खुद कम पढ़ा-लिखा होने का था मलाल, जरूरतमंदों की पढ़ाई में मदद कर पूरा कर रहे सपना

जींद में एक शख्‍स को कम पढ़ा होने का मलाल था। अब वे जरूरतमंदों को पढ़ाई करवाकर उनके सपने पूरे कर रहे हैं। बात हो रही जींद के 8वीं पास रिटायर्ड चतुर्थ श्रेणी कर्मी रामकुमार। पांच पुस्‍तकालय भी खुलवा चुके हैं।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Wed, 24 Feb 2021 04:55 PM (IST) Updated:Wed, 24 Feb 2021 04:55 PM (IST)
खुद कम पढ़ा-लिखा होने का था मलाल, जरूरतमंदों की पढ़ाई में मदद कर पूरा कर रहे सपना
महिलाओं के लिए तीन सिलाई-कढ़ाई सेंटर भी स्थापित खुलवाए।

जींद, जेएनएन। वीटा प्लांट से रिटायर्ड चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रामकुमार केवल आठवीं पास हैं। कम पढ़ा-लिखा होने का उन्हें हमेशा मलाल रहा। कोई और पैसे के अभाव में पढ़ाई बीच में ना छोड़े। इसके लिए उन्होंने गांव व शहरों में पुस्तकालय स्थापित करना शुरू कर दिया। अब तक वे प्रदेश में पांच जगह पुस्तकालय स्थापित करवाकर बच्चों को अपने सपने साकार करने में सहयोग कर रहे हैं।

रामकुमार ने जींद जिले के रत्ता खेड़ा, कैर खेड़ी, जींद शहर तथा हिसार जिले के भकलाना गांव तथा हिसार शहर में मुल्तानी चौक के पास पुस्तकालय खुलवाया है। रामकुमार ने बताया कि उनके लिए भी पुस्तकालय में हर प्रकार की किताबें उपलब्ध करवाना आसान नहीं था। क्योंकि उन पर भी अपने चार बच्चों के लालन-पालन की जिम्मेदारी थी। ऐसे में उन्होंने न केवल अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिलवाई, बल्कि समाज सेवा के कार्य भी साथ-साथ किये।

आज रामकुमार का बेटा भारतीय जीवन बीमा निगम में विकास अधिकारी के पद पर कार्यरत है। रामकुमार ने मूकनायक एजुकेशन सोसाइटी के नाम से एक संस्था बनाई और अब इस संस्था के माध्यम से समाज सेवा में जुटे हुए हैं। उनका सपना प्रदेश के हर गांव और शहर में पुस्तकालय शुरू करवाना है। ताकि किताबों के अभाव में कोई भी बच्चा बीच में पढ़ाई ना छोड़े।

महिला सशक्तीकरण के लिए उठाए जा रहे कदम

रामकुमार ने महिलाओं के लिए तीन सिलाई-कढ़ाई सेंटर भी स्थापित खुलवाए। फिलहाल हिसार जिले के भकलाना तथा जींद जिले के रत्ता खेड़ा तथा जींद शहर में यह चल रहे हैं। यहां सिलाई सीखने वाली महिलाओं ने बताया कि ये केंद्र उनके परिवार के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। यहां सिलाई सीखकर कई महिलाओं ने अपना स्वरोजगार भी स्थापित कर लिया है।

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