कोविन एप पर नाम नहीं है, फिर भी करा सकेंगे टीकाकरण

कोरोना वैक्‍सीन के वैक्‍सीनेशन को लेकर सामने आ रही बेरुखी के बाद स्‍वास्‍थ्य विभाग ने एक अहम फैसला लिया है। अब कोरोना वैक्‍सीन लगवाने के लिए कोविन एप पर रजिस्‍ट्रेशन की जरूरत नहीं है। पहले कोविन एप पर रजिस्‍टर्ड कर्मियों को ही वैक्‍सीन लगाई जा रही थी।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Fri, 22 Jan 2021 02:32 PM (IST) Updated:Fri, 22 Jan 2021 02:32 PM (IST)
कोविन एप पर नाम नहीं है, फिर भी करा सकेंगे टीकाकरण
कोविन एप पर रजिस्ट्रेशन अब जरूरी नहीं है।

पानीपत/यमुनानगर, जेएनएन। कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण कराने को कर्मी आगे नहीं आ रहे हैं। सरकार की ओर से भेजी गई डोज भी खराब हो रही हैं। इसे देखते हुए अब नई व्यवस्था की गई है। वह कर्मी भी टीका लगवा सकते हैं, जिनका कोविन एप पर रजिस्ट्रेशन नहीं हो सका था। पहले कोविन एप पर रजिस्टर्ड कर्मियों को ही वैक्सीन लगाई जा रही थी। 

जिले में टीकाकरण अभियान की शुरूआत 16 जनवरी से हो चुकी है। फिर सोमवार, मंगलवार और गुरुवार को टीकाकरण हुआ। इन चार दिनों में 2426 कर्मियों को वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है। पहले दिन जिले में छह केंद्रों पर वैक्सीनेशन हुई। दूसरे दिन पांच केंद्र और तीसरे दिन 16 केंद्रों पर वैक्सीनेशन हुई। गुरुवार को 12 केंद्रों पर कर्मियों को टीका लगाया गया। 

100 कर्मियों का एक केंद्र पर टीकाकरण

 एक केंद्र पर रोजाना 100 कर्मियों के टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया था। एक या दो सेंटर को छोड़कर किसी भी  केंद्र पर लक्ष्य पूरा नहीं हुआ। किसी पर भी 90 फीसद, तो कही पर 75 फीसद तक टीकाकरण हुआ। इसकी वजह से कई केंद्रों पर टीके की डोज भी डिस्ट्रॉय करनी पड़ी। जिले की बात करें, तो यहां पर 178 डोज डिस्ट्रॉय करनी पड़ी हैं। 

वैक्सीन खुलने के चार घंटे बाद तक लिमिट

कोरोना वैक्सीन की 10हजार 830 डोज जिले में आई है। जिसमें को-वैक्सीन की 3200 व कोविशील्ड की 7630 डोज हैं। को-वैक्सीन की एक शीशी पांच मिलीमीटर व कोविशील्ड की शीशी 10  मिलीमीटर की है। एक व्यक्ति को 0.5 एमएल डोज लगाई जा रही है। एक शीशी खुलने के चार घंटे तक ही ठीक रह सकती है। समय पूरा होने के बाद उसे डिस्ट्रॉय करना होता है। 

210 रुपये की पड़ रही एक डोज

स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार  वैक्सीन की एक डोज 210 रुपये की पड़ रही है। 178 के हिसाब से जिले में अब तक 21 हजार 420 रुपये की डोज बर्बाद हो चुकी है। एक वायल 4200 रुपये की पड़ती है। एक लाभा‌र्थी को 28 दिन में दूसरा डोज लगना है। यदि एक लाभार्थी पर 420 रुपये का खर्च आ रहा है। प्रथम चरण में करीब सात हजार हेल्थ वर्करों का टीकाकरण होना है। अभी तक जिले में 10 हजार 830 ‌डोज आई है। इस हिसाब से 22 लाख 74 हजार 300 रुपये की डोज यहां पहुंची है।

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