ठंड से मिली राहत, लेकिन, दो फरवरी से बदलेगा मौसम, बारिश की संभावना
रात में जहां ठंड से कंपकंपी छूट रही है। वहीं दिन में धूप की वजह से राहत भी है। हालांकि जनवरी के बाद अब फरवरी में भी बरसात की संभावना बनी है। दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर भारत के क्षेत्रों में व्यापक बरसात की उम्मीद।
पानीपत, जेएनएन। ठंड अभी प्रचंड है। पानीपत सहित करनाल में कई जगह पाला जमने की भी सूचना है। मौसम विभाग ने जनवरी की बारिश के बाद अब फरवरी में भी अच्छी बरसात की उम्मीद जताई है। ठीक एक महीने बाद यानी फरवरी के आरंभिक दिनों में दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के तमाम क्षेत्रों में व्यापक वर्षा होने के संकेत मौसम की तरफ से मिलने शुरू हो गए हैं।
मौसम विभाग के मुताबिक इस समय एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में आ रहा है। उम्मीद है कि रविवार रात से इसका उत्तर भारत के पहाड़ों पर प्रभाव दिखाई दे सकता है। पहाड़ी क्षेत्र में भी बरसात हो सकती है। हालांकि दिल्ली समेत मैदानी राज्यों के मौसम को प्रभावित नहीं कर पाएगा। इसके ठीक पीछे एक अन्य पश्चिमी विक्षोभ आने वाला है जो 2 फरवरी को उत्तर भारत में दस्तक दे सकता है। इसके साथ ही एक ट्रफ भी उत्तर भारत के मैदानी इलाकों से अरब सागर तक बनेगी। साथ ही मैदानी क्षेत्रों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र भी विकसित होगा।
एक साथ कई प्रभावी मौसमी सिस्टमों के संयुक्त प्रभाव से 3 फरवरी से मौसम बदलने की संभावना है। बादल छाने लगेंगे और बरसात की गतिविधियां भी शुरू होंगी। लेकिन बारिश राजधानी के लोगों को 4 और 5 फरवरी को सबसे ज्यादा भिगोएगी।
इन दो दिनों के दौरान दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में मध्यम से भारी बारिश के साथ बादलों की तेज गर्जना, बिजली कड़कने और ओलावृष्टि होने की घटनाएं भी हो सकती हैं। बरसात के बाद न्यूनतम तापमान जरूर बढ़ जाएगा लेकिन बरसात खत्म होने के बाद जब उत्तर से ठंडी हवाएं आएंगी तो एक बार फिर से लोगों को सर्दी कांपने को मजबूर कर देगी।
न्यूनतम तापमान में मामूली सुधार
जींद में रविवार रात के तापमान में मामूली सुधार के साथ 4.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं अधिकतम तापमान 20.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। रात को कड़ाके की ठंड गिर रही है, लेकिन अच्छी बात यह है कि दिन में तीन दिन से लगातार निकल रही धूप से लोगों को ठंड से राहत मिल रही है। इधर कृषि एवं कल्याण विभाग के अधिकारियों का भी यह मानना है कि ठंड जितनी लंबी चलेगी गेहूं की फसल को भी फायदा उतना ही अधिक होगा। ठंड गेहूं की फसल के लिए किसी वरदान से कम नहीं है, लेकिन ठंड धीरे-धीरे जाए, मार्च माह के अंतिम सप्ताह तक ठंड बनी रहे तो गेहूं की बंपर पैदावार भी हो सकती है।
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