Kisan Andolan: प्रदेश भर के 18 धरनों से जींद पहुंचे प्रतिनिधि, बनाया हरियाणा में संयुक्त टोल मोर्चा
प्रदेश के 18 टोल में जहां धरने चल रहे हैं वहां से एक-एक प्रतिनिधि जींद पहुंचा। खटकड़ टोल के पास किसानों के धरने पर हुई पूरे दिन बैठक। संयुक्त किसान मोर्चा की तर्ज पर हरियाणा में संयुक्त टोल मोर्चा बनाया गया।
उचाना (जींद), संवाद सूत्र। जींद के उचाना के गांव खटकड़ में हरियाणा के 18 टोल पर चलने वाले किसानों के धरनों से टोल प्रतिनिधियों की बैठक हुई। इसकी अध्यक्षता खटकड़ टोल कमेटी प्रधान सतबीर पहलवान ने की। संयुक्त किसान मोर्चा की तर्ज पर हरियाणा में संयुक्त टोल मोर्चा का गठन किया गया। इसमें सभी टोल धरनों से एक-एक प्रतिनिधि को इसमें शामिल किया गया। संयुक्त किसान मोर्चा के फैसले के बाद पूरे प्रदेश में उस फैसले को आंदोलन तेज करने के लिए लागू करवाने का काम संयुक्त टोल मोर्चा करेगा।
खटकड़ टोल कमेटी के प्रधान सतबीर पहलवान ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा की तर्ज पर हरियाणा में संयुक्त टोल मोर्चा बनाया गया है। हरियाणा के 18 टोल जहां पर धरने चल रहे है वहां से एक-एक किसान प्रतिनिधियों ने मीटिंग में हिस्सा लिया। अब हरियाणा के हर हिस्से में किसान आंदोलन को मजबूत किया जाएगा। मांगे अगर किसानों की नहीं मानी गई तो 2024 तक की तैयारी करके किसान बैठा है। केंद्र, प्रदेश सरकार चाहे किसानों पर गोली, लाठी चलाए किसान पीछे नही हटेंगे। खटकड़ टोल प्लाजा के पास सारा दिन बैठक कर सभी ने आंदोलन को तेज करने के लिए मंथन किया। गुड़गांव से आए संतोक सिंह ने कहा कि आपस में तालमेल की कमी थी। जो 18 सदस्य है वो तालमेल मजबूत बनाएंगे। जहां-जहां आंदोलन कमजोर है उसे मजबूत बनाएंगे।
कैप्टन भूपेंद्र ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के जो आदेश आएंगे संयुक्त टोल मोर्चा उसके अनुसार किसान आंदोलन को तेज करने में अहम भूमिका निभाएगा। आज सरकार संवेदनहीन हो चुकी है। अब तक 600 से अधिक किसान आंदोलन में जान दे चुके है, लेकिन प्रधानमंत्री से लेकर उनके मंत्री, भाजपा, जजपा के नेताओं ने संवेदना तक प्रकट नहीं की।
कितलाना टोल भिवानी किसान धरने से आए नरसिंह ने कहा कि इस बैठक से नई तेजी, नई ऊर्जा आंदोलन को मिलेंगी। हरियाणा के किसान एकजुट हुए है। अब आंदोलन तेज किया जाएगा। जब तक किसान आंदोलन चलेगा तब तक भाजपा, जेजेपी के नेताओं के कार्यक्रमों का विरोध जारी रहेगा। जरूरत पड़ने पर बड़ा, कड़ा फैसला किसान लेंगे। प्रदेश के किसी कौने पर अगर किसानों पर अत्यचार हुआ तो सभी मिलकर आवाज उठाएंगे। जो संयुक्त टोल मोर्चा बनाया है उसमें कोई प्रधान नहीं है सभी इसमें सदस्य है।