धार्मिक पर्यटन की संभावनाएं अपार, जानिए अंबाला के ऐतिहासिक स्‍थलों के बारे में

हरियाणा के अंबाला के धार्मिक पर्यटन स्‍थल ऐतिहासिक रूप से काफी ज्‍यादा मायने रखते हैं। इन धार्मिक स्‍थलों को पर्यटन के रूप में विकसित किया जा सकता है। हालांकि इस तरफ जिला प्रशासन कोई कदम नहीं उठा रहा है।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Wed, 02 Dec 2020 12:15 PM (IST) Updated:Wed, 02 Dec 2020 12:15 PM (IST)
धार्मिक पर्यटन की संभावनाएं अपार, जानिए अंबाला के ऐतिहासिक स्‍थलों के बारे में
हरियाणा के अंबाला का ऐतिहासिक धार्मिक पर्यटन स्‍थल।

पानीपत/अंबाला, जेएनएन। अंबाला में धार्मिक पर्यटन की संभावनाएं हैं। कई ऐतिहासिक मंदिर, गुरुद्वारा हैं। यह धार्मिक स्थल जहां हमारी धार्मिक परंपराओं को बता रहे हैं, वहीं इतिहास भी काफी रोचक है। हालांकि इसको पर्यटन के लिहाज से डेवलेप करने की ओर कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। धार्मिक लिहाज से डेवलेप करने के दावे तो किए, लेकिन इसे धरातल पर नहीं उतारा। धरोहरों को सहेजने का काम कर रही संस्था इंटैक का भी मानना है कि अंबाला में धार्मिक स्थलों को पर्यटन के लिहाज से डेवलेप किया जा सकता है, लेकिन इसकी पूरी प्लानिंग करनी जरूरी है।

अंबाला में कई ऐतिहासिक गुरुद्वारे, मंदिर व चर्च हैं, जो अपने आप में जीता जागता इतिहास है। हर धार्मिक स्थल का अपना इतिहास है, जो काफी रोचक है। यह हमारी धार्मिक परंपराओं को तो दिखाते हैं, साथ ही इतिहास को भी सामने रखते हैंं। उत्तर भारत का प्रसिद्धा वामन द्वादशी मेला अंबाला शहर में मनाया जाता है।

वामन भगवान के हिंडोलों को नौरंग राय तालाब में जलविहार कराया जाता है। इसी तरह गुरुद्वारा लखनौर साहिब जहां दसवें गुरु गुरु गोबिंद सिह की ननिहाल है, वहीं दशहरा पर्व पर गुरु जी दस्तारबंदी भी इसी गुरुद्वारा में हुई थी। सिखों के आठवें गुरु हरकिशन साहिब भी अंबाला के गांव पंजोखरा में आए थे, जिसका इतिहास अपने आप में अनूठा है।

इसी तरह गुरुद्वारा शीशगंज साहिब गुरुद्वारा गुरु तेग बहादुर की शहीदी से जुड़ा है। दिल्ली में जब उनको शहीद किया गया, तो गुरु जी का शीश उनका शिष्य लेकर यहीं पहुंचा था और एक रात रुके थे। इसी तरह मंजी साहिब गुरुद्वार, बादशाही बाग गुरुद्वारा, गेंदसर गुरुद्वारा भी इतिहास समेटे हुए है।

दूसरी ओर हाथी खाना कैलाश मंदिर, रानी का तालाब स्थित शिव मंदिर, शहर में अंबिका देवी मंदिर, नारायणगढ़ स्थित यमकेश्वर मंदिर भी अपना इतिहास समेटे हुए हैं। इसी तरह अंबाला में अंग्रेजों द्वारा बनाए गए चर्च भी ऐतिहासिक हैं। इंटैक अंबाला चैप्टर के कनवीर रिटायर्ड कर्नल आरडी सिंह का कहना है कि धार्मिक पर्यटन की संभावनाएं अंबाला में हैं, जबकि इसे एक प्लान के अनुसार बढ़ाया जा सकता है।

chat bot
आपका साथी