अच्छी खबर : शिक्षा विभाग के बदले फैसले से राहत, बंद नहीं होंगे पानीपत के 5 प्राइमरी स्कूल

शिक्षा की तरफ से फैसला बदलने के बाद पानीपत के पांच प्राइमरी स्‍कूलों के छात्रों और स्‍टाफ को राहत मिली है। अब ये पांच स्‍कूल बंद नहीं होंगे। पांचों स्कूलों में 10 से ज्यादा है विद्यार्थियों की संख्या। विभाग ने इन्‍हें दूसरे स्‍कूल में शामिल करने का फैसला लिया था।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 09:14 AM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 09:14 AM (IST)
अच्छी खबर : शिक्षा विभाग के बदले फैसले से राहत, बंद नहीं होंगे पानीपत के 5 प्राइमरी स्कूल
पानीपत के पांच प्राइमरी स्‍कूल बंद नहीं होंगे।

पानीपत, जेएनएन। कोरोना महामारी के चलते सभी शिक्षण संस्थान बंद हैं। लेकिन महामारी के बीच जिले के उन विद्यार्थियों के लिए पॉजिटिव और खबर अच्छी है। जिन प्राइमरी स्कूलों पर विद्यार्थियों की कम संख्या के चलते ताला लटकने की नौबत आ गई थी। क्योंकि अब शिक्षा विभाग ने 25 की बजाय विद्यार्थियों की 10 से कम संख्या वाले प्राइमरी व मिडिल स्कूलों को ही मर्ज करने का फैसला लिया है। ऐसे में जिले के उन प्राइमरी स्कूलों पर ताला लटकने से बच गया है। जहां बच्चों की संख्या दस से ज्यादा है। अब उक्त स्कूलों के बच्चे नए शैक्षणिक सत्र में भी अपने स्कूल में ही शिक्षा पा सकेंगे।

संख्‍या 10 से अधिक 25 से कम

गौरतलब है कि राजकीय प्राइमरी स्कूलों में बच्चों की लगातार कम होती संख्या के कारण ताले लगाने की नौबत आ गई। मार्च माह में शिक्षा विभाग ने नए शैक्षणिक सत्र 2021-22 से विद्यार्थियों की 25 से कम संख्या वाले प्रदेश भर में 743 प्राइमरी व 314 मिडिल स्कूलों के बच्चों व शिक्षकों को एक किलोमीटर के दायरे में आने वाले दूसरे स्कूल में समायोजित करने का फरमान जारी कर दिया था। निदेशालय ने प्रदेश के सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिख 25 से कम विद्यार्थियों की संख्या वाले स्कूलों   को नजदीक के स्कूल में मर्ज करने संबंधित रिपोर्ट भी मांगी थी। पानीपत जिले में भी पांच स्कूल ऐसे हैं, जहां विद्यार्थियों की संख्या 10 से अधिक और 25 से कम हैं।

कई किलोमीटर दूर पढऩे जाना पड़ता

जिले में मतलौडा व पानीपत खंड के दो-दो व इसराना खंड का एक प्राइमरी स्कूल है। जहां विद्यार्थियों की संख्या कम है। उक्त स्कूलों पर भी बंद होने की नौबत आ गई थी। नियम के हिसाब से स्टाफ और विद्यार्थी एक किलोमीटर दूर दूसरे स्कूल में समायोजित होते। लेकिन उक्त स्कूलों से कई कई किलोमीटर में दूसरा स्कूल नहीं है। अब विभाग के बदले फैसले ने इन स्कूलों में पढऩे वाले  बच्चों व अभिभावकों को काफी राहत दी है। अन्यथा बच्चों को पढऩे के लिए कई किलोमीटर दूर जाना पड़ता।

मिड डे मील वर्कर को भी राहत

मिड डे मील योजना के तहत स्कूलों में पहली से आठवीं तक के बच्चों को मध्याहन भोजन मिलता है। भोजन तैयार करने को लेकर योजना के तहत प्राइमरी स्कूल में एक वर्कर व एक हेल्पर तैनात होती है। ऐसे में उक्त स्कूलों के बंद होने की नौबत आने से वर्कर व हेल्परों के काम पर भी संकट के बादल मंडरा रहे थे। अब उक्त स्कूल मर्ज नहीं होने से उन्हें भी राहत मिली है।

तैनात किया जाएगा एक एक शिक्षक

जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी बृजमोहन गोयल ने बताया कि विभाग ने अब 25 की बजाय 10 से कम संख्या वाले प्राइमरी व मिडिल स्कूलों को मर्ज करने का फैसला लिया है। जिले में पांच प्राइमरी स्कूलों में बच्चों की संख्या 10 से ज्यादा है। ऐसे में ये स्कूल अब मर्ज नहीं होंगे। उक्त स्कूलों में हाल में दो-दो शिक्षक तैनात है। लेकिन आगे एक-एक शिक्षक को ही तैनात किया जाएगा।

ये स्कूल मर्ज होने से बचे

स्कूल                             बच्चे           शिक्षक  

राजकीय प्राइमरी स्कूल खलीला          14              2

राजकीय प्राइमरी स्कूल रामपुरा          10              2

राजकीय प्राइमरी स्कूल बेगमपुर          11             2

राजकीय प्राइमरी स्कूल जीतगढ़          19             2

राजकीय प्राइमरी स्कूल डेरा गुजरान      11              2

नोट : उक्त बच्चों व शिक्षकों संबंधित आकड़े विभाग द्वारा मार्च में भेजी गई रिपोर्ट के मुताबिक है।

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