करनाल से युवाओं को मिल रही सपनों की उड़ान, एयरपोर्ट के विस्तार से प्रशिक्षु पायलटों को राहत
करनाल में एयरपोर्ट के विस्तार से प्रशिक्षु पायलटों को काफी राहत मिलेगी। करनाल में है हरियाणा इंस्टीट्यूट ऑफ सिविल एविएशन। हरियाणा सहित देश भर के युवा यहां ले रहे हैं प्रशिक्षण। रनवे की लंबाई बढ़ने से और बेहतर ढंग से करेंगे ट्रेनिंग।
करनाल, जेएनएन। लंबे इंतजार के बाद करनाल में एयरपोर्ट के विस्तार की मुहिम जोर पकड़ने के साथ ही उन युवाओं के चेहरे भी खिल गए हैं, जो यहां स्थित हरियाणा इंस्टीट्यूट ऑफ सिविल एविएशन में पायलट बनने का प्रशिक्षण ले रहे हैं। इनमें करनाल व हरियाणा ही नहीं बल्कि देश के विभिन्न राज्यों से आए युवा भी शामिल हैं। इन सभी को उम्मीद है कि करनाल और हिसार सहित प्रदेश में अब नए सिरे से नागरिक उड्डयन से जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा मिलने से उनके करियर को भी पंख लग सकेंगे। वहीं, प्रोजेक्ट के तहत एयरपोर्ट के रनवे का दायरा बढ़ाने से उन्हें प्रशिक्षण लेने में भी काफी सहूलियत हासिल होगी।
करनाल में फिलहाल एयरपोर्ट के रूप में जिस हवाई पट्टी का प्रयोग किया जा रहा है, वह दरअसल हरियाणा इंस्टीट्यूट ऑफ सिविल एविएशन करनाल की है। इसे नेवल हवाई पट्टी भी कहा जाता है। कलवेहड़ी रोड स्थित यह हवाई पट्टी करीब 105 एकड़ क्षेत्र में है। इसका रनवे 3000 फुट लंबा है। इसी रनवे को परियोजना के तहत 5000 फुट करने की योजना है।
इंस्टीट्यूट में विज्ञान संकाय से 12वीं उत्तीर्ण विद्यार्थी को कामर्शियल पायलट लाइसेंस के लिए 200 घंटे की उड़ान करवाई जाती है। यह लाइसेंस डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन दिल्ली से बनता है। प्रशिक्षण के लिए टू सीटर सेशना-152 व फोर सीटर सेशना-172 क्राफ्ट यहां उपलब्ध हैं। कोरोना काल के समय संस्थान में विद्यार्थियों को नियमित प्रशिक्षण से वंचित रहना पड़ा। अब जाकर उनकी गतिविधियां पुन: जोर पकड़ना शुरू हुई हैं। वहीं हाल में प्रदेश सरकार की ओर से करनाल में एयरपोर्ट के विस्तार के साथ नवीनीकरण कार्य आगे बढ़ाने की योजना मंजूर होने से उन्हें भी काफी फायदा मिल सकेगा। सबसे बड़ी सहूलियत उन्हें प्रशिक्षण में हासिल होगी क्योंकि अब वे न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप कहीं बेहतर और विस्तारित रनवे पर हवाई जहाज उड़ाने के गुर सीख सकेंगे। साथ ही करियर से जुड़े विकल्प भी बढ़ने की उम्मीद से उनके चेहरे खिल उठे हैं।
बता दें कि एयरपोर्ट की मौजूदा हवाई पट्टी का विस्तार तीन से पांच हजार फुट तक करने की तैयारी है, जिसके बाद यहां छोटे और मध्यम श्रेणी के विमान आसानी से उतर सकेंगे। वहीं, एयरपोर्ट परियोजना के विस्तार से राज्य में निवेश और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। सीएम सिटी का यह बहुआयामी प्रोजेक्ट काफी समय से लटका हुआ था। खासकर, भूमि खरीद को लेकर लेकर उलझे मामले के कारण यह परियोजना सिरे नहीं चढ़ पा रही थी। लेकिन अब मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में उच्चाधिकार प्राप्त भूमि खरीद समिति द्वारा लिए गए ऐतिहासिक निर्णय के नतीजे में पूरी हुई है।
उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बताया कि इस परियोजना के तहत करनाल एयरपोर्ट की मौजूदा हवाई पट्टी का विस्तार 3000 फुट से 5000 तक किया जाएगा। यहां उतरने वाले छोटे व मध्यम श्रेणी के विमानों का उपयोग पार्किंग, बेसिंग व लाइट एमआरओ में किया जा सकेगा। इसे दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निकटवर्ती क्षेत्र होने का भी स्वाभाविक लाभ हासिल होगा।