राहत भरी खबर, पीएम राहत कोष से पहला आक्सीजन प्लांट विज के कैंट अस्पताल को

कोरोना महामारी में एक राहत भरी खबर है। प्रधानमंत्री राहत कोष से पहला आक्‍सीजन प्‍लांट हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज के जिले अंबाला के कैंट अस्‍पताल को मिला है। मरीजों के लिए एक मिनट में प्लांट से तैयार होगा हजार लीटर आक्सीजन।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 11:55 AM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 11:55 AM (IST)
राहत भरी खबर, पीएम राहत कोष से पहला आक्सीजन प्लांट विज के कैंट अस्पताल को
अंबाला के कैंट अस्‍पताल को ऑक्‍सीजन प्‍लांट मिला।

अंबाला, जागरण संवाददाता। कोरोना महामारी की दूसरी लहर में देशभर के सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में आक्सीजन की कमी किसी से छिपा नहीं है। स्वास्थ्य सेवाओं में आधारभूत सुधार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरियाणा के सभी जिला और उप जिला चिकित्सालयों में आक्सीजन जनरेटर प्लांट प्रधानमंत्री राहत कोष से लगाने की घोषणा की।

घोषणा के बाद अंबाला में सबसे पहला प्लांट राज्य के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में कार्य कर रहे नागरिक अस्पताल अंबाला छावनी को मिला है। जबकि जिले में प्रधानमंत्री राहत कोष से अंबाला शहर और चौड़मस्तपुर में भी लगाया जाना है। अंबाला छावनी में लगने वाले इस प्लांट की क्षमता प्रति मिनट हजार लीटर आक्सीजन का उत्पादन करने की होगी। कैंट अस्पताल परिसर में यह प्लांट एक सप्ताह में स्थापित कर दिया जाएगा और केंद्र सरकार अथवा हाइट्स की तकनीकी टीम ट्रायल करके आक्सीजन की सप्लाई अस्पताल के सभी बेड तक सीधे पहुंचाने में मददगार साबित होगी।

अंबाला में 16 पीएचसी पर भी होंगे प्लांट

जिले के 16 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएससी) पर ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट लगाने की मंजूरी मिल चुकी है। जरूरत पड़ने पर मेडिकल ऑक्सीजन जिला स्तर पर ही उपलब्ध हो जाएगी। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बोह, माजरी, नन्यौला, नूरपुर, पंजोखरा, नहोनी, समलेहड़ी, साहा, उगाला, बिहटा, केसरी, अंबली, कुराली, पतरहेड़ी, धनाना और बरवाला में ऑक्सीजन जनरेटर प्लांट लगाया जाएगा। इस पर जल्द ही काम शुरू होने की उम्मीद है।

प्रति मिनट बनेगी 100 लीटर आक्सीजन

पीएचसी पर लगने वाले आक्सीजन जनरेटर प्लांट की क्षमता प्रति मिनट 100 लीटर मेडिकल आक्सीजन उत्पादन की क्षमता होगी। प्लांट को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में ही स्थापित किया जाएगा। प्लांट से सीधे मरीज के बेड तक आक्सीजन की सप्लाई होगी।

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