जागरूक किया जा रहा है लेकिन हकीकत कुछ और है। कर्मचारी भी बेपरवाही बरत रहे हैं। मास्क व सेनिटाइजर गायब होने लगा है। वहीं शिक्षण संस्थानों को तय नियमों के अनुसार प्रदेश सरकार की ओर से खोला गया था, लेकिन 50 फीसद विद्यार्थियों की संख्या हाजिरी रजिस्टर तक सीमित है। महाविद्यालयों और स्कूलों के परिसरों में विद्यार्थियों को अधिक संख्या में आम देखा जा सकता है। खेलकूद गतिविधियों में कोरोना संक्रमण को पीछे छोड़ दिया गया है।
प्रशासन कर रहा संतोष
जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी संतोष कर रहे हैं कि कोरोना का मामला सामने नहीं आ रहा। इधर, इंद्री के गांव बयाना पीएचसी के अधीन चांदसमंद गांव के रहने वाला छात्र कोरोना पाजिटिव मिल चुका है। इस पर न शिक्षा विभाग ने सतर्कता बरती और न प्रशासन ने कोई सूचना जारी की। बाजारों में पुलिस एक साल पहले के हालात भूल चालान काटने तक सीमित है। सैंपलिंग की कमी धीमी है। शुक्रवार को उपायुक्त की ओर से जारी बयान के अनुसार जिले में कोरोना का कोई केस नहींं मिला।
आमजन खुद करे चिंता
पूर्व बैंक कर्मचारी सुभाष चंद्र, कृष्ण कुमार, राममेहर के अनुसार बाजारों में भीड़ आम देखी जा सकती है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कोरोना भूल चुके हैं। ऐसे में आमजन को जागरूक होने की जरूरत है। सर्दी में कोरोना दोबारा पांव पंसारता है तो स्वास्थ्य विभाग पहले की तरह सीमित सुविधाएं ही उपलब्ध करवा पाएगा। लोगों को अपनों की चिंता खुद करनी चाहिए और बाजार में भीड़ से बचें।
शिक्षण संस्थानों में नोटिस की खानापूर्ति
शिक्षण संस्थानों की दीवारों में खानापूर्ति के लिए कोरोना से बचाव के नोटिसों की कोई परवाह नहीं कर रहा है। जिले में सरकारी व गैर-सरकारी लगभग 870 स्कूल हैं और 14 महाविद्यालय सहित जगह-जगह कोचिंग सेंटर हैं। नियमों के अनुसार कुछ निजी स्कूल 50 फीसद की बजाए 100 फीसद बच्चों की पढ़ाई करवा रहा है। 9 से 12 बजे तक पढ़ाई करवाने के आदेश हैं और निजी स्कूल इसकी परवाह नहीं कर रहे हैं। ऐसे में शिक्षा विभाग के अधिकारियों की ओर से भी कोई कार्रवाई सामने न आना कमजोर कार्यप्रणाली का नतीजा है। अधिवक्ता मुकेश ने बताया कि शिक्षा विभाग के अलावा, जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी आंखें मूंदे हैं। कोचिंग सेंटरों में छोटे से कमरों में जरूरत से अधिक बच्चों को बैठाया जाता है। निजी स्कूल बसों में कोरोना से बचाव की पालना नहीं हो रही और फुल टाइम कक्षाओं में बच्चे बैठाना आम है। मोटी फीस के लालच में कोचिंग सेंटर और स्कूल संचालक पढ़ाई को रेगुलर दिखाने में लगे हुए हैं।
वायरल व डेंगू का कहर जारी, पांच नए मामले
वायरल और डेंगू के मामले नहीं थम रहे हैं। कमजोर कार्यप्रणाली के चलते की गई नगर निगम की फागिंग भी डेंगू के डंक को लाचार नहीं कर पाई है। शुक्रवार को पांच नए मामलों के साथ अब तक 285 लोग डेंगू की चपेट में आ चुके हैं, जिनमें दो की जान जा चुकी है। सीएचसी व पीएचसी में डेंगू की जांच करने के लिए टेस्ट संभव नहीं हो पाता है। हालत बिगड़ने पर करनाल रेफर कर दिया जाता है।
नियमों की पालना को लेकर प्रशासन सख्त : डीसी
उपायुक्त निशांत यादव ने बताया कि कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर प्रशासन सख्त है और सभी संस्थानों को लाकडाउन के नियमों का पालन करना जरूरी है। शिक्षण संस्थानों में कोरोना से बचाव के नियमों की पालना के लिए अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी और जांच होगी। कोताही बरतने पर जिम्मेदार व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा। सिविल सर्जन योगेश शर्मा ने बताया कि कोरोना से बचाव के लिए मोबाइल वेन जागरूक कर रही है और डोर-टू-डोर टीकाकरण किया जा रहा है। इंद्री के गांव में छात्र कोरोना संक्रमित मिलने पर स्कूल में 250-300 सैंपल लिए जा चुके हैं।